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सरकारी स्कूलों में भी अब पहली बार पैरेंट्स टीचर मीटिंग, तीन घंटे चलेगी मीटिंग

अजमेर.राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली बार 30 सितंबर को निजी स्कूलों की तर्ज पर पैरेंट्स टीचर मीटिंग होगी। इसके तहत शिक्षक विद्यार्थियों के अभिभावकों को स्कूल बुलाएंगे और उन्हें उनके बच्चे की प्रगति से अवगत कराएंगे। शिक्षक अभिभावकों को बच्चे की शिक्षा एवं व्यवहार से संबंधित सलाह भी देंगे तथा स्कूल के उन्नयन से संबंधित सुझाव आमंत्रित करेंगे।

शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार ने पहली बार यह निर्णय लिया है कि विद्यार्थियों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सीधे अभिभावकों से संवाद शुरू किया जाए। इसके तहत 30 सितंबर को राज्य के सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स टीचर मीटिंग आयोजित की जाएगी। शिक्षक अभिभावकों को स्कूल में बुलाएंगे तथा उनके बच्चे से संबंधित प्रगति से अवगत कराएंगे।

विद्यार्थी हित में लिया गया निर्णय

प्रो. देवनानी ने बताया कि निजी स्कूलों में अभिभावकों से शिक्षकों का प्रतिमाह संवाद होने के कारण अभिभावकों को बच्चों की प्रगति तथा अन्य जानकारियां प्राप्त होती रहती हैं। शिक्षक स्कूल के साथ ही घर पर भी पढ़ाई से संबंधित महत्वपूर्ण सलाह देते हैं। साथ ही अभिभावक भी स्कूल एवं पढ़ाई से संबंधित जिज्ञासा एवं समस्याओं के बारे में शिक्षकों से संवाद कर सकते हैं। संवाद का यह आदान-प्रदान अंततः विद्यार्थी के हित में होता है। राज्य सरकार ने यह पहल सरकारी स्कूलों में भी शुरू कर दी है।
पैरेंट्स से अपील : आज अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति आपकी सजगता...उनके कल को सुनहरा बनाएगी
पैरेंट्स टीचर मीटिंग 30 सितंबर को सुबह 8.30 से 11.30 बजे तक चलेगी। इसमें बच्चों के बारे में यह जानकारी ली जाएगी
- रिपोर्ट कार्ड द्वारा पढ़ाई -लिखाई की प्रगति।
- विभिन्न विषयों में प्रदर्शन और सुधार के क्षेत्र।
- समावेशी विकास के लिए अध्यापकों से मार्गदर्शन। साथ ही विद्यालय विकास योजना से अभिभावकों को परिचित कराया जाएगा।
मीटिंग का यह होगा एजेंडा
- 30-45 मिनट : संस्था प्रधान का प्राथमिक उदबोधन
- 15 मिनट : अभिभावकों की जिज्ञासाओं का समाधान तथा फीडबैक लेना।
- 2 घंटे : विद्यार्थी एवं अभिभावक की व्यक्तिगत बैठक - कक्षा शिक्षक अपनी कक्षा में रहेंगे, वहां अभिभावक अपने बच्चे की प्रगति की जानकारी लेंगे। इसके लिए विषय विशेष के शिक्षकों के साथ भी अभिभावक मिल सकेंगे। शिक्षक अभिभावकों के साथ विद्यार्थी के कठिनाई के विषय, जिसमें अधिक मेहनत तथा सहायता की आवश्यकता है, की जानकारी देंगे।
शिक्षक अनुचित नहीं, यूं करें उचित व्यवहार
1. यह है अनुचित व्यवहार :शिक्षिका बोलीं-मनु हमेशा गणित में कम नंबर लाता है।
यह है उचित व्यवहार : शिक्षिका को ऐसा बोलना चाहिए-आप मनु से रोज उसके पाठ के बारे में पूछें और जहां तक हो सके, कठिन विषयों में उसकी सहायता करने का प्रयास करें। जैसे गणित में उसे समस्या आती है।
2. यह है अनुचित व्यवहार :शिक्षिका बोलीं-रामू कक्षा में सबसे कमजोर विद्यार्थी है।
यह है उचित व्यवहार : शिक्षिका को ऐसा बोलना चाहिए-रामू को काफी मेहनत की जरूरत है। आप उसे घर पर प्रतिदिन पढ़ाएं।
आदर्श स्कूलों में मॉनिटरिंग के लिए जाएंगे डीईओ
सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारी को दायित्व सौंपे हैं। इसके तहत उन्हें परिक्षेत्र के आदर्श फेज प्रथम की बैठक में स्वयं उपस्थित होना होगा। बैठक स्थल से मॉनिटरिंग फार्म भरकर सरकार को भेजना होगा।
ये होंगे संस्था प्रधान व शिक्षकों के दायित्व
- अभिभावकों को लिखित आमंत्रण पत्र भेजना, सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर चस्पा करना। {मीटिंग की छोटी फिल्म-वीडियो क्लिप बनाना।
मीटिंग में अवश्य जाएं अभिभावक
- देवनानी ने बताया कि 30 सितंबर को पैरेंट्स टीचर मीटिंग से संबंधित आदेश सरकारी स्कूलों तक पहुंचाया जा चुका है। शाला प्रधानों को इस संबंध में निर्देशित किया जा चुका है। अभिभावकों से भी अपील है कि वे 30 सितंबर को पैरेंट्स टीचर मीटिंग में अवश्य जाएं, ताकि उन्हें बच्चे से संबंधित जानकारियां प्राप्त हो सकें।
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