जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोटिस जारी कर पूछा है कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2018 की भर्ती केवल रीट के अंकों के आधार पर क्यों की जा रही है।
न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश महेन्द्र कुमार जाटोलिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के बीस हजार पदों पर गत दिनों भर्ती निकाली है, जिसके चयन में केवल रीट के अंकों को आधार बनाया गया है। जबकि एनसीटीई की 11 फरवरी 2011 की अधिसूचना के तहत रीट के अंकों को केवल भर्ती में वेटेज दिया जा सकता है।
याचिका में यह भी कहा गया कि रीट-2015 में 14 अंक बोनस के लिए गए और परीक्षा परिणाम 48 फीसदी रहा। जबकि रीट-2017 में परिणाम 35 फीसदी रहा। इसके साथ ही इसके सात विवादित प्रश्नों का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। ऐसे में यदि रीट के अंकों के आधार पर ही भर्ती की गई तो इसका सारा लाभ वर्ष 2015 में हुई रीट के अभ्यर्थियों को मिल जाएगा।
वहीं, याचिका में गुहार की गई है कि लिखित परीक्षा या स्कैलिंग के जरिए शिक्षक भर्ती आयोजित की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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