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कॉमर्स के 1 लाख बीएड डिग्री हाेल्डर्स III ग्रेड टीचर्स भर्ती से बाहर, ये हैं असल पेंच



जयपुर. यदि शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा (रीट) में कॉमर्स के बीएड धारी सौ फीसदी अंक भी हासिल करते हैं तो भी वे थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के योग्य नहीं हैं। सरकार इंटर्नशिप के दौरान कॉमर्स से बीएड कर रहे इन युवाओं को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए भले ही लगा रही है, लेकिन दोहरी नीति का आलम यह है कि इन्हीं स्कूलों में थर्ड ग्रेड शिक्षक नहीं बन सकते। नियमों की पेंचदगी के चलते प्रदेशभर में करीब एक लाख ऐसे युवा हैं जो इस भर्ती से फिलहाल हमेशा के लिए बाहर हैं।
- फिलहाल राज्य में प्रक्रियाधीन 2016 की 6045 पदों की लेवल टू भर्ती में ये युवा इसी परेशानी से जूझ रहे हैं। इसके ऑनलाइन आवेदन 11 नवंबर तक हैं। इस बार होने वाली रीटा में शामिल होने के बावजूद उन्हें भर्ती से बाहर ही रहना पड़ेगा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से होने वाली रीट की आवेदन प्रक्रिया सोमवार से शुरु हो गई है।
- सरकार 35 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षक पदों पर भर्ती करेगी। राज्य में हर शिक्षा सत्र में करीब दस हजार बीएड धारी कॉमर्स स्ट्रीम से आ रहे हैं।
इधर राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट संदीप कलवानिया एक्ट का हवाला देते हैं कि आरटीई एक्ट-2009 में लेवल टू में स्नातक के साथ बीएड धारी नियुक्ति के पात्र हैं। ऐसे में इन्हें भर्ती से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
क्या है असल पेंच, थर्ड ग्रेड भर्ती में क्यों नहीं कॉमर्स
- राज्य सरकार के तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती नियमों के तहत लेवल टू के लिए बीएड होना जरूरी है। रीट की मैरिट सूची में स्थान इसकी अगली अनिवार्यता है। साइंस, आर्ट्स विषयों से बीएड करने वाले तो भर्ती के योग्य हैं, लेकिन इससे कॉमर्स स्ट्रीम को आउट कर दिया गया है।
- विभाग का मानना है कि उच्च प्राथमिक स्तर तक की कक्षाओं के लिए कॉमर्स ग्रेजुएट की आवश्यकता नहीं है। इनकी जरूरत सिर्फ माध्यमिक शिक्षा के लिए ही है। ऐसे में स्नातकोत्तर के साथ ही बीएड डिग्री होने पर ये युवा लेक्चरर बनने के जरूर योग्य हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक प्रदेशभर में करीब एक लाख युवा ऐसे हैं जिन्होंने कॉमर्स स्ट्रीम से बीएड कर रखा है।
सिर्फ कॉमर्स स्ट्रीम को टारगेट नहीं किया जाना चाहिए। कॉमर्स ग्रेजुएट आठवीं तक के बच्चों को सभी किताबें पढ़ाने के साथ ही मैथ्स को भी बेहतर ढंग से पढ़ा सकता है। सरकार को भर्ती नियमों में बदलाव करना चाहिए अन्यथा इनके रीट में शामिल होने का भी कोई अर्थ नहीं रह जाता। -डॉ. प्रभात शर्मा, डायरेक्टर, नवभारती बीएड कॉलेज जयपुर
कॉमर्स बीएड धारी के लिए लेवल टू भर्ती में पदों का प्रावधान नहीं है। ऐसे में विभागीय स्तर पर कुछ नहीं किया जा सकता। यह उच्च स्तर का फैसला है। इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव का निर्णय भी उच्च स्तर पर ही हो सकता है। -एस.एन. यादव, अनुसंधान अधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा

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