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वरिष्ठता सूची में जूनियर शिक्षक आगे : राजस्थान शिक्षकों का ब्लॉग

वरिष्ठता सूची में जूनियर शिक्षक आगे
स्कूल एकीकरण के बाद अब माध्यमिक सेटअप में जाने वाले शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में भारी गड़बडिय़ां सामने आई है। इन गड़बडिय़ों को व्यक्तिगत लाभ देने की मंशा से जोड़कर देखा जा रहा है। जो शिक्षक-शिक्षिकाएं सितंबर के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग में जाने वाले हैं, उनकी एक सूची तैयार की गई है। इसमें वरिष्ठ शिक्षकों को पीछे कर दिया है। जो पीछे हैं, उन्हें आगे कर दिया है। यह मामला प्रारंभिक शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है।

वरिष्ठता सूची में सामने अाई इस गड़बडिय़ों में खास बात यह है कि जिस शिक्षक का योग्यता वर्ष नहीं माना है और उसकी नियुक्ति तिथि को ही वरिष्ठता से जोड़ा है। शिक्षक की योग्यता हासिल करने की तिथि से ही उसे वरिष्ठता में जोड़ा जाना था, परंतु स्थानीय कार्यालय में सूचियां तैयार करते समय यह गड़बड़ी हुई है। इसके पीछे वजह क्या है, यह तो जांच के बाद ही सामने पाएगी।
नहींदिखी नियम की पालना
शिक्षाविभाग में शिक्षा सेवा नियम 1971 के 06 डी बना हुआ है। जिसके तहत पंचायतीराज के शिक्षकों को शिक्षा विभाग में लेने में वरिष्ठता के आधार पर ट्रांसफर, पंचायत समितियों में कम से कम 5 वर्ष की सेवा का अनुभव होने और उस पद के लिए निर्धारित योग्यता रखने की शर्त है। जैसा कि बांसवाड़ा जिले में 400 से ज्यादा शिक्षक- शिक्षिकाएं अप्रशिक्षित है। शिक्षक के लिए बीएड या एसटीसी का होना जरूरी होता है। नियम के तहत नियुक्ति के समय अप्रशिक्षित शिक्षक की योग्यता तब मानी जाती है, जब वह बीएड-एसटीसी की योग्यता हासिल करता है। जिस वर्ष योग्यता मिलती है, वही वर्ष वरिष्ठता में गिना जाता है। जरूरत इसलिए पड़ी: स्कूल एकीकरण होने के बाद सेटअप परिवर्तन किया जा रहा था, हालांकि सितंबर तक रोक लगा दी है। जिसमें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत स्टाफ माध्यमिक सेटअप में जाएंगे। इसके लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से माध्यमिक में जाने वालों की वरिष्ठता सूची बनाने में गड़बडिय़ां हुई है।
ऐसे समझें मसला
{राबाप्राविनवागांव की शिक्षिका सिंधु जोशी का वरिष्ठता क्रमांक 103 है। नियुक्ति 1985 की है, लेकिन एसटीसी की योग्यता 1997 में हासिल की है। राप्रावि घलकिया के बीएडधारी अशोक त्रिवेदी की नियुक्ति 1991 से है। वरिष्ठता में नंबर 420 है। जोशी की वरिष्ठता नियुक्ति तिथि से जोड़ी है।
{राप्रावि भगतपुरा की शिक्षिका साधना सोनी का वरिष्ठता क्रमांक 162 है। प्रथम नियुक्ति 15 जुलाई 1985 है। बीएड 1994 में की है। राप्रावि कांगली खोरा की शिक्षिका कुसुम व्यास की नियुक्ति 1991 है और शुरू से ही बीएड है। फिर भी वरिष्ठता क्रमांक 425 है। वरिष्ठता में पीछे हो गई है।
{राउप्रावि बली डूंगरी की शिक्षिका सुशीला उपाध्याय का सेटअप परिवर्तन के लिए जारी सूची में 175 पर है। प्रथम नियुक्ति 1985 की है। बीएड की डिग्री 1995 में हासिल की है। बीएडधारी राजेंद्रप्रसाद सेवक मकवाना बस्ती तलवाड़ा की नियुक्ति 1992 की है। वरिष्ठता 582 है।
शिक्षक संघ ने की अापत्ति
शिक्षकसंघ राष्ट्रीय के विभाग संगठन मंत्री गमीरचंद पाटीदार ने बताया कि जिस तरह से सूची तैयार की गई है, उसमें व्यक्तिगत लाभ देने की कोशिश की है। हमने पूरी वरिष्ठता सूची देखी है और उसमें कई ऐसे उदाहरण हैं, जो स्पष्ट रूप से गलत है। नियम यहीं कहता है कि योग्यता जब हासिल की है, तब से ही वरिष्ठता सूची में नाम जोड़ा जाना चाहिए।
^यह मामला मेरी ध्यान में नहीं आया है, इसे दिखवाएंगे, तभी पता चल पाएगा कि वरिष्ठता सूची में हकीकत क्या है। इस बारे में जो नियम होगा, उसी के अनुसार ही काम किया जाएगा। -प्रभाकर आचार्य, डीईओ

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