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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का ऐसे होता है शोषण

भिलवाड़ा। सरकारी कर्मचारी होते हुए भी तनख्‍वाह मात्र 234 रुपये और उसके बाद भी किसी भी समय नौकरी से हटा दिया जाता है। यह मामला है भीलवाड़ा के मांडल पंचायत समिति में राजकीय प्राथमिक विद्यालय भगवानपुरा में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का।
जो पिछले 24 वर्ष पूर्व विद्यालय में डेली वेज पर नौकरी करने लगा लेकिन उसे दो दिन पूर्व स्कूल के प्रधानाध्‍यापक ने बाहर निकाल दिया।

पीड़ित कर्मचारी जगदीश चन्‍द्र तिवाडी ने कहा कि मुझे 13 अक्‍टूबर 1979 से भगवानपुरा स्थित रा प्रा विद्यालय मे डेली वेज पर दो घण्‍टे के लिए विद्यालय में कार्य करने के लिए रखा था। यहां पर मैंने 13 साल नौकरी की और प्रतिदिन विद्यालय में साफ-सफाई व पानी भरता था मगर मुझे 1979 से 13 वर्ष तक स्कूल में काम करने पर मुझे हटा दिया गया। फिर इस पर मैंने लेबर कॉर्ट की शरण ली तो लैबर कोर्ट ने मुझे नौकरी पर रखने के विद्यालय व शिक्षा विभाग को आदेश दिया।

जिस पर मुझे वापस विद्यालय में रखा व पुरानी दर से मात्र 234 रूपये देने लगे। फिर मैंने रुपये बढ़ाने की मांग को लेकर लेबर कोर्ट की शरण ली तो वहां से मुझे परमानेन्ट करने के आदेश दिया गया लेकिन विभाग ने अब तक स्थाई नही किया। उन्होंने बताया कि अब मैंने हाईकोर्ट की शरण ली है। जिसकी सुनवाई 8 जुलाई को है।
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