कहीं शिक्षकों की कमी, यहां हो रहे फालतू - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

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Sunday 9 April 2017

कहीं शिक्षकों की कमी, यहां हो रहे फालतू

अलवर. प्रदेश में अधिकतर सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी देखी जा रही है। वहीं दूसरी और शिक्षा विभाग ने प्रदेश में 628 ऐसे शिक्षकों की सूची जारी की हैं जो छात्र संख्या के आधार पर अधिश्ेाष हो गए हैं। इन शिक्षकों की अब नए सिरे से काउंसलिंग होगी और इन्हें अन्य विद्यालयों में भेजा जाएगा।


शिक्षा विभाग ने अधिशेष शिक्षकों की एक सूची जारी की है जिसमें  अजमेर जिले के 5, अलवर जिले के 27, बांसवाड़ा के  26, बांरा जिले के 15, बाड़मेर जिले के 90, भरतपुर जिले के 16, भीलवाड़ा जिले के 29, बीकानेर जिले के 60,  बूंदी  जिले के 6, चित्तोडग़ढ़ जिले के 1, चूरू जिले के 5, दौसा जिले के 6, धाौलपुर जिले के 10, डूंगरपुर के 30,  गंगानगर के 34, हनुमानगढ़ के 18,  जयपुर के 34, जैसलमेर के 50, जालौर के 24, झुंझूनू के11, जोधपुर के 19, कारोली के 13, कोटा के 2, नागौर के 23, पाली के 2, प्रतापगढ़ के 4, राजसमंद के 1, सवाईमाधोपुर के 1, सीकर के 8, सिरोही के 19, टोंक के 7, उदयपुर के 21 शिक्षक हैं।

कहीं शिक्षकों की कमी, यहां हो गए अधिशेष
राज्य के अधिकतर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय ही नहीं ऐसे माध्यमिक और सीनियर माध्यमिक विद्यालय भी हैं जिनमें शिक्षकों की कमी हैं।

 ऐसे स्कूलों में शिक्षा सत्र प्रारम्भ होने पर शिक्षकों की कमी के खिलाफ आंदोलन चलते हैं। शिक्षा विभाग ने अभी प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के अधीनस्थ अधिशेष शिक्षकों की सूची जारी की है।

अलवर जिले की बात करें तो यहां के बहरोड़, कोटकासिम, मुंडावर, रैणी, राजगढ़ व उमरैण ब्लॉक के शिक्षकों को अधिश्ेाष किया गया है।


कहीं तो फालतू शिक्षक और यहां कमी से स्कूल प्रभावित
प्रदेश में ऐसे काफी संख्या में स्कूल हैं जिनमें कुल कक्षाओं से भी कम संख्या में शिक्षक हैं। कहीं तो ऐसे स्कूल भी जिनमें कक्षा पांच ओर आठ है लेकिन शिक्षकों की संख्या एक ही है।

 अलवर जिले में 141 ऐसे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं जिनमें कई स्कूलों में 100 से अधिक नामांकन होने के बाद भी शिक्षकों की संख्या एक ही है। कहीं तो आठ कक्षाओं पर एक ही शिक्षक हैं।

 इन विद्यालयों में कठूमर ब्लॉक का मिडिल स्कूल बलदेवपुरा, सारंगपुरी, रींझवास, अजीतपुरा, बडीका, गोविन्दपुरा, बूलाहेड़ी, चैनपुरा खौंकर, नंगला भबूरी, हनीपुर, हनुमन्ता, ईसरोती, ईटोला, खातीपुरा, लगनपुर, खेड़ामैदा, खोंकर, पीलीपार, मकरेटा, मूंडिया, नंगला खूबा, नंगला चांवड़, टोडा, निठारी, रामनगर, रानोली, रानोता, जोगीपुरा  रेटा, रेटी,  रींझबास, रौनीजाथान, कंचनबास, किशनगढ़बास में खोहरा, इस्मालपुर, भूर पहाड़ी, पट्टी, धमोकड़, छोड़वाता, चोरबसई, दयालपुर, जोधा का बास,  कजाकपुर, बाघोड़ा, बोलनी,  खैरथल, मांचा, श्यामका, नगालिया, जगताबसई, रायबका, थोहरी, भहोट, बाघोड़ा,  शेरपुर, वार्ड 3 खैरथल, बहादरपुर, वार्ड 1 खैरथल, सिरमोली, कोतपुर, धाोला का बास, कारोली बाग, फेजपुर, रैणी में भेडोली, पाडली, रहचोली, धोलेरा, नांगलबोहरा, बापडोली,  मुंडावर में मिर्जापुर की ढाणी, नत्थू की  ढाणाी, कुम्हारो की ढाणी, छाबड़ीवास, लखीमपुर, भीखासियों की ढाणी, गोलाहेड़ा, ढाणाी, नयागांव, सोडा की ढाणी, जोगावाड़ा, श्योपुर, हटुंंडी, उमरखा का बास, आलमपुर,  रामगढ़ में नंगला भूरिया, सम्मनबास, अलावलपुर, बूढ़ागांव, डोलीबास, मस्ताबाद, खानपुर, जाडोलीबास, बंगलावाली, नरवाला बास, रसूलपुर, नांगली नंगी, कोरलाबास, यादव नगर, कारोली खालसा, जखोपुर, मेघाबास, पोदीपुर, खोला का बास, कोटा कला, मोहर सिंह का बास, नंगला चिरवड़ा, पुराना रसवाड़ाा, रेवाड़ाबस, फूल खां की ढाणी, चौकी, कांकर बास, नगरिया सतानिया, गोलेटा, मिरासियों का बास, ढाडा, सेकमबास, नकचाबस, थाानागाजी में कलसीकाला, बंजारो की ढाणाी,  आमली की ढाणाी, कृपालबाड़ी, रासिका की ढाणी, कृपाल बाड़ी, गुवाडा हनुमान, गुवाडा कल्याणा, डोयाली, धोली दांती, श्यामपुरा, कालीराडी, तिबारा, बूरा की बाल, नीमडी व रह की  माला मुख्य हैं।


यह कहते हैं शिक्षक नेता और शिक्षा अधिकारी
पंचायती राज शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष मूलचंद गुर्जर का कहना है कि शिक्षा विभाग को नए शिक्षा-सत्र में पहले तो उन स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर की जाए जहां नामांकन अच्छा होने के बावजूद शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की कमी होगी तो सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ जाएगा।

इसी प्रकार अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र शर्मा का कहना है कि अधिश्ेाष शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से अन्य विद्यालयो में पद स्थापित किया जाएगा जिसकी प्रक्रिया तेज हो गई है।

शिक्षक कांग्रस के जिलाध्यक्ष मनोज यादव और  शिक्षक संघ अरस्तु के  प्रदेश उपाध्यक्ष लालाराम सैनी के अनुसार पहले सरकार शिक्षकों की कमी को दूर करे, इसके बाद नामांकन व परीक्षा परिणाम बढ़ाने का लक्ष्य दिया जाए।

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