सीकर.ज्ञान की अलख जगाने वाली यह कहानी नीमकाथाना के चला की है। पांच हजार आबादी वाले गांव में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए युवाओं के पास कोई जरिया नहीं था। युवाओं को या तो सीकर आना पड़ता या जयपुर जाना पड़ता।
कई जरूरतमंद युवा दूसरी जगह पढ़ाई का खर्च वहन करने में भी सक्षम नहीं थे।
एक सरकारी स्कूल के व्याख्याता डाॅ. हीरा जी. शंकर की पहल पर चला के जागरूक लोगों ने जरूरतमंद युवाओं के लिए बड़ी पहल की है। गांव में ही निशुल्क कोचिंग शुरू की। कोचिंग के लिए बने संचालक मंडल में 90 फीसदी सरकारी सेवा से जुड़े लोग हैं। 70 दिनों में पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर यहां 400 सीटें फुल हो गई। अब छह महीने बाद ही नए बैच में प्रवेश मिल सकेगा।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चला में कार्यरत व्याख्याता डाॅ. हीरा जी. शंकर ने बताया कि उन्हें पढ़ाई के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। वे नहीं चाहते कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को वैसी ही समस्याओं का सामना करना पड़े। इसी मकसद से फ्री कोचिंग की मुहिम शुरू की। ताकि आरएएस, एसएससी, पटवारी, सहित अन्य फाउंडेशन कोर्स, सरकारी भर्तियों की परीक्षा की तैयारी के लिए युवाओं को परेशानी न उठानी पड़े। दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डाॅ. आरएल गोदारा जैसे वरिष्ठ लोगों का साथ पाकर उन्होंने हिमालय एजुकेशन ट्रस्ट का गठन किया। गोदारा सहित नौ लोगों की टीम संरक्षण मंडल में शामिल है। ट्रस्ट द्वारा 20 अक्टूबर से क्लास शुरू कर दी गई। 12वीं या इससे ज्यादा पढाई करने वालों को ही यहां प्रवेश दिया गया।
सरकारी कंपाउंडर, शिक्षक व वकील भी निशुल्क पढ़ाते हैं
क्लास रूम, लाइब्रेरी सहित अन्य सेटअप खुद डाॅ. हीरा जी. शंकर ने वेतन से बचाए पैसों से किया। हालांकि अब भामाशाहों का सहयोग मिलने लगा है। शंकर के अलावा पेशे से सरकारी कंपाउंडर डाॅ. रामवतार गजराज, शिक्षक मोहनलाल सैनी, रेडियोग्राफर रतन गजराज व एडवोकेट दिनेश कुमावत यहां निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं। रीजनिंग सहित कुछ शिक्षकों को वेतन भामाशाह देते हैं।
20 ढाणियों के युवा कर रहे हैं पढ़ाई
आर्थिक संपन्न 60 युवाओं ने भी यहां प्रवेश लिया। इनका कहना है कि आधा समय तो शहर आने-जाने में ही पूरा हो जाता है। अब तैयारी के लिए समय मिल रहा है। इसके अलावा कोचिंग में आस-पास की 20 ढाणियों के 340 जरूरतमंद युवा कोचिंग ले रहे हैं।
संसाधन : प्रोजेक्टर से मोटिवेशन स्पीच
प्रोजेक्टर पर मोटिवेशन सेमिनार सहित अन्य जरुरी टिप्स देते हैं। ट्रस्ट दिल्ली-मुंबई की संस्थाओं से संपर्क कर रहा है ताकि ऑन लाइन मोटिवेशन दिलाया जा सके।
संकल्प : चयनित होने वाले युवा देंगे पहला वेतन
यहां तैयारी कर रहे युवाओं को संकल्प दिलाया जाता है कि सरकारी नौकरी पाने पर वे पहला वेतन यहां पढाई कर रहे बच्चों के लिए देंगे। ताकि ट्रस्ट युवाओं के लिए और बेहतर सुविधाएं जुटा सकें।
कई जरूरतमंद युवा दूसरी जगह पढ़ाई का खर्च वहन करने में भी सक्षम नहीं थे।
एक सरकारी स्कूल के व्याख्याता डाॅ. हीरा जी. शंकर की पहल पर चला के जागरूक लोगों ने जरूरतमंद युवाओं के लिए बड़ी पहल की है। गांव में ही निशुल्क कोचिंग शुरू की। कोचिंग के लिए बने संचालक मंडल में 90 फीसदी सरकारी सेवा से जुड़े लोग हैं। 70 दिनों में पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर यहां 400 सीटें फुल हो गई। अब छह महीने बाद ही नए बैच में प्रवेश मिल सकेगा।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चला में कार्यरत व्याख्याता डाॅ. हीरा जी. शंकर ने बताया कि उन्हें पढ़ाई के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। वे नहीं चाहते कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को वैसी ही समस्याओं का सामना करना पड़े। इसी मकसद से फ्री कोचिंग की मुहिम शुरू की। ताकि आरएएस, एसएससी, पटवारी, सहित अन्य फाउंडेशन कोर्स, सरकारी भर्तियों की परीक्षा की तैयारी के लिए युवाओं को परेशानी न उठानी पड़े। दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डाॅ. आरएल गोदारा जैसे वरिष्ठ लोगों का साथ पाकर उन्होंने हिमालय एजुकेशन ट्रस्ट का गठन किया। गोदारा सहित नौ लोगों की टीम संरक्षण मंडल में शामिल है। ट्रस्ट द्वारा 20 अक्टूबर से क्लास शुरू कर दी गई। 12वीं या इससे ज्यादा पढाई करने वालों को ही यहां प्रवेश दिया गया।
सरकारी कंपाउंडर, शिक्षक व वकील भी निशुल्क पढ़ाते हैं
क्लास रूम, लाइब्रेरी सहित अन्य सेटअप खुद डाॅ. हीरा जी. शंकर ने वेतन से बचाए पैसों से किया। हालांकि अब भामाशाहों का सहयोग मिलने लगा है। शंकर के अलावा पेशे से सरकारी कंपाउंडर डाॅ. रामवतार गजराज, शिक्षक मोहनलाल सैनी, रेडियोग्राफर रतन गजराज व एडवोकेट दिनेश कुमावत यहां निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं। रीजनिंग सहित कुछ शिक्षकों को वेतन भामाशाह देते हैं।
20 ढाणियों के युवा कर रहे हैं पढ़ाई
आर्थिक संपन्न 60 युवाओं ने भी यहां प्रवेश लिया। इनका कहना है कि आधा समय तो शहर आने-जाने में ही पूरा हो जाता है। अब तैयारी के लिए समय मिल रहा है। इसके अलावा कोचिंग में आस-पास की 20 ढाणियों के 340 जरूरतमंद युवा कोचिंग ले रहे हैं।
संसाधन : प्रोजेक्टर से मोटिवेशन स्पीच
प्रोजेक्टर पर मोटिवेशन सेमिनार सहित अन्य जरुरी टिप्स देते हैं। ट्रस्ट दिल्ली-मुंबई की संस्थाओं से संपर्क कर रहा है ताकि ऑन लाइन मोटिवेशन दिलाया जा सके।
संकल्प : चयनित होने वाले युवा देंगे पहला वेतन
यहां तैयारी कर रहे युवाओं को संकल्प दिलाया जाता है कि सरकारी नौकरी पाने पर वे पहला वेतन यहां पढाई कर रहे बच्चों के लिए देंगे। ताकि ट्रस्ट युवाओं के लिए और बेहतर सुविधाएं जुटा सकें।
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