साहब चाहेंगे तो पूरा होगा ये सपना, वरना तो होना है इसे मिट्टी में दफन - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

Subscribe Us

ads

Hot

Post Top Ad

Your Ad Spot

Thursday 4 October 2018

साहब चाहेंगे तो पूरा होगा ये सपना, वरना तो होना है इसे मिट्टी में दफन

अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कैंपस कॉलेज का सपना अब शायद ही पूरा हो पाएगा। अब यह नए कुलपति पर ही निर्भर करेगा। ऐसा नहीं हुआ तो प्रस्ताव का फाइलों में दफन होना तय है।

1 अगस्त 1987 को स्थापित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में सिर्फ स्नातकोत्तर कोर्स संचालित हैं। इमें अर्थशास्त्र, हिंदी, संस्कृत वैदिक वांग्मय, राजनीति विज्ञान, प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री, बॉटनी, जूलॉजी, केमिस्ट्री, पर्यावरण विज्ञान, खाद्य एवं पोषण, माइक्रोबायलॉजी, जनसंख्या अध्ययन, पत्रकारिता, रिमोट सेंसिंग, ईएएफएम, एबीएसटी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, एमसीए, एमबीए, एलएलएम और अन्य शामिल हैं। पिछले 31 साल से विद्यार्थियों का ग्राफ एक हजार से 1100 तक ही सिमटा हुआ है। एम.एस.सुखाडिय़ा, जयनारायण व्यास और राजस्थान विश्वविद्यालय की तरह कैंपस में विद्यार्थियों की चहल-पहल नहीं दिखती।
प्रो. श्रीमाली ने की थी पहल
दिवंगत कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने कैंपस में विद्यार्थियों की सीमित संख्या को देखते हुए स्नातक कॉलेज बनाने का फैसला किया था। उन्होंने अजमेर-पुष्कर रेल लाइन से सटी दूसरी तरफ की जमीन चिन्हित कर आवाजाही के लिए रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण का फैसला किया। बाकायदा विश्वविद्यालय की टीम को रेलवे अधिकारियों के पास भी भेजा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने राजस्थान स्टेट रोड डवेलपमेंट कॉरपॉरेशन को कैंपस कॉलेज के भवन का डिजाइन और योजना बनाने का काम भी सौंपा। बीती 21 जुलाई को प्रो. श्रीमाली के निधन के साथ कैंपस कॉलेज का प्रस्ताव अटक गया।
यूं बनना है कॉलेज
कैंपस कॉलेज में स्नातक स्तर के नियमित और विशेष कोर्स चलाए जाने हैं। इनमें कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय के अलावा कौशल विकास, बैंकिंग, इंश्योरेंस कोर्स, शॉर्ट टर्म कोर्स प्रमुख हैं। कॉलेज के लिए फेकल्टी की भर्ती होगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय के शिक्षक भी कक्षाएं ले सकेंगे।
कुलपति पर टिकी निगाहें
विश्वविद्यालय में मौजूदा वक्त प्रो. कैलाश सोडाणी कार्यवाहक कुलपति हैं। स्थाई कुलपति के चयन की प्रक्रिया जारी है। प्रो. श्रीमाली द्वारा बनाए गए कैंपस कॉलेज के प्रस्ताव को अब प्रो. सोडाणी या आने वाले नए कुलपति ही आगे बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रस्ताव फाइलों में ही दफन हो जाएगा।
नहीं है कोई संघठक कॉलेज

प्रदेश में राजस्थान विश्वविद्यालय, उदयपुर के एम.एल. सुखाडिय़ा और जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के संघठक कॉलेज हैं। मदस विश्वविद्यालय का कोई संघठक कॉलेज नहीं है। प्रशासन ने लॉ कॉलेज को संघठक कॉलेज बनाने की योजना बनाई थी। पर फिलहाल यह प्रस्ताव भी अटका हुआ है।

No comments:

Post a Comment

Recent Posts Widget
'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Advertisement

Important News

Popular Posts

Post Top Ad

Your Ad Spot

Copyright © 2019 Tech Location BD. All Right Reserved