अश्वनी प्रतापसिंह @ राजसमंद. 'आसमान से गिरे खजूर पर
अटके, कुछ ऐसी ही स्थिति तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती (रिशफल २०१८) के
अभ्यर्थियों की हो रही है। पहले परिणाम में अभ्यर्थियों को लम्बा इंतजार
करना पड़ा, जब नौकरी का नम्बर आया तो आचार संहिता ने टंगड़ी लगा दी।
हालांकि मंगलवार को शिक्षा विभाग ने इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग करवा दी लेकिन नियुक्ति के लिए उन्हें आचार संहिता खत्म होने इंतजार करना होगा। जिससे बेरोजगारी का दंश अभी कम से कम 3 महीने और झेलना पड़ सकता है।
280 अभ्यर्थियों की हुई काउंसलिंग
मंगलवार को शहर के उच्च प्राथमिक विद्यालय सूरजपोल में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2018 रिशफल परिणाम लेवल -2 की काउंसलिंग हुई। जिसमें कुल 280 अभ्यर्थियों ने पहुंचकर कांउसलिंग में हिस्सा लिया। जिले में रिक्त स्कूलों के अनुसार उनकी काउंसलिंग कर उन्हें स्कूलों का आवंटन कर दिया गया, लेकिन अभी नियुक्ति नहीं दी गई।
इस कारण से अटकी नियुक्ति
दरअसल काउंसलिंग के बाद जिला स्थापना समिति द्वारा इसका अनुमोदन किया जाता है, अनुमोदन पश्चात नियुक्ति दी जाती है। इस समिति में सीईओ जिला परिषद, अतिरिक्त कलक्टर, माध्यमिक और प्रारम्भिक शिक्षा के जिला शिक्षाधिकारी प्रशासन की ओर से रहते हैं, जबकि जिला प्रमुख राजनीतिक पार्टी से रहते हैं। आचार संहिता लगने से जिला प्रमुख के निर्देशन में कोई बैठक नहीं हो सकती, जिसके चलते नियुक्ति अटक गई है।
तीन माह और बेरोजगारी !
लोगसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता मई माह में चुनावी परिणाम आने के बाद समाप्त होगी। इसके बाद ही अनुमोदन समिति की बैठक होकर अभ्यर्थियों का अनुमोदन हो सकेगा। ऐसे में अभ्यर्थियों को मार्च, अप्रेल और पूरा मई इंतजार करना पड़ सकता है। उन्हें मार्च से पूर्व नियुक्ति मिल जाती तो वित्तीय वर्ष 2018 -19 सेवाओं का लाभ मिलता।
15 अभ्यर्थियों की अटकी प्रक्रिया
इधर, जिले के लिए चयनित 295 अभ्यर्थियों में से 15 की काउंसलिंग प्रक्रिया जिला परिषद द्वारा रोक दी गई है। इसमें अधिकतर मामले ऐसे हैं, जिनमें बीएड की डिग्री प्रदेश से बाहर की है। अभ्यर्थी मनोज कुमार, जोधसिंह, मोहरसिंह, चेतन राठौड़, सुभाषचंद यादव, देवीलाल पटेल, भरत कुमार आदि ने कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि दस्तावेज सत्यापन के उपरांत राज्य से बाहर प्रशैक्षणिक योग्यता (बीएड) होने के कारण उन्हें काउंसलिंग से वंचित कर दिया गया है। जबकि प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा जारी गाइड लाइन में 50 रुपए के स्टाम्प पर शपथ-पत्र देकर नियुक्ति का प्रावधान दिया गया है। उनका आरोप है कि प्रदेश के अन्य जिला परिषदों ने इसी आधार पर काउंसलिंग करवाई है, लेकिन यहां उन्हें प्रक्रिया से वंचित किया गया है।
लिस्ट के आधार पर किया है...
जिला परिषद से जो फाइनल लिस्ट मिली है, उसमें २८० अभ्यर्थी थे, हमने सभी की काउंसलिंग कर दी है, अब नियुक्ति आचार संहिता के बाद ही हो पाएगी।
नेरशचंद्र डांगी, जिला शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक), राजसमंद
निर्देश मांगे हैं...
15 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में कुुछ संदेह है, हालांकि उन्हें हमने अपात्र नहीं माना है, लेकिन विभाग से मार्ग दर्शन मांगा है। जैसा मार्ग दर्शन मिलेगा, आगे की प्रक्रिया पूरी करवा देंगे।
निमिषा गुप्ता, मुख्यकार्यकारी अधिकारी, राजसमंद
हालांकि मंगलवार को शिक्षा विभाग ने इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग करवा दी लेकिन नियुक्ति के लिए उन्हें आचार संहिता खत्म होने इंतजार करना होगा। जिससे बेरोजगारी का दंश अभी कम से कम 3 महीने और झेलना पड़ सकता है।
280 अभ्यर्थियों की हुई काउंसलिंग
मंगलवार को शहर के उच्च प्राथमिक विद्यालय सूरजपोल में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2018 रिशफल परिणाम लेवल -2 की काउंसलिंग हुई। जिसमें कुल 280 अभ्यर्थियों ने पहुंचकर कांउसलिंग में हिस्सा लिया। जिले में रिक्त स्कूलों के अनुसार उनकी काउंसलिंग कर उन्हें स्कूलों का आवंटन कर दिया गया, लेकिन अभी नियुक्ति नहीं दी गई।
इस कारण से अटकी नियुक्ति
दरअसल काउंसलिंग के बाद जिला स्थापना समिति द्वारा इसका अनुमोदन किया जाता है, अनुमोदन पश्चात नियुक्ति दी जाती है। इस समिति में सीईओ जिला परिषद, अतिरिक्त कलक्टर, माध्यमिक और प्रारम्भिक शिक्षा के जिला शिक्षाधिकारी प्रशासन की ओर से रहते हैं, जबकि जिला प्रमुख राजनीतिक पार्टी से रहते हैं। आचार संहिता लगने से जिला प्रमुख के निर्देशन में कोई बैठक नहीं हो सकती, जिसके चलते नियुक्ति अटक गई है।
तीन माह और बेरोजगारी !
लोगसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता मई माह में चुनावी परिणाम आने के बाद समाप्त होगी। इसके बाद ही अनुमोदन समिति की बैठक होकर अभ्यर्थियों का अनुमोदन हो सकेगा। ऐसे में अभ्यर्थियों को मार्च, अप्रेल और पूरा मई इंतजार करना पड़ सकता है। उन्हें मार्च से पूर्व नियुक्ति मिल जाती तो वित्तीय वर्ष 2018 -19 सेवाओं का लाभ मिलता।
15 अभ्यर्थियों की अटकी प्रक्रिया
इधर, जिले के लिए चयनित 295 अभ्यर्थियों में से 15 की काउंसलिंग प्रक्रिया जिला परिषद द्वारा रोक दी गई है। इसमें अधिकतर मामले ऐसे हैं, जिनमें बीएड की डिग्री प्रदेश से बाहर की है। अभ्यर्थी मनोज कुमार, जोधसिंह, मोहरसिंह, चेतन राठौड़, सुभाषचंद यादव, देवीलाल पटेल, भरत कुमार आदि ने कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि दस्तावेज सत्यापन के उपरांत राज्य से बाहर प्रशैक्षणिक योग्यता (बीएड) होने के कारण उन्हें काउंसलिंग से वंचित कर दिया गया है। जबकि प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा जारी गाइड लाइन में 50 रुपए के स्टाम्प पर शपथ-पत्र देकर नियुक्ति का प्रावधान दिया गया है। उनका आरोप है कि प्रदेश के अन्य जिला परिषदों ने इसी आधार पर काउंसलिंग करवाई है, लेकिन यहां उन्हें प्रक्रिया से वंचित किया गया है।
लिस्ट के आधार पर किया है...
जिला परिषद से जो फाइनल लिस्ट मिली है, उसमें २८० अभ्यर्थी थे, हमने सभी की काउंसलिंग कर दी है, अब नियुक्ति आचार संहिता के बाद ही हो पाएगी।
नेरशचंद्र डांगी, जिला शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक), राजसमंद
निर्देश मांगे हैं...
15 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में कुुछ संदेह है, हालांकि उन्हें हमने अपात्र नहीं माना है, लेकिन विभाग से मार्ग दर्शन मांगा है। जैसा मार्ग दर्शन मिलेगा, आगे की प्रक्रिया पूरी करवा देंगे।
निमिषा गुप्ता, मुख्यकार्यकारी अधिकारी, राजसमंद
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