आरपीएससी की ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा अगले साल होगी। जॉब जंक्शन में इस बार एक्सपर्ट्स हिंदी विषय की तैयारी के बारे में जरूरी जानकारी दे रहे हैं। एक्सपर्ट्स ने बताया कि शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के बदलते स्वरूप के अनुसार रणनीति बनाकर समय प्रबंधन के अनुसार तैयारी करनी होगी।
परीक्षा में चयन के लिए दो प्रश्न-पत्रों की परीक्षा के आधार पर मेरिट बनती है।
प्रथम प्रश्न-पत्र सामान्य अध्ययन 200 अंक तथा द्वितीय पेपर हिंदी 300 अंक का होगा। दोनों पेपर 500 अंकों के रहेंगे। पहले पेपर में सामान्य अध्ययन में कई चैप्टर शामिल होंगे। इसमें राजस्थान की सभ्यता, संस्कृति एवं इतिहास, राजस्थान का भूगोल, राजव्यवस्था, आरपीएससी, राज्य मानवाधिकार आयोग और पंचायतीराज, राज्य के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक खेल जगत से जुड़ी हुई नवीनतम घटनाएं, भारत एवं भारतीय विदेश नीति का स्वरूप, भारतीय अर्थव्यवस्था आदि की प्रमुख तौर पर तैयारी करने की जरूरत है। हिंदी में सफलता के लिए अभ्यर्थियों को व्याकरण पर विशेष फोकस करना चाहिए।
डॉ. राघव प्रकाश, डाॅ. रीता गौड़ डॉ. किरण शर्मा (जयपुर)
एक्सपर्ट्स
परीक्षा से पहले इन छह बिंदुओं पर जरूर ध्यान दें
1.अभ्यर्थियों को दोनों पेपर की तैयारी पर बराबर ध्यान देने की जरूरत है।
2. निगेटिव मार्किंग है। इसलिए सही लगने वाले सवालों के ही जवाब दें।
3. हिंदी साहित्य विस्तृत विषय है। इसलिए पाठ्यक्रम में दिए गए बिंदुओं पर ही ध्यान केंद्रित करें।
4. सभी विषयों की गहराई में जाकर उलझें।
5. लक्ष्यबद्ध अध्ययन के लिए अनुशासन एवं समय प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। अत: एक समय-सारणी बनाकर उसका कठोरतापूर्वक पालन करें।
6. नोट्स बनाते समय टॉपिक को बिंदु अनुसार लिखें। आत्मविश्वास के साथ तैयारी करें और पेपर हल करें।
शिक्षण विधियां
हिंदीविषय की शिक्षण विधियां भी प्रमुख हैं। पाठ्यक्रम के तृतीय भाग में हिंदी विषय की शिक्षण विधियों को शामिल किया गया है। प्रश्न-पत्र में इस भाग से 20 प्रश्न पूछे जाते हैं और इसके लिए 40 अंक निर्धारित हैं। योजनाबद्ध तरीके से इसकी तैयारी करनी चाहिए।
हिंदी भाषा का ज्ञान
शब्दशक्ति, काव्य रीति, काव्यगुण, दोष, अलंकार का ज्ञान एवं हिंदी साहित्य के इतिहास के अंतर्गत पाठ्यक्रम में सम्मिलित साहित्यकारों एवं रचनाओं का ज्ञान पूछा जाएगा। इस भाग के लिए प्रश्न-पत्र में 80 अंक निर्धारित हैं तथा इस भाग से 40 सवाल पूछे जाते हैं।
{इतिहास
हिंदीसाहित्य के इतिहास एवं काव्य रचनाओं का अध्ययन करें। इस चैप्टर से 15-25 सवाल आते हैं।
तैयारीकैसे करें : हिंदीसाहित्य के इतिहास की रूपरेखा को समझ लें, संक्षिप्त सारणी बना लें। गत वर्ष की परीक्षाओं में आए हिंदी साहित्य एवं भाषा के प्रश्नों को हल करते हुए संपूर्ण हिंदी साहित्य के इतिहास एवं भाषा को मोटे रूप से समझ लें।
{काव्य शास्त्र
स्नातकस्तरीय काव्य शास्त्र के 10 से 15 सवाल भी पूछे जाते हैं। यह अवधारणात्मक होते हैं।
तैयारीकैसे करें : प्रत्येकविषय को समझें। परिभाषाओं एवं उदाहरणों को कंठस्थ करें। गत वर्ष की परीक्षाओं में आए प्रश्नों को हल करें। शब्द शक्ति, काव्य रीति, गुण, दोष, अंलकार, छंद रस के संक्षिप्त चार्ट बनाकर तैयारी करें।
{शिक्षणविधियां
हिंदीभाषा एवं साहित्य की शिक्षण विधियों से जुड़े भी 20 सवाल आते हैं। 40 अंक निर्धारित है।
तैयारीकैसे करें : शिक्षणविधियों पर स्तरीय पुस्तकें पढ़ें। विभिन्न विधियों की अवधारणाओं को समझें और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों से संबंधित सामग्री का अध्ययन करें।
{व्याकरण
माध्यमिकउमा स्तर की व्याकरण से 40 सवाल आते हैं। इसमें अवधारणात्मक तरीके के सवाल पूछे जाते हैं।
तैयारीकैसे करें : व्याकरणके अंतर्गत वर्ण विचार, शब्द विचार को अच्छी तरह समझ लें। व्याकरण के प्रत्येक नियम को रटे नहीं, समझें। संक्षिप्त नोट्स बनाएं, समझकर अभ्यास करें। व्याकरण की एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ें।
{गद्य-पद्यरचनाएं
कक्षा9-12वीं तक अनिवार्य ऐच्छिक हिंदी की गद्य-पद्य की रचनाएं पढ़ें। 100 अंकों के 50 सवाल आएंगे।
तैयारीकैसे करें : प्रत्येकशब्द के अर्थ को समझें। इससे आपकी विश्लेषण क्षमता का विकास हाेगा। लेखक के जीवन एवं कृति-परिचय के संक्षिप्त चार्ट बना लें।
व्याकरण ज्ञान
माध्यमिकउच्च माध्यमिक स्तर का व्याकरण ज्ञान शामिल है। कक्षा नौ से 12वीं तक अनिवार्य हिंदी एवं ऐच्छिक हिंदी की गद्य एवं पद्य समस्त रचनाओं का ज्ञान। इस भाग पर प्रश्न-पत्र में 90 सवाल पूछे जाते हैं। जिनके लिए 180 अंक निर्धारित है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार हिन्दी के पेपर में 150 सवाल पूछे जाएंगे। हर सवाल दो अंक का होगा। आरपीएससी ने इस पेपर को तीन भागों में बांटा है। अभ्यर्थियों को तीन भागों पर विशेष मेहनत करने की जरूरत है।
परीक्षा में चयन के लिए दो प्रश्न-पत्रों की परीक्षा के आधार पर मेरिट बनती है।
प्रथम प्रश्न-पत्र सामान्य अध्ययन 200 अंक तथा द्वितीय पेपर हिंदी 300 अंक का होगा। दोनों पेपर 500 अंकों के रहेंगे। पहले पेपर में सामान्य अध्ययन में कई चैप्टर शामिल होंगे। इसमें राजस्थान की सभ्यता, संस्कृति एवं इतिहास, राजस्थान का भूगोल, राजव्यवस्था, आरपीएससी, राज्य मानवाधिकार आयोग और पंचायतीराज, राज्य के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक खेल जगत से जुड़ी हुई नवीनतम घटनाएं, भारत एवं भारतीय विदेश नीति का स्वरूप, भारतीय अर्थव्यवस्था आदि की प्रमुख तौर पर तैयारी करने की जरूरत है। हिंदी में सफलता के लिए अभ्यर्थियों को व्याकरण पर विशेष फोकस करना चाहिए।
डॉ. राघव प्रकाश, डाॅ. रीता गौड़ डॉ. किरण शर्मा (जयपुर)
एक्सपर्ट्स
परीक्षा से पहले इन छह बिंदुओं पर जरूर ध्यान दें
1.अभ्यर्थियों को दोनों पेपर की तैयारी पर बराबर ध्यान देने की जरूरत है।
2. निगेटिव मार्किंग है। इसलिए सही लगने वाले सवालों के ही जवाब दें।
3. हिंदी साहित्य विस्तृत विषय है। इसलिए पाठ्यक्रम में दिए गए बिंदुओं पर ही ध्यान केंद्रित करें।
4. सभी विषयों की गहराई में जाकर उलझें।
5. लक्ष्यबद्ध अध्ययन के लिए अनुशासन एवं समय प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। अत: एक समय-सारणी बनाकर उसका कठोरतापूर्वक पालन करें।
6. नोट्स बनाते समय टॉपिक को बिंदु अनुसार लिखें। आत्मविश्वास के साथ तैयारी करें और पेपर हल करें।
शिक्षण विधियां
हिंदीविषय की शिक्षण विधियां भी प्रमुख हैं। पाठ्यक्रम के तृतीय भाग में हिंदी विषय की शिक्षण विधियों को शामिल किया गया है। प्रश्न-पत्र में इस भाग से 20 प्रश्न पूछे जाते हैं और इसके लिए 40 अंक निर्धारित हैं। योजनाबद्ध तरीके से इसकी तैयारी करनी चाहिए।
हिंदी भाषा का ज्ञान
शब्दशक्ति, काव्य रीति, काव्यगुण, दोष, अलंकार का ज्ञान एवं हिंदी साहित्य के इतिहास के अंतर्गत पाठ्यक्रम में सम्मिलित साहित्यकारों एवं रचनाओं का ज्ञान पूछा जाएगा। इस भाग के लिए प्रश्न-पत्र में 80 अंक निर्धारित हैं तथा इस भाग से 40 सवाल पूछे जाते हैं।
{इतिहास
हिंदीसाहित्य के इतिहास एवं काव्य रचनाओं का अध्ययन करें। इस चैप्टर से 15-25 सवाल आते हैं।
तैयारीकैसे करें : हिंदीसाहित्य के इतिहास की रूपरेखा को समझ लें, संक्षिप्त सारणी बना लें। गत वर्ष की परीक्षाओं में आए हिंदी साहित्य एवं भाषा के प्रश्नों को हल करते हुए संपूर्ण हिंदी साहित्य के इतिहास एवं भाषा को मोटे रूप से समझ लें।
{काव्य शास्त्र
स्नातकस्तरीय काव्य शास्त्र के 10 से 15 सवाल भी पूछे जाते हैं। यह अवधारणात्मक होते हैं।
तैयारीकैसे करें : प्रत्येकविषय को समझें। परिभाषाओं एवं उदाहरणों को कंठस्थ करें। गत वर्ष की परीक्षाओं में आए प्रश्नों को हल करें। शब्द शक्ति, काव्य रीति, गुण, दोष, अंलकार, छंद रस के संक्षिप्त चार्ट बनाकर तैयारी करें।
{शिक्षणविधियां
हिंदीभाषा एवं साहित्य की शिक्षण विधियों से जुड़े भी 20 सवाल आते हैं। 40 अंक निर्धारित है।
तैयारीकैसे करें : शिक्षणविधियों पर स्तरीय पुस्तकें पढ़ें। विभिन्न विधियों की अवधारणाओं को समझें और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों से संबंधित सामग्री का अध्ययन करें।
{व्याकरण
माध्यमिकउमा स्तर की व्याकरण से 40 सवाल आते हैं। इसमें अवधारणात्मक तरीके के सवाल पूछे जाते हैं।
तैयारीकैसे करें : व्याकरणके अंतर्गत वर्ण विचार, शब्द विचार को अच्छी तरह समझ लें। व्याकरण के प्रत्येक नियम को रटे नहीं, समझें। संक्षिप्त नोट्स बनाएं, समझकर अभ्यास करें। व्याकरण की एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ें।
{गद्य-पद्यरचनाएं
कक्षा9-12वीं तक अनिवार्य ऐच्छिक हिंदी की गद्य-पद्य की रचनाएं पढ़ें। 100 अंकों के 50 सवाल आएंगे।
तैयारीकैसे करें : प्रत्येकशब्द के अर्थ को समझें। इससे आपकी विश्लेषण क्षमता का विकास हाेगा। लेखक के जीवन एवं कृति-परिचय के संक्षिप्त चार्ट बना लें।
व्याकरण ज्ञान
माध्यमिकउच्च माध्यमिक स्तर का व्याकरण ज्ञान शामिल है। कक्षा नौ से 12वीं तक अनिवार्य हिंदी एवं ऐच्छिक हिंदी की गद्य एवं पद्य समस्त रचनाओं का ज्ञान। इस भाग पर प्रश्न-पत्र में 90 सवाल पूछे जाते हैं। जिनके लिए 180 अंक निर्धारित है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार हिन्दी के पेपर में 150 सवाल पूछे जाएंगे। हर सवाल दो अंक का होगा। आरपीएससी ने इस पेपर को तीन भागों में बांटा है। अभ्यर्थियों को तीन भागों पर विशेष मेहनत करने की जरूरत है।
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