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हाईकोर्ट ने 2006 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयनित बीएड योग्यताधारक अभ्यर्थियों को वेतन विसंगति मामले में राहत देते हुए राज्य सरकार व शिक्षा विभाग को निर्देश

हाईकोर्ट ने 2006 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयनित बीएड योग्यताधारक अभ्यर्थियों को वेतन विसंगति मामले में राहत देते हुए राज्य सरकार व शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वे एक वेतन वृद्दि के संबंध में दी प्रार्थियों की परिवेदनाओं पर विचार करें।
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश रमेश चन्द्र व अन्य की याचिकाओं का निपटारा करते हुए दिया। अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि प्रार्थी बीएड योग्यताधारक हैं। उन्होंने 2006 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में भाग लिया और उसमें चयनित हुए। उन्हें 2008 में नियुक्ति दी गई। लेकिन इसी भर्ती में उनसे पहले 2007 में नियुक्त बीएसटीसी योग्यताधारक शिक्षकों को उनसे एक वेतन वृद्दि का ज्यादा वेतनमान दिया जा रहा है। प्रार्थियों को 42500 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है। बीएसटीसी योग्यताधारक शिक्षकों को 43800 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है। याचिका में कहा कि एक ही भर्ती में चयनित शिक्षकों के बीच वेतनमान में विसंगति नहीं हो सकती। इसलिए उन्हें भी अन्य समकक्ष शिक्षकों के समान वेतनमान दिलाया जाए और एक वेतन वृद्दि का लाभ दिया जाए। अदालत ने सरकार व शिक्षा विभाग को प्रार्थियों की एक वेतन वृद्दि के संबंध में दी गई परिवेदनाओं पर विचार करने का निर्देश दिया।

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