जोधपुर | राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के सेटअप परिवर्तन के लिए की जा रही काउंसलिंग पर पूर्व में लगाई रोक को हटा दिया है। सोमवार को दिए गए इस आदेश के बाद पिछले एक सप्ताह से रुकी हुई काउंसलिंग अब फिर से हो सकेगी।
साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की शिकायतों आपत्तियों को सुनने के लिए शिक्षा विभाग को तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। यह समिति अगले तीन दिन में गठित की जाएगी और याचिकाकर्ता इनके समक्ष समिति गठित होने के बाद दो दिन में आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। कमेटी को इन आपत्तियों को अगले तीन सप्ताह में निस्तारित करना होगा। याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई अगस्त महीने में होगी। भगवानदान सहित 118 अन्य की याचिकाओं पर पैरवी करते हुए विभिन्न अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही काउंसलिंग की प्रक्रिया नियमों के विरुद्ध है। शेष| पेज 14
काउंसलिंगऔर सेटअप परिवर्तन प्रक्रिया में सेवा नियमों की अनदेखी की जा रही है। राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम-1971 के नियम 6 डी का भी उल्लंघन किया जा रहा है। वर्ष 2009 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को पातेय वेतन पर सेकंड ग्रेड में पदस्थापित कर दिया गया था। उनके नाम भी तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की सूची में जोड़ दिए गए हैं जो कि अनुचित है।
सरकार ने कहा खाली पद पर ही लगा रहे हैं शिक्षक :
अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ. पीएस भाटी ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता माध्यमिक शिक्षा विभाग के नियंत्रण में हैं और इनका नाम शाला दर्पण के प्रारूप 3ए और 3बी में सूचीबद्ध कर दिया गया था। यह प्रक्रिया पिछले साल जून में ही पूरी कर दी गई थी। शिक्षकों को रिक्त पदों पर ही लगाया जा रहा है, नियुक्ति से पूर्व उनसे उनकी पसंद भी मांगी जा रही है। काउंसलिंग प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। सभी आवश्यक कदम उठाते हुए शिक्षकों की विषयवार ही नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा गर्मी की छुट्टियों में सेटअप परिवर्तन जरूरी है, क्योंकि बाद में सेटअप परिवर्तन होता है तो नया सत्र प्रभावित होगा।
कोर्ट ने आपत्तियों का निस्तारण तीन सप्ताह में करने को कहा :
कोर्ट ने गत 27 मई को काउंसलिंग पर लगाए गए स्थगन आदेश पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को सुनवाई के बाद जस्टिस जयश्री ठाकुर ने काउंसलिंग पर पूर्व में लगाए गए स्थगन आदेश पर से रोक हटा दी। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को अगले तीन दिन में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं, जिसके समक्ष याचिकाकर्ता काउंसलिंग से संबंधित शिकायतें आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। ये आपत्तियां समिति गठन के बाद दो दिन में दर्ज कराई जा सकेंगी। कमेटी कहां बैठेगी और कैसे सुनवाई करेगी, इस जानकारी का उल्लेख विभाग की संबंधित वेबसाइट पर करना होगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि कमेटी को कोई आपत्ति उचित लगे तो वह इसमें सुधार के लिए निर्देश दे सकेगी। सभी आपत्तियों का निस्तारण अगले तीन सप्ताह में करने के निर्देश दिए गए हैं। इन याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई अगस्त महीने में मुकर्रर की गई है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की शिकायतों आपत्तियों को सुनने के लिए शिक्षा विभाग को तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। यह समिति अगले तीन दिन में गठित की जाएगी और याचिकाकर्ता इनके समक्ष समिति गठित होने के बाद दो दिन में आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। कमेटी को इन आपत्तियों को अगले तीन सप्ताह में निस्तारित करना होगा। याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई अगस्त महीने में होगी। भगवानदान सहित 118 अन्य की याचिकाओं पर पैरवी करते हुए विभिन्न अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही काउंसलिंग की प्रक्रिया नियमों के विरुद्ध है। शेष| पेज 14
काउंसलिंगऔर सेटअप परिवर्तन प्रक्रिया में सेवा नियमों की अनदेखी की जा रही है। राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम-1971 के नियम 6 डी का भी उल्लंघन किया जा रहा है। वर्ष 2009 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को पातेय वेतन पर सेकंड ग्रेड में पदस्थापित कर दिया गया था। उनके नाम भी तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की सूची में जोड़ दिए गए हैं जो कि अनुचित है।
सरकार ने कहा खाली पद पर ही लगा रहे हैं शिक्षक :
अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ. पीएस भाटी ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता माध्यमिक शिक्षा विभाग के नियंत्रण में हैं और इनका नाम शाला दर्पण के प्रारूप 3ए और 3बी में सूचीबद्ध कर दिया गया था। यह प्रक्रिया पिछले साल जून में ही पूरी कर दी गई थी। शिक्षकों को रिक्त पदों पर ही लगाया जा रहा है, नियुक्ति से पूर्व उनसे उनकी पसंद भी मांगी जा रही है। काउंसलिंग प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। सभी आवश्यक कदम उठाते हुए शिक्षकों की विषयवार ही नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा गर्मी की छुट्टियों में सेटअप परिवर्तन जरूरी है, क्योंकि बाद में सेटअप परिवर्तन होता है तो नया सत्र प्रभावित होगा।
कोर्ट ने आपत्तियों का निस्तारण तीन सप्ताह में करने को कहा :
कोर्ट ने गत 27 मई को काउंसलिंग पर लगाए गए स्थगन आदेश पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को सुनवाई के बाद जस्टिस जयश्री ठाकुर ने काउंसलिंग पर पूर्व में लगाए गए स्थगन आदेश पर से रोक हटा दी। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को अगले तीन दिन में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं, जिसके समक्ष याचिकाकर्ता काउंसलिंग से संबंधित शिकायतें आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। ये आपत्तियां समिति गठन के बाद दो दिन में दर्ज कराई जा सकेंगी। कमेटी कहां बैठेगी और कैसे सुनवाई करेगी, इस जानकारी का उल्लेख विभाग की संबंधित वेबसाइट पर करना होगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि कमेटी को कोई आपत्ति उचित लगे तो वह इसमें सुधार के लिए निर्देश दे सकेगी। सभी आपत्तियों का निस्तारण अगले तीन सप्ताह में करने के निर्देश दिए गए हैं। इन याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई अगस्त महीने में मुकर्रर की गई है।
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