भीलवाड़ा. रीडिंगहैबिट, मोरल वैल्यू, अनुशासन प्रिंसिपल की मीट से ही
एजुकेशन में स्टेट नेशनल स्तर पर हो रहे बदलाव को सीख सकते हैं। एजुकेशन
कैसी हो। छात्र कितनी पढ़ाई करें। इसके लिए बच्चों को न्यूज पेपर आदि के
अध्ययन की आदत डालनी होगी।
शिक्षा के व्यावसायिक करण के दौर में स्टूडेंट्स का मीडिया से जुड़ाव नहीं होगा तो पिछड़ जाएंगे। यह बात शिक्षा में लगातार होते बदलाव विषय पर दैनिक भास्कर कार्यालय में गुरुवार को शहर के विभिन्न स्कूल के संचालकों, प्रधानाध्यापकों शिक्षकों के टॉक शो में ये मुद्दे और सुझाव सामने आए। टोक शो में स्टीवर्ड मोरिस स्कूल के संजीव पंचौली विटी वर्ल्ड स्कूल की सेंटर हैड कुमुद व्यास भी उपस्थित थीं।
} मीडिया शिक्षा से जुड़े नए प्रयोगों की जानकारी ज्यादा से ज्यादा बताए
न्यूलुक स्कूल की टीचर रेखा गुर्जर का कहना है कि शिक्षा के व्यावसायीकरण के दौर में सरकार द्वारा मुहैया कराए गए साधनों का भी उपयोग करें तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। हर स्तर पर एजुकेशन से संबंधित शिक्षा में हो रहे बदलाव की जानकारी देने के प्रयास हों ताकि शहर के साथ ग्रामीण छात्र भी जागरूक होकर बदलाव को जीवन में ला सकंे।
} स्टूडेंट्स के अनुशासन पर चर्चा करने की जरूरत
मयूरपब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल कैलाशचंद्र जैन का कहना है कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के विचारों में भी बदलाव हो रहा है। 8वीं कक्षा तक के छात्र तो फिर भी समझ जाते, लेकिन 9वी, 10वीं 11वीं के छात्र अध्यापक से कई बार बहस करने लगते हैं। इससे विद्यार्थी और शिक्षकों के बीच में दूरियां बढ़ती हैं। इसलिए जरूरी है कि विद्यार्थियों के अनुशासन पर हर स्तर पर समाज में काम होना चाहिए।
} स्टूडेंट्स मौजूदा दौर में हो रहे बदलावों को जानें
सेंटपॉल सीनियर सैकंडी स्कूल की प्रिंसिपल शीबा जोन का कहना है छात्रों को मौजूदा दौर में रहे बदलावों को समझना चाहिए। स्कूलों में यह बताया भी जा रहा है। जरूरी है कि घर में भी विद्यार्थी खुद ही ऐसा माहौल तैयार करें ताकि आसानी होगी।
}छात्रों को नए अवसरों की जानकारी दें
एसटेक स्कूल की शिक्षक श्वेता यादव का कहना है फिलहाल पढ़ाई पर हर तरह से चर्चा हो रही है। इसी के साथ जरूरी है कि स्टूडेंट्स को पढ़ाई के दौरान नौकरी या कॅरिअर के अन्य अवसरों की जानकारी भी दी जाए। क्योंकि कई बार विद्यार्थी समय रहते जानकारी नहीं मिलने से ऐसे अवसर को खो देते हैं। यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है।
} परीक्षा भर्ती प्रक्रिया पर भी ध्यान देने की आवश्यकता
स्टीवर्ल्डमोरीस स्कूल के प्रतिनिधि संजीव पंचोली का कहना है कि शिक्षा के बाद परीक्षा भर्ती प्रक्रिया पर भी ध्यान देने की जरूरत है। कई बार भर्ती की जानकारी नहीं होने से विद्यार्थी भटकते रहते हैं और सही अवसर हाथ से निकल जाता है। ऐसे में परीक्षा भर्ती प्रकिया की जानकारी भी देनी चाहिए।
} शिक्षा व्यवस्था चुनौती पर चर्चा होनी चाहिए
माहेश्वरीपब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल नागपाल सिंह का कहना है कि शिक्षा में लगातार हो रहे बदलाव दौर में अब छात्र के सामने यह चुनौती है कि वह किस कोचिंग सेंटर में कितनी स्टडी करें ताकि उसे नई जानकारी मिल सके। इसके लिए न्यूज पेपर सबसे अच्छा माध्यम बन सकता है। इसके अलावा प्रधानाध्यापकों शिक्षकों की मीट करवा कर छात्रों को मोटिवेशन दिया जा सकता है। इसके अलावा शिक्षा से जुड़े हर मुद्दे पर विचार-विमर्श हो।
शिक्षा के व्यावसायिक करण के दौर में स्टूडेंट्स का मीडिया से जुड़ाव नहीं होगा तो पिछड़ जाएंगे। यह बात शिक्षा में लगातार होते बदलाव विषय पर दैनिक भास्कर कार्यालय में गुरुवार को शहर के विभिन्न स्कूल के संचालकों, प्रधानाध्यापकों शिक्षकों के टॉक शो में ये मुद्दे और सुझाव सामने आए। टोक शो में स्टीवर्ड मोरिस स्कूल के संजीव पंचौली विटी वर्ल्ड स्कूल की सेंटर हैड कुमुद व्यास भी उपस्थित थीं।
} मीडिया शिक्षा से जुड़े नए प्रयोगों की जानकारी ज्यादा से ज्यादा बताए
न्यूलुक स्कूल की टीचर रेखा गुर्जर का कहना है कि शिक्षा के व्यावसायीकरण के दौर में सरकार द्वारा मुहैया कराए गए साधनों का भी उपयोग करें तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। हर स्तर पर एजुकेशन से संबंधित शिक्षा में हो रहे बदलाव की जानकारी देने के प्रयास हों ताकि शहर के साथ ग्रामीण छात्र भी जागरूक होकर बदलाव को जीवन में ला सकंे।
} स्टूडेंट्स के अनुशासन पर चर्चा करने की जरूरत
मयूरपब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल कैलाशचंद्र जैन का कहना है कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के विचारों में भी बदलाव हो रहा है। 8वीं कक्षा तक के छात्र तो फिर भी समझ जाते, लेकिन 9वी, 10वीं 11वीं के छात्र अध्यापक से कई बार बहस करने लगते हैं। इससे विद्यार्थी और शिक्षकों के बीच में दूरियां बढ़ती हैं। इसलिए जरूरी है कि विद्यार्थियों के अनुशासन पर हर स्तर पर समाज में काम होना चाहिए।
} स्टूडेंट्स मौजूदा दौर में हो रहे बदलावों को जानें
सेंटपॉल सीनियर सैकंडी स्कूल की प्रिंसिपल शीबा जोन का कहना है छात्रों को मौजूदा दौर में रहे बदलावों को समझना चाहिए। स्कूलों में यह बताया भी जा रहा है। जरूरी है कि घर में भी विद्यार्थी खुद ही ऐसा माहौल तैयार करें ताकि आसानी होगी।
}छात्रों को नए अवसरों की जानकारी दें
एसटेक स्कूल की शिक्षक श्वेता यादव का कहना है फिलहाल पढ़ाई पर हर तरह से चर्चा हो रही है। इसी के साथ जरूरी है कि स्टूडेंट्स को पढ़ाई के दौरान नौकरी या कॅरिअर के अन्य अवसरों की जानकारी भी दी जाए। क्योंकि कई बार विद्यार्थी समय रहते जानकारी नहीं मिलने से ऐसे अवसर को खो देते हैं। यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है।
} परीक्षा भर्ती प्रक्रिया पर भी ध्यान देने की आवश्यकता
स्टीवर्ल्डमोरीस स्कूल के प्रतिनिधि संजीव पंचोली का कहना है कि शिक्षा के बाद परीक्षा भर्ती प्रक्रिया पर भी ध्यान देने की जरूरत है। कई बार भर्ती की जानकारी नहीं होने से विद्यार्थी भटकते रहते हैं और सही अवसर हाथ से निकल जाता है। ऐसे में परीक्षा भर्ती प्रकिया की जानकारी भी देनी चाहिए।
} शिक्षा व्यवस्था चुनौती पर चर्चा होनी चाहिए
माहेश्वरीपब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल नागपाल सिंह का कहना है कि शिक्षा में लगातार हो रहे बदलाव दौर में अब छात्र के सामने यह चुनौती है कि वह किस कोचिंग सेंटर में कितनी स्टडी करें ताकि उसे नई जानकारी मिल सके। इसके लिए न्यूज पेपर सबसे अच्छा माध्यम बन सकता है। इसके अलावा प्रधानाध्यापकों शिक्षकों की मीट करवा कर छात्रों को मोटिवेशन दिया जा सकता है। इसके अलावा शिक्षा से जुड़े हर मुद्दे पर विचार-विमर्श हो।
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