शिक्षक भर्ती 2018 में चयनित 263 शिक्षकों को
राज्य सरकार की ओर से 2 माह 10 दिन तक बिना स्कूल भेजे व बिना
विद्यार्थियों को पढ़ाए उनके वेतन पर 1 करोड़ 44 लाख 43 हजार 900 रुपए खर्च
करने होंगे। लोकसभा चुनाव को लेकर यह सभी शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी
प्रारंभिक कार्यालय में अपनी उपस्थिति देंगे। ऐसे में सुबह उपस्थिति देने
के बाद इनके पास कोई काम नहीं होगा। जिले में 263 शिक्षकों की नियुक्ति के
बाद भी इनको स्कूलों में नहीं भेजा जा रहा है। इस कारण स्कूली बच्चों को
इनका फायदा नहीं मिल सकेगा। करीब ढाई माह बाद आचार संहिता हटने पर इन
शिक्षकों को संबंधित स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। ऐसे में अब चुनाव
आयोग की परमिशन के बाद ही इन शिक्षकों के पदस्थापन को लेकर कोई निर्णय हो
सकेगा। जब तक इनको डीईओ ऑफिस में ही रोजाना आना होगा। दो दिन पहले हुए
काउंसलिंग में 86 शिक्षक नवचयनित थे। इसलिए उनको तो चुनावों के बाद ही
ज्वाइनिंग मिलेगी।
नतीजा... 2 माह 10 दिन बैठे-बैठे शिक्षक ले जाएंगे 1 .45 करोड़ का वेतन, बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित होगी
यह वेतन का नियम
स्कूलों में परीक्षाओं का दौर, शिक्षक मिलते तो होता शैक्षिक सुधार
वर्तमान में 10वीं व 8 बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। इसके बाद अप्रैल में अन्य कक्षाओं की भी परीक्षाएं शुरू होंगी। ऐसे में अगर यह शिक्षक स्कूल में जाते तो बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार होता।
263 पद भी रहेंगे रिक्त
जिले में पिछले कई महीनों से शिक्षकों के पद भी रिक्त हैं। ऐसे में अगर इन शिक्षकों को स्कूलों में भेजा जाता है तो शिक्षकों के पद भी भर जाते। लेकिन आचार संहिता के चलते यह संभव भी नहीं है।
आगे क्या : वार्षिक परीक्षा को देखते हुए अगर चुनाव आयोग से स्वीकृति मिल सकती है
जिले सहित प्रदेशभर के जिलों में यह स्थिति है। ऐसे में वार्षिक परीक्षाएं भी चालू होने वाली है। अगर बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग इन शिक्षकों को स्कूलों में भेजने के लिए अनुमति दे दे तो बच्चों को इसका काफी फायदा होगा। इसके लिए अधिकारियों के साथ-साथ शिक्षक संघों को भी इसके लिए प्रयास करना होगा।
इतने शिक्षकों की हुई थी काउंसलिंग
शिक्षक भर्ती 2018 रीट लेवल -2 के रि सफल परिणाम के बाद चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई थी। इसमें नान टीएसटी क्षेत्र के रीट लेवल-2 के सामाजिक विज्ञान के 32, संस्कृत में 1, अंग्रेजी के 157, विज्ञान-गणित - 50, हिंदी के 88 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई। वही टीएसपी क्षेत्र में सामाजिक विज्ञान के 4, अंग्रेजी के 4, विज्ञान-गणित के 2 व हिंदी के 11 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग गई है।
रिशफल के लिए किया था आवेदन, पाली से 180 गए अन्य जिलों में
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 में चयनित लेवल 2 शिक्षकों को नियुक्ति अक्टूबर 2018 में मिली थी। इसके बाद इनको स्कूलों में काउंसलिंग के माध्यम से भेजा गया था। वही शाला दर्पण पोर्टल पर शिक्षकों को अगर किसी अन्य जिले में पदस्थापित होना है तो रिशफल के लिए ऑनलाइन आवेदन भरना था। इसमें आवेदन करनी की अंतिम तिथि 15 फरवरी थी। जिस शिक्षक को अन्य जिलों में जाना था उन्होंने हां भरकर पूरी सूचना भरी थी। इस रिशफल के बाद पाली से भी 180 तृतीय श्रेणी के शिक्षकों को अन्य जिलों के लिए कार्यमुक्त किया गया था।
डीईओ ऑफिस में एक भी शिक्षक नहीं दिखता
चौंकाने वाली बात यह है कि डीईओ ऑफिस में भी यह शिक्षक नहीं दिख रहे हैं। सुबह साइन करके पूरे दिन यह सिर्फ छुट्टियां ही मना रहे हैं। ऐसे में आचार संहिता तो इन शिक्षकों के लिए बिना मांगे ही छुट्टियां मिलने का अवसर मिल गया। इधर, इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं
नतीजा... 2 माह 10 दिन बैठे-बैठे शिक्षक ले जाएंगे 1 .45 करोड़ का वेतन, बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित होगी
यह वेतन का नियम
स्कूलों में परीक्षाओं का दौर, शिक्षक मिलते तो होता शैक्षिक सुधार
वर्तमान में 10वीं व 8 बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। इसके बाद अप्रैल में अन्य कक्षाओं की भी परीक्षाएं शुरू होंगी। ऐसे में अगर यह शिक्षक स्कूल में जाते तो बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार होता।
263 पद भी रहेंगे रिक्त
जिले में पिछले कई महीनों से शिक्षकों के पद भी रिक्त हैं। ऐसे में अगर इन शिक्षकों को स्कूलों में भेजा जाता है तो शिक्षकों के पद भी भर जाते। लेकिन आचार संहिता के चलते यह संभव भी नहीं है।
आगे क्या : वार्षिक परीक्षा को देखते हुए अगर चुनाव आयोग से स्वीकृति मिल सकती है
जिले सहित प्रदेशभर के जिलों में यह स्थिति है। ऐसे में वार्षिक परीक्षाएं भी चालू होने वाली है। अगर बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग इन शिक्षकों को स्कूलों में भेजने के लिए अनुमति दे दे तो बच्चों को इसका काफी फायदा होगा। इसके लिए अधिकारियों के साथ-साथ शिक्षक संघों को भी इसके लिए प्रयास करना होगा।
इतने शिक्षकों की हुई थी काउंसलिंग
शिक्षक भर्ती 2018 रीट लेवल -2 के रि सफल परिणाम के बाद चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई थी। इसमें नान टीएसटी क्षेत्र के रीट लेवल-2 के सामाजिक विज्ञान के 32, संस्कृत में 1, अंग्रेजी के 157, विज्ञान-गणित - 50, हिंदी के 88 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई। वही टीएसपी क्षेत्र में सामाजिक विज्ञान के 4, अंग्रेजी के 4, विज्ञान-गणित के 2 व हिंदी के 11 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग गई है।
रिशफल के लिए किया था आवेदन, पाली से 180 गए अन्य जिलों में
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 में चयनित लेवल 2 शिक्षकों को नियुक्ति अक्टूबर 2018 में मिली थी। इसके बाद इनको स्कूलों में काउंसलिंग के माध्यम से भेजा गया था। वही शाला दर्पण पोर्टल पर शिक्षकों को अगर किसी अन्य जिले में पदस्थापित होना है तो रिशफल के लिए ऑनलाइन आवेदन भरना था। इसमें आवेदन करनी की अंतिम तिथि 15 फरवरी थी। जिस शिक्षक को अन्य जिलों में जाना था उन्होंने हां भरकर पूरी सूचना भरी थी। इस रिशफल के बाद पाली से भी 180 तृतीय श्रेणी के शिक्षकों को अन्य जिलों के लिए कार्यमुक्त किया गया था।
डीईओ ऑफिस में एक भी शिक्षक नहीं दिखता
चौंकाने वाली बात यह है कि डीईओ ऑफिस में भी यह शिक्षक नहीं दिख रहे हैं। सुबह साइन करके पूरे दिन यह सिर्फ छुट्टियां ही मना रहे हैं। ऐसे में आचार संहिता तो इन शिक्षकों के लिए बिना मांगे ही छुट्टियां मिलने का अवसर मिल गया। इधर, इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं
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