भीलवाड़ा।
भर्ती निकलते ही गाइड लेकर पढ़ना शुरू कर देते हैं। निर्धारित सिलेबस को हाथ तक नहीं लगाते। जबकि सबसे महत्वपूर्ण है सिलेबस को समझना। जितना अच्छे से सिलेबस समझेंगे उतनी बेहतर तैयारी कर पाएंगे। यह मानना है राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल नांदसा के प्राचार्य लोकेश आसोपा का।
भास्कर संवाद में गुरुवार को छात्रों के कॅरिअर संबंधी सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उसके बेसिक्स से एक्सीलेंट की ओर जाएं। प्रतियोगी परीक्षा को क्रेक करने की रणनीति होती है। रणनीति नहीं समझेंगे तो किसी हालत में सफल नहीं हो सकेंगे। इसलिए सिलेबस समझकर रणनीति बनाएं और लक्ष्य हासिल करने के लिए लग जाए।
साथ ही तकनीक को अपना मददगार बनाएं। फेसबुक, ट्विटर व वाट्सएप ग्रुप जिनमें प्रतियोगी परीक्षाओं संबंधी जानकारी आती है, भर्तियों की जानकारी मिलती है उनसे जुड़ें। इसका फायदा यह रहेगा कि भर्ती निकलने से लेकर, उसकी परीक्षा की जानकारी, सिलेबस व अन्य दैनिक जानकारियों से अपडेट रहेंगे। विभिन्न एप्लीकेशन भी डाउनलोड कर लें ताकि समसामयिक से अपडेट रहें। सोशल मीडिया को परीक्षा की तैयारी के अनुसार इस्तेमाल करेंगे तो अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
सवाल-जवाब | िसलेबस को जितना अच्छे से समझेंगे उतनी बेहतर तैयारी कर पाएंगे
 बीएड कर चुकी हूं। एमए हिंदी चल रही है। असिस्टेंट प्रोफेसर बनना है?
 नेट का एग्जाम देकर असिस्टेंट प्रोफेसर की प्रतियोगी परीक्षा में बैठ सकती हैं। साल में दो बार नेट का एग्जाम होता है।
 आईटीआई कर चुका हूं? आगे क्या संभावनाएं है?
 आईटीआई के बाद स्वयं का उद्यम शुरू कर सकते है। इसके लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से विभिन्न लोन योजनाओं के तहत ऋण मिलता है। आईटीआई आधारित प्रतियोगी परीक्षाएं भी दे सकते हैं।
 शिक्षक बनना है?
 बीएसटीसी, बीएड के बाद सीटेट या आरटेट देना होगा। रीट की प्रतियोगी परीक्षा देकर शिक्षक बन सकते है। सीटेट के बाद नवोदय और केंद्रीय विद्यालय की भर्ती परीक्षाएं भी दे सकते हैं।
 बीसीए कर रखा है, आगे क्या संभावनाएं है?
 बीसीए के बाद एमसीए कर सकते है। इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ा सकते है। बीसीए स्नातक स्तर का होता है ऐसे में स्नातक स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी योग्य है।
 बीए, एसटीसी कर रखी है, आगे क्या संभावनाएं है?
 तृतीय श्रेणी शिक्षक बन सकते है। बीएड करने के बाद उच्च श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए भी योग्य हो जाएंगे।
 आयुर्वेद में नर्सिंग और बीए कर रखी हैं। आगे क्या करें?
 आयुर्वेद में सरकारी भर्ती कम निकलती है। तब तक निजी अस्पतालों में जॉब कर सकती हैं। इसके अलावा निजी प्रेक्टिस कर सकती हैं। बीए के आधार पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं दे सकती हैं।
इन्होंने भी लिया मार्गदर्शन- प्रहलाद चंद्र(आसींद), जयसिंह (रावतखेड़ा), बंशीलाल मीणा( बिजौलियां), कमलेश पारीक( झड़ोल), हर्ष(शास्त्री नगर), यशवंत कुमार मीणा(भीलवाड़ा), लवली सिंह पंवार(सुभाषनगर), शिवराम गुर्जर(भीलवाड़ा), दीपा कंवर(मांडलगढ़), संजय कुमार(अलवर), बबूल कुमार(शंभूगढ़)
भर्ती निकलते ही गाइड लेकर पढ़ना शुरू कर देते हैं। निर्धारित सिलेबस को हाथ तक नहीं लगाते। जबकि सबसे महत्वपूर्ण है सिलेबस को समझना। जितना अच्छे से सिलेबस समझेंगे उतनी बेहतर तैयारी कर पाएंगे। यह मानना है राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल नांदसा के प्राचार्य लोकेश आसोपा का।
भास्कर संवाद में गुरुवार को छात्रों के कॅरिअर संबंधी सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उसके बेसिक्स से एक्सीलेंट की ओर जाएं। प्रतियोगी परीक्षा को क्रेक करने की रणनीति होती है। रणनीति नहीं समझेंगे तो किसी हालत में सफल नहीं हो सकेंगे। इसलिए सिलेबस समझकर रणनीति बनाएं और लक्ष्य हासिल करने के लिए लग जाए।
साथ ही तकनीक को अपना मददगार बनाएं। फेसबुक, ट्विटर व वाट्सएप ग्रुप जिनमें प्रतियोगी परीक्षाओं संबंधी जानकारी आती है, भर्तियों की जानकारी मिलती है उनसे जुड़ें। इसका फायदा यह रहेगा कि भर्ती निकलने से लेकर, उसकी परीक्षा की जानकारी, सिलेबस व अन्य दैनिक जानकारियों से अपडेट रहेंगे। विभिन्न एप्लीकेशन भी डाउनलोड कर लें ताकि समसामयिक से अपडेट रहें। सोशल मीडिया को परीक्षा की तैयारी के अनुसार इस्तेमाल करेंगे तो अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
सवाल-जवाब | िसलेबस को जितना अच्छे से समझेंगे उतनी बेहतर तैयारी कर पाएंगे
 बीएड कर चुकी हूं। एमए हिंदी चल रही है। असिस्टेंट प्रोफेसर बनना है?
 नेट का एग्जाम देकर असिस्टेंट प्रोफेसर की प्रतियोगी परीक्षा में बैठ सकती हैं। साल में दो बार नेट का एग्जाम होता है।
 आईटीआई कर चुका हूं? आगे क्या संभावनाएं है?
 आईटीआई के बाद स्वयं का उद्यम शुरू कर सकते है। इसके लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से विभिन्न लोन योजनाओं के तहत ऋण मिलता है। आईटीआई आधारित प्रतियोगी परीक्षाएं भी दे सकते हैं।
 शिक्षक बनना है?
 बीएसटीसी, बीएड के बाद सीटेट या आरटेट देना होगा। रीट की प्रतियोगी परीक्षा देकर शिक्षक बन सकते है। सीटेट के बाद नवोदय और केंद्रीय विद्यालय की भर्ती परीक्षाएं भी दे सकते हैं।
 बीसीए कर रखा है, आगे क्या संभावनाएं है?
 बीसीए के बाद एमसीए कर सकते है। इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ा सकते है। बीसीए स्नातक स्तर का होता है ऐसे में स्नातक स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी योग्य है।
 बीए, एसटीसी कर रखी है, आगे क्या संभावनाएं है?
 तृतीय श्रेणी शिक्षक बन सकते है। बीएड करने के बाद उच्च श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए भी योग्य हो जाएंगे।
 आयुर्वेद में नर्सिंग और बीए कर रखी हैं। आगे क्या करें?
 आयुर्वेद में सरकारी भर्ती कम निकलती है। तब तक निजी अस्पतालों में जॉब कर सकती हैं। इसके अलावा निजी प्रेक्टिस कर सकती हैं। बीए के आधार पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं दे सकती हैं।
इन्होंने भी लिया मार्गदर्शन- प्रहलाद चंद्र(आसींद), जयसिंह (रावतखेड़ा), बंशीलाल मीणा( बिजौलियां), कमलेश पारीक( झड़ोल), हर्ष(शास्त्री नगर), यशवंत कुमार मीणा(भीलवाड़ा), लवली सिंह पंवार(सुभाषनगर), शिवराम गुर्जर(भीलवाड़ा), दीपा कंवर(मांडलगढ़), संजय कुमार(अलवर), बबूल कुमार(शंभूगढ़)
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