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देवनानी को क्यों साइड करना चाहते थे बोर्ड अध्यक्ष बीएल चौधरी?

शुक्रवार 30 अक्टूबर 2015 का दिन राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के लिए खासा महत्वपूर्ण था। दोपहर एक बजे से लेकर शाम साढ़े चार बजे तक जो घटनाक्रम बोर्ड में चला उससे एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर बोर्ड अध्यक्ष अपनी ही पार्टी की सरकार के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को क्यों साइट ट्रेक करना चाहते थे। आपका बताते हैं कि आखिर हुआ क्या था।

दरअसल एक अंग्रेजी अखबार में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा 2015 रीट को लेकर एक खबर पिछले दिनों छपी। इसी खबर को आधार मानकर एक प्रमुख हिंदी दैनिक में भी बोर्ड अध्यक्ष ने खबर छपवा दी। और तो और बोर्ड अध्यक्ष ने एक और बड़ा काम किया। रीट का विज्ञापन तैयार करवाया और छपने के लिए अखबारों में भेज दिया। यह विज्ञापन शुक्रवार को ही भेजा गया जो शनिवार के अंक में छपना था। दो दिन से रीट की खबरें अखबारों में पढ़ रहे शिक्षामंत्री को जब यह पता चला कि रीट का परीक्षा कार्यक्रम आज अखबारो में विज्ञापन देकर जारी किया जा रहा है तो वे भड़क उठे। उन्हें तकलीफ भी हुई।
तकलीफ का कारण साफ था। आरटेट, जो अब रीट हो चुकी है, को भाजपा ने एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश के लाखों युवाओं के निशाने पर थी भाजपा सरकार रीट के मुद्दे पर। सरकार और शिक्षा मंत्री होने के नाते देवनानी सीधे निशाने पर थे। रीट को परीक्षा की स्थिति में पहुंचाने तक सरकार के मंत्री होने के नाते देवनानी को बहुत पापड़ बेलने पड़े थे। ऐसे में जब रीट की तारीख तय हुई और बोर्ड अध्यक्ष ने उनकी जानकारी में लाए बिना ही अखबारों में विज्ञापन जारी कर दिया तो उन्हें बहुत बुरा लगा।
बताते हैं कि देवनानी को सबसे ज्यादा बुरा इस बात का लगा कि शुक्रवार को बोर्ड अध्यक्ष उनके साथ ही थे। बावजूद इसके उन्होंने देवनानी से रीट की तारीखों के बारे में कोई चर्चा ही नहीं की। शुक्रवार को देवनानी भीलवाड़ा में थे। दोपहर करीब एक बजे भीलवाड़ा से रवाना होने से पहले उन्होंने बोर्ड सचिव मेघना चौधरी को फोन किया। उन्हें निर्देश दिए कि दोपहर साढ़े तीन बजे बोर्ड में प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी करवाएं। बोर्ड सचिव हैरान रह गईं। उन्होंने तत्काल बोर्ड अध्यक्ष बीएल चौधरी को फोन पर इसकी जानकारी दी कि मंत्रीजी रीट का कार्यक्रम प्रेस कांफ्रेंस कर जारी करना चाहते हैं। बोर्ड अध्यक्ष हड़बड़ा गए। उन्हाेंने भी देवनानी को फोन किया। चौधरी चाहते थे कि देवनानी उन्हें तीन बजे से पहले पहले फ्री कर देंण् लेकिन देवनानी ने दो टूक जवाब दिया कि वे चार बजे तक ही पहुंच पाएंगे। देवनानी साढ़े तीन बजे पहुंचे, रीट का कार्यक्रम जारी किया और जयपुर के लिए रवाना हो गए।
बताया जाता है कि बोर्ड अध्यक्ष के कुछ कदमाें को देवनानी ने सिरे से खारिज कर दिया था। संभवत: इसी वजह से वे गाहे बगाहे ऐसे कदम उठाते रहते हैं।


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