निर्वाचन विभाग की ओर से 5 राज्यों में चुनावों की घोषणा होते ही प्रदेश
में भी आचार संहिता लागू हो गई है। इसके चलते सरकारी महकमों में रविवार को
अवकाश के बावजूद हलचल रही।
आचार संहिता की वजह से शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित करीब 5
करोड़ रुपए के विकास कार्यों पर रोक लग गई है। ये वे काम हैं, जिनकी
विभागों की ओर से अखबारों के माध्यम से निविदा तो निकाल दी गई, लेकिन वर्क
ऑर्डर नहीं जारी किया जा सका। इनमें नगर परिषद-यूआईटी के ही करीब पौने 2
करोड़ की सड़कें, नालियां और पेचवर्क के काम शामिल हैं। इसके अलावा पीएचईडी
के 3.5 करोड़ के पेजयल प्रोजेक्ट के हाल ही टेंडर हुए थे, लेकिन वर्क ऑर्डर
नहीं मिला था। ऐसे में शहर को पानी पिलाने का यह काम भी अटक गया है। आचार
संहिता का बड़ा असर यह हुआ कि रविवार से रोडवेज कर्मी काम पर लौट आए और बसें
चलनी शुरू हो गईं, वहीं सोमवार से पंचायतीराज, मंत्रालयिक सहित सभी हड़ताली
कर्मचारी भी ड्यूटी आ जाएंगे। हालांकि पंचायतीराज कर्मचारियों ने सरकार के
विरोध स्वरूप श्राद्ध दिवस मनाने का निर्णय लिया है। जिले की सभी पंचायत
समिति मुख्यालयों पर कर्मचारी गायों व कौओं को भोजन कराएंगे।
बाड़मेर। आचार संहिता लगने के बाद गत 20 दिनों से हड़ताल पर चल रहे
रोडवेज कर्मचारियों का रविवार को धरना समाप्त हो गया। सिणधरी चौराहे से
सवारियां बैठाती गडरा-जयपुर रोडवेज बस।
नगर परिषद: रविवार काे बाबुओं ने किया काम
नगर परिषद में करीब एक करोड़ रुपए के टेंडर जारी हो चुके हैं, जिनके
वर्क ऑर्डर जारी होने थे, वहीं कई ऐसे टेंडर हैं, जो आने वाले दिनों में
खोले जाने थे। अब आचार सहिंता से ये काम भी अटक गए हैं। नए काम शुरू नहीं
होने से आने वाले दो माह तक आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
पीएचईडी: अटक सकता है पेयजल प्रोजेक्ट | शहर में पीएचईडी की ओर
से पेयजल के लिए 3.5 करोड़ रुपए का टेंडर जारी हो चुका है, लेकिन इन दिनों
वर्क ऑर्डर का इंतजार था। ऐसी स्थिति में चुनाव आचार सहिंता लगने से
पीएचईडी के 3.5 करोड़ का पेयजल प्रोजेक्ट अटक सकता है।
अाचार सहिंता: अब ये काम नहीं होंगे
राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोग सरकारी वाहनों का उपयोग नहीं कर सकेंगे,
राजकीय कोष से कोई राजनीतिक आयोजन नहीं होगा। सरकारी योजनाओं का
प्रचार-प्रसार, कार्मिकों की नियुक्ति, स्थानांतरण, लाउड स्पीकर, उद्घाटन,
लोकार्पण, बैनर-होर्डिंग, पेंफ्लेट्स नहीं लगा सकते हैं। हड़ताल,
धरना-प्रदर्शन और जुलूस नहीं निकाल सकते हैं।
88 सफाई कार्मिकों, 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति भी अटकी
नगर परिषद के 88 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति अटक गई है। कई
दिनों से नियुक्ति को लेकर आंदोलन चल रहा था। आवेदन पत्रों की जांच के बाद
नियुक्ति दी जानी थी। इसी तरह थर्ड ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति भी अटक गई
है। मामला हाइकोर्ट में चल रहा है और सोमवार को फैसले की सुनवाई होनी है।
26 हजार शिक्षकों के पद पर भर्ती हुई थी। बाड़मेर के 4200 शिक्षक इससे
प्रभावित होंगे। अब सरकार व शिक्षा विभाग को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी
होगी। अगर चुनाव आयोग नियुक्ति को हरी झंडी देता है तो शिक्षकों की
नियुक्ति हो सकती है।
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