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RAGGING CASE : bail accused of opening clothes of her classmates

रैगिंग: अपनी ही नई क्लासमेट के कपड़े खोलने की आरोपी छात्रा की जमानत
जोधपुर शहर के गीता भवन के पास स्कूल में प्रवेश लेने वाली ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा के साथ पहले ही दिन रैगिंग करने के मामले में अदालत ने बुधवार को आरोपी छात्रा को जमानत पर रिहा कर दिया।

मामला सामने आने के बाद प्रतापनगर थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी छात्रा के साथ स्कूल के प्राचार्य विद्यार्थी कल्ला और एक अध्यापक को गिरफ्तार किया था। दो को पहले ही जमानत मिल चुकी थी।
वहीं आरोपी छात्रा को अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीडऩ प्रकरण) जोधपुर महानगर शिवानी जौहरी भटनागर ने दस हजार रुपए के मुचलके पर रिहा कर दिया।
 कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका पर मंगलवार को ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा खा। आरोपी छात्रा पिछले सात दिनों से बालिका सुधार गृह में संरक्षित है ।
उल्लेखनीय है कि सहपाठी छात्राओं के रैगिंग के नाम पर कपड़े खोलने के मामले में पुलिस को मजिस्ट्रेट के बयानों की प्रतिलिपि मिल गई है।
हालांकि ये बयान सामने नहीं आए हैं, लेकिन पुलिस इन्हें जांच के लिए बहुत सकारात्मक मान रही है।ध्यान रहे कि गत 13 जुलाई को 11वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा ने एक नामजद व चार-पांच अन्य छात्राओं के खिलाफ शौचालय में रैगिंग लेने, कपड़े खोलने, मारपीट और छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कराया था।
 विद्यालय प्रशासन पर भी मामले में कार्रवाई न कर पर्दा डालने का आरोप लगाया गया था। मेडिकल जांच और बयान के बाद चौदह जुलाई को नामजद मुख्य आरोपी छात्रा को संरक्षण में और प्राचार्य व शिक्षक को गिरफ्तार किया था।
पन्द्रह जुलाई को मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज हुए थे। इन बयान की प्रतिलिपि जांच अधिकारी को मिल गई। उसमें पीडि़ता ने मामले को लेकर लगाए गए आरोप दोहराए हैं।
पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ बता चुके हैं कि बयान की प्रतिलिपि पुलिस को मिल गई है, इससे पुलिस की जांच में मदद मिलेगी। मामले की जांच कर रहे पुलिस निरीक्षक मनीष देव ने मंगलवार को विद्यालय में कुछ शिक्षकों से बातचीत की थी।
साथ ही मामले से जुड़ी जानकारी लेने के लिए विद्यालय प्रशासन से आग्रह भी किया था।
शिक्षा विभाग की ओर से गठित टीम भी स्कूल प्रशासन से मंगलवार को इस मामले की जांच से जुड़े कई दस्तावेज ले चुकी है।
आरोपी छात्रा की ओर से अदालत  मेें कहा गया है कि उसे झूठा फंसाया गया है। उसके खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं है। आरोपों में भी विरोधाभास सामने आ रहा है।
ऐसे में उसका जमानत प्रार्थना पत्र मंजूर किया जाए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाने का आदेश दिया था।
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