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1998 शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर मांगा जवाब

ये था 1998 घोटाला : वर्ष1998 में जिला परिषद के माध्यम से शिक्षकों की सीधी भर्ती की गई थी। इस भर्ती में करीब 30 से अधिक अभ्यर्थियों ने दस्तावेज में कांट छांट कर वरियता लिस्ट में ना आगे ले आए थे।
जिसके बाद उन्हें नियुक्ति मिली थी। वंचित अभ्यर्थी ने कोर्ट के माध्यम से घोटाले का खुलासा किया था। जिसके बाद करीब 30 से अधिक अभ्यर्थी को पुन: नौकरी से निकाला गया था। मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है। जिसके कारण अभी तक कोई प्रभावी निर्णय नहीं सका है।

डूंगरपुर| जिलापरिषद की ओर से हुई शिक्षक भर्ती 1998 में तत्कालीन एबीईईओ की ओर से दस्तावेज जांच में लापरवाही बरतने पर उदयपुर उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा शहर पहुंचे।

डीडी उदयपुर माध्यमिक शिक्षा भरत मेहता ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक अनोपसिंह सिसोदिया और प्रारंभिक मणिलाल छगण की उपस्थिति में तत्कालीन एबीईईओ वर्तमान बांसिया स्कूल प्रधानाचार्य रमेशचंद्र पंचाल की चल रही जांच में जवाब मांगा।

भरत मेहता ने बताया कि शिक्षक भर्ती 1998 में कुछ अभ्यर्थियों ने कुट रचित दस्तावेज बनाकर कर नौकरी प्राप्त की थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है। इसी प्रकरण में भर्ती के समय दस्तावेज जांच समिति में सम्मिलित सदस्यों ने दस्तावेज जांच में लापरवाही बरतने पर उनके जवाब मांगा जा रहा है।

सरकारी स्कूलों का किया निरीक्षण

डीडीभरत मेहता ने किशनलाल गर्ग उमावि का निरीक्षण किया। प्रधानाचार्य अशोक कुमार भट्ट ने बताया कि स्कूल में परीक्षा संचालन और बच्चों से संवाद किया। इसके साथ ही स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों और रिजल्ट के बारे में जानकारी पूछी।

शिक्षक भर्ती 1998 में उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा जांच के लिए पहुंचे।

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