डॉ. सिंह: उच्चशिक्षा के विकास के लिए प्रो. कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में
बनी एक हाई पॉवर कमेटी शिक्षा की नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है। जिसका
ड्राफ्ट इसी माह की 31 तारीख को मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा तथा उसमें
संशोधन के बाद जल्द ही नई शिक्षा नीति घोषित की जाएगी।
भास्कर:पुराने विश्वविद्यालयों की स्थितियां बदतर हो रही हैं, उन्हें सुधारने की कोई योजना? डाॅ. सिंह: एमएचआरडीकी ओर से सभी प्रदेश के शिक्षामंत्रियों की एक विशेष बैठक बुलाई जा रही है। जिसमें उनसे पूछा जाएगा, कि विश्वविद्यालयों के विकास की राह में क्या समस्या है, उनके समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास होंगे।
भास्कर:मौजूदा स्थितियों में यूजीसी सहित कई संस्थानों के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े नहीं हो रहे हैं? डॉ. सिंह: यूजीसीअन्य संस्थानों की कार्यप्रणाली को लेकर वास्तव में कई सवाल उठ रहे हैं, उनके नियमों कानूनों के साथ ही उच्च शिक्षा में उनकी भूमिकाओं पर भी मंथन की जरूरत है और हम कर भी रहे हैं। अगले कुछ समय में यह क्लियर हो जाएगा।
भास्कर:फिल्मकारों द्वारा इतिहास में छेड़छाड़ हो रही है। इस बारे में आपका क्या मानना है? डॉ. सिंह: इतिहासका अर्थ है जो घटित हुआ। अर्थात उसे तो बदला जा सकता है और ना ही उससे छेड़छाड़ होनी चाहिए। इतिहास से छेड़छाड़ गलत है तथा फिल्मकारों को इतिहास की घटनाओं को तोड़ मरोड़ कर नहीं दिखाना चाहिए।
भास्कर:समय के साथ शिक्षा संस्कृति में भी बदलाव अाया है, क्या आप इसे महसूस करते हैं? डॉ. सिंह: इसबदलाव को मैं महसूस कर रहा हूं। लेकिन मेरा यही मानना है कि हमें भूतकाल का कैदी बन कर नहीं रहना है लेकिन यह जरूर है कि विदेश के ज्ञान को देशानुसार ग्रहण करें पुराने ज्ञान को युगानुकूल ग्रहण करें।
मनोज कुमार पुरोहित | जोधपुर
केंद्रीयमानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा, कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सबसे पहले शिक्षकों को खुद की जिम्मेदारी समझनी होगी। क्योंकि आज शिक्षक अपनी जिम्मेदारी भूल चुका है। उसकी पहली जिम्मेदारी स्टूडेंट्स को पढ़ाना और शिक्षित करना है, लेकिन वह एपीआई स्कोर में भटक गया है। उन्होंने कहा, कि विश्वविद्यालय के शिक्षक खुद का कॅरिअर बनाने के लिए सेमिनार रिसर्च पेपर पब्लिकेशन सहित कई बातों में उलझे रहने के साथ खुद का बेसिक कार्य ही भूल जाते हैं। वे यहां जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने जोधपुर आए हैं। रविवार को एडवोकेट मंक्षाराम टाडा की ओर से आयोजित निजी कार्यक्रम में उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।
बाएं से बीकानेर विवि के पूर्व वीसी प्रो. गंगाराम जाखड़, जेएनवीयू के वीसी प्रो. आरपी सिंह, केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह प्रो. बलराज चौधरी।
भास्कर:पुराने विश्वविद्यालयों की स्थितियां बदतर हो रही हैं, उन्हें सुधारने की कोई योजना? डाॅ. सिंह: एमएचआरडीकी ओर से सभी प्रदेश के शिक्षामंत्रियों की एक विशेष बैठक बुलाई जा रही है। जिसमें उनसे पूछा जाएगा, कि विश्वविद्यालयों के विकास की राह में क्या समस्या है, उनके समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास होंगे।
भास्कर:मौजूदा स्थितियों में यूजीसी सहित कई संस्थानों के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े नहीं हो रहे हैं? डॉ. सिंह: यूजीसीअन्य संस्थानों की कार्यप्रणाली को लेकर वास्तव में कई सवाल उठ रहे हैं, उनके नियमों कानूनों के साथ ही उच्च शिक्षा में उनकी भूमिकाओं पर भी मंथन की जरूरत है और हम कर भी रहे हैं। अगले कुछ समय में यह क्लियर हो जाएगा।
भास्कर:फिल्मकारों द्वारा इतिहास में छेड़छाड़ हो रही है। इस बारे में आपका क्या मानना है? डॉ. सिंह: इतिहासका अर्थ है जो घटित हुआ। अर्थात उसे तो बदला जा सकता है और ना ही उससे छेड़छाड़ होनी चाहिए। इतिहास से छेड़छाड़ गलत है तथा फिल्मकारों को इतिहास की घटनाओं को तोड़ मरोड़ कर नहीं दिखाना चाहिए।
भास्कर:समय के साथ शिक्षा संस्कृति में भी बदलाव अाया है, क्या आप इसे महसूस करते हैं? डॉ. सिंह: इसबदलाव को मैं महसूस कर रहा हूं। लेकिन मेरा यही मानना है कि हमें भूतकाल का कैदी बन कर नहीं रहना है लेकिन यह जरूर है कि विदेश के ज्ञान को देशानुसार ग्रहण करें पुराने ज्ञान को युगानुकूल ग्रहण करें।
मनोज कुमार पुरोहित | जोधपुर
केंद्रीयमानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा, कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सबसे पहले शिक्षकों को खुद की जिम्मेदारी समझनी होगी। क्योंकि आज शिक्षक अपनी जिम्मेदारी भूल चुका है। उसकी पहली जिम्मेदारी स्टूडेंट्स को पढ़ाना और शिक्षित करना है, लेकिन वह एपीआई स्कोर में भटक गया है। उन्होंने कहा, कि विश्वविद्यालय के शिक्षक खुद का कॅरिअर बनाने के लिए सेमिनार रिसर्च पेपर पब्लिकेशन सहित कई बातों में उलझे रहने के साथ खुद का बेसिक कार्य ही भूल जाते हैं। वे यहां जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने जोधपुर आए हैं। रविवार को एडवोकेट मंक्षाराम टाडा की ओर से आयोजित निजी कार्यक्रम में उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।
बाएं से बीकानेर विवि के पूर्व वीसी प्रो. गंगाराम जाखड़, जेएनवीयू के वीसी प्रो. आरपी सिंह, केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह प्रो. बलराज चौधरी।
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