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शिक्षक सेकंड ग्रेड की परीक्षा से 70 दिन पहले बदला हिंदी का 40% सिलेबस

भास्कर ने नए पुराने दोनों ही सिलेबस का अध्ययन किया तो सामने आया कि पूर्व के सिलेबस में गद्य पद्य में कुल 36 लेखक उनकी रचनाएं शामिल थी। नई किताबों में देखने पर सामने आया कि इस तरह की रचनाएं लेखक अब बढ़कर 81 हो गए हैं। लगभग सभी रचनाओं में बदलाव हुआ है।

कक्षा9 से 12 तक की किताबों का दायरा बढ़ाया
हिंदी शिक्षक सेकंड ग्रेड की परीक्षा के सिलेबस में गद्य पद्य के प्रश्नों के लिए कक्षा 9 से 12 तक की किताबों को जो दायरा बढ़ाया गया है। अब विद्यार्थियों को रानी लक्ष्मीबाई, गांधीजी, सहित कई नई रचनाएं उनके कवियों के बारे में पढ़ना पड़ेगा, जबकि बड़ी संख्या में बच्चे पुराने सिलेबस से तैयारी कर चुके हैं।
विद्यार्थी पुराने सिलेबस से कर चुके परीक्षा की तैयारी
भास्करसंवाददाता | बालोतरा
परीक्षासे 70 दिन पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग ने हिंदी शिक्षक सेकंड ग्रेड की परीक्षा के सिलेबस में करीब 40 फीसदी सिलेबस बदल दिया है। पुराने सिलेबस में गद्य पद्य में कुल 36 लेखक उनकी रचनाएं शामिल थी। नए सिलेबस में इस तरह की रचनाएं लेखकों की संख्या बढ़कर 81 हो गई हैं।
आरपीएससी ने जुलाई में वैकेंसी निकालने के दौरान पुराना सिलेबस ही जारी किया था। साथ ही यह भी कहा था कि सिलेबस नहीं बदला जाएगा। 20 से 25 नवंबर तक परीक्षा प्रस्तावित है। दो माह पहले अचानक सिलेबस बदलने से परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को तो मुश्किल में डाला ही है साथ ही मुश्किलें कोचिंग संचालकों की भी बढ़ गई हैं। दरअसल आयोग ने पार्ट में पूर्व में निर्धारित गद्य पद्य के लेखक रचनाओं को सिलेबस में से हटाते हुए उसके स्थान पर कक्षा 9 से 12 तक की राजस्थान बोर्ड की किताबों में नए सत्र में शामिल लेखकों रचनाओं की सभी गद्य पद्य रचनाओं को शामिल किया है। इनमें हिंदी की अनिवार्य ऐच्छिक दोनों ही किताबों को शामिल किया है। आयोग के इस बदलाव से सीधे तौर पर करीब 20 हजार अभ्यर्थी प्रभावित होंगे।
सिलेबस में हुए बदलाव के बाद कोचिंग संस्थानों ने पढ़ाई के समय को एक घंटे से बढ़ाकर तीन से चार घंटे तक कर दिया है। परीक्षा के आवेदन पिछले दिनों भरे जा चुके हैं। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों एक्सपर्ट का कहना है कि इस बदलाव से सिलेबस के 40 फीसदी हिस्से पर असर पड़ेगा।
बदलावसे ऐसे पड़ेगा असर
सिलेबसमें बदलाव के बाद भास्कर ने एजुकेशन एक्सपर्ट तैयारी कर रहे विद्यार्थियों से बात की। इसमें यह तथ्य सामने आया है कि कक्षा 9 से 12 तक की किताबों को जो दायरा बढ़ाया गया है उसकी तैयारी के लिए सौ घंटे भी कम हैं। मतलब यदि लगातार पढ़ा जाए तो तीन से चार महीने कम से कम चाहिए।
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