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Thursday 14 July 2016

अब शहर के सरकारी कॉलेजों में और कम हो जाएंगे लेक्चरर

एमएलवी कॉलेज में लेक्चरर के सौ से ज्यादा पद स्वीकृत हैं। अभी 30 से ज्यादा पद खाली हैं। दस और लेक्चरर कम हो जाएंगे तब ईएएफएम के करीब हजार स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए महज दो ही लेक्चरर रह जाएंगे। ऐसे में पढ़ाई प्रभावित होना तय है। दूसरी ओर गर्ल्स कॉलेज में लेक्चरर के 67 पद स्वीकृत हैं।
इनमें से 24 पद खाली हैं। 6 लेक्चरर पदोन्नति पाकर दूसरे कॉलेज में चले जाएंगे तो यहां अकाउंट्स विभाग पूरी तरह खाली हो जाएगा। ऐसे में गर्ल्स कॉलेज में अकाउंट्स कौन पढ़ाएगा।
भास्कर संवाददाता | भीलवाड़ा
शहरके दोनों सरकारी कॉलेजों में लेक्चरर की पहले ही कमी है। जल्दी ही कुछ और लेक्चरर पदोन्नत होकर चले जाएंगे। डीपीसी में नाम आने पर गर्ल्स कॉलेज में 6 एमएलवी से 10 लेक्चरर पदोन्नत होने हैं। ये अन्य जगह प्रिंसिपल या वाइस प्रिंसिपल बनेंगे। इनके चले जाने पर कुछ विषयों में तो एक भी लेक्चरर नहीं रहना है। नए लेक्चरर मिलने तक पढ़ाई पर असर पढ़ेगा।
डीपीसी को लेकर एक तरफ लेक्चरर्स के चेहरों पर खुशी है तो दूसरी तरफ स्टूडेंट्स पढ़ाई को लेकर चिंतित। इनकी चिंता की वजह है विभागों में लेक्चरर्स की संभावित कमी होना। लेक्चरर्स के विभागीय पदोन्नति के बाद सेमुमा गर्ल्स कॉलेज में अकाउंट्स पढ़ाने वाला कोई नहीं बचेगा। एमएलवी कॉलेज में भी करीब हजार स्टूडेंट्स को इकॉनोमिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड फाइनेंशियल मैनेजमेंट (ईएएफएम) पढ़ाने के लिए सिर्फ दो लेक्चरर बच जाएंगे।
इनकोमिलना है प्रमोशन
सेमुमागर्ल्स कॉलेज में से राकेश शर्मा (संस्कृत), डॉ कृष्णा चितौड़ा (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन), डॉ. आरएस बांगड़, डॉ सुदीप मेहता (ईएफएम), डॉ अरविंद जैन (अकाउंट्स), डॉ एमएल अग्रवाल (अकाउंट्स), कमलेश कच्छारा (अकाउंट्स) समेत 6 लेक्चरर्स का नाम डीपीसी में है। एमएलवी कॉलेज से डॉ राजमल कोचेटा डॉ आरएल जोशी को स्नातकोत्तर प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति मिलेगी। स्नातक कॉलेज प्रिंसिपल के लिए डॉ उत्तमचंद खींचा, डॉ धरनराज मांडिया, डॉ कोमलसिंह मेहता (एएफएम), डॉ भैरूलाल आचार्य (ईएफएम) वरिष्ठता सूची में हैं। वहीं वाइस प्रिसिंपल के लिए डॉ जगदीशप्रसाद गुप्ता, डॉ इंदुबाला बापना, डॉ शांतिलाल श्रीमाल (ईएएफएम), डॉ आभारानी खींचा, डॉ गोविंदप्रसाद नागर नामित हैं।
^लेक्चरचले जाने से तो छात्रों की पढ़ाई बाधित हो जाएगी। नए लेक्चरर नहीं लगे तो स्टूडेंट्स का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। सौरभपारीक, जिला महासचिव, एनएसयूआई
^हमक्या कर सकते हैं। यह प्रकिया है जो समय-समय पर होती है। रही बात लेक्चरर की कमी की, तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। लेक्चरर की भर्ती काफी समय से निकाली हुई है। राजमलकोचेटा, वाइस प्रिंसिपल, एमएलवी कॉलेज
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