उपनिदेशकमाध्यमिक शिक्षा कार्यालय की ओर से अस्थायी पात्रता सूची निकालने
के बाद उसे ही स्थायी बताकर डीपीसी कर दी जाती है। इस बार भी एेसा ही करने
की तैयारी की जा रही है। इससे संभाग के एक हजार से भी ज्यादा थर्ड ग्रेड
शिक्षक पदोन्नति से वंचित रह जाएंगे।
विभाग ने प्रमोशन के लिए जो सूचियां पांच या सात साल पहले बनाई, उन्हीं सूची में से कुछ शिक्षकों के नाम में संशोधन कर अस्थायी पात्रता सूची निकाल दी गई।
अब इस सूची को लेकर रही है 100 से ज्यादा परिवेदनाओं का निस्तारण करने के बाद अस्थायी पात्रता सूची को ही निदेशालय भेजकर डीपीसी कर दी जाएगी। सूची निकालने से पहले प्रारंभिक शिक्षा विभाग पूछा तक नहीं गया। जबकि तृतीय श्रेणी शिक्षकों का सारा रिकॉर्ड इसी कार्यालय में रहता है। आनन-फानन में चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए सूची निकाल दी गई। शिक्षा विभाग राज्य सरकार की ओर से जारी कैलेंडर के अनुसार डीपीसी कर रहा है। लेकिन पात्रता सूची जारी करने से पहले पूरी तैयारी तक नहीं की गई। इसमें सेवानिवृत, मृतक, तबादला प्रमोशन पा चुके 600 से अधिक शिक्षकों के नाम शामिल कर दिए गए।
इतना ही नहीं धौलपुर से परिवेदना लेकर डीडी कार्यालय पहुंचे महेशचंद शर्मा ने बताया कि खुद डीईओ ने ही एक दिन पहले परिवेदना मांगी है। ऐसे में कुछ भी समझ नहीं रहा है कि विभाग प्रमोशन कर रहा है या शिक्षकों को परेशान कर रहा है। उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे रहे हैं। हर बार प्रमोशन सूची में कार्यालय के बाबू और अधिकारी गड़बड़ियों को शामिल कर चहेतों को फायदा देने की योजना बना देते हैं। करौली निवासी संतोष भार्गव ने बताया कि अगस्त 2016 में उन्होंने नाम शामिल करने के लिए आवेदन कर दिया था। विभाग ने अस्थायी पात्रता सूची से नाम ही निकाल दिया।
खुद डीईओ माध्यमिक प्रथम ने ही 21 जुलाई को आदेश निकालकर शिक्षकों से परिवेदना मांगी है। इसमें भी 22 जुलाई की शाम पांच बजे तक परिवेदना देने का समय निर्धारित किया गया। अब सवाल उठता है कि जिले के ग्रामीण इलाकों से जिन शिक्षकों की परिवेदनाएं हैं, वे एक दिन कैसे संशोधन के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को पात्रता सूची में शामिल नहीं करने के लिए एक ही दिन का समय दिया।
पांच साल पहले बनाई सूची में से कुछ शिक्षकों के नाम में संशोधन कर निकाल दी अस्थायी पात्रता सूची
डीडी ही नहीं डीईओ भी चुप
इसपूरे मामले का खुलासा करने के बाद से ही डिप्टी डायरेक्टर से लेकर डीईओ तक चुप हैं। जबकि करौली, धौलपुर सवाईमाधोपुर के अलावा जिले के ग्रामीण इलाकों के शिक्षक परिवेदना निस्तारण लेकर यहां पहुंच रहे हैं।
पूर्व में हो चुकी गड़बड़ी, निदेशक करा चुके जांच
उपनिदेशकमाध्यमिक शिक्षा कार्यालय में प्रमोशन में गड़बड़ी का खेल कोई नया नहीं है। बल्कि जब भी अस्थायी पात्रता सूची निकाली जाती है, तभी ऐसी खामियां सामने आती हैं। क्योंकि कार्यालय समय पर कोई काम करता नहीं है। इससे कैलेंडर के अनुसार आनन-फानन में सूचियां निकालकर डीपीसी कर दी जाती है। ढाई साल पहले भी विभाग ने 3300 शिक्षकों के प्रमोशन में गड़बड़ी की थी। इसकी जांच निदेशक से कराने पर नोटिस देकर जांच कराई गई थी।
प्रथम लेवल के शिक्षकों को द्वितीय लेवल के पदों पर लगाया
प्रारंभिकशिक्षा विभाग की ओर से प्रथम लेवल के पदों पर द्वितीय लेवल के शिक्षकों को नियुक्त करने का मामला सामने आया है। इस मामले की शिकायत शिक्षकों ने अधिकारियों से की है। प्रथम लेवल के अध्यापकों को भरतपुर कुम्हेर ब्लॉक में खाली होने के बाद भी कामां, पहाड़ी, नगर एवं डीग के दुरस्थ क्षेत्रों में लगा दिया गया है। जबकि भरतपुर, सेवर, कुम्हेर डीग के लेवल दो के शिक्षकों को लेवल प्रथम पर गत काउंसलिंग में पदस्थापित किया गया है। 10 जुलाई को हुई काउंसलिंग में विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को भी दूरस्थ एरिया में पदस्थापित किया गया है। 6 डी के तहत अाने वाले शिक्षकों के अतिरिक्त शिक्षा विभाग के शिक्षकों को भी बगैर किसी आदेश के सैटअप परिवर्तन के तहत डीग, कामां पहाड़ी क्षेत्र में पदस्थापित कर दिया गया है। कोर्ट का स्टे होने के बाद भी ऐसे शिक्षकों को पदस्थापन कर 6डी के तहत पदस्थापन कर दिया गया। इस मामले में डीईओ प्रारंभिक शिक्षा प्रथम भगवानसहाय सैनी ने बताया कि कुछ शिक्षक ऐसे लगाए गए हैं। लेकिन उनको नियमों के तहत ही लगाया गया है।
विभाग ने प्रमोशन के लिए जो सूचियां पांच या सात साल पहले बनाई, उन्हीं सूची में से कुछ शिक्षकों के नाम में संशोधन कर अस्थायी पात्रता सूची निकाल दी गई।
अब इस सूची को लेकर रही है 100 से ज्यादा परिवेदनाओं का निस्तारण करने के बाद अस्थायी पात्रता सूची को ही निदेशालय भेजकर डीपीसी कर दी जाएगी। सूची निकालने से पहले प्रारंभिक शिक्षा विभाग पूछा तक नहीं गया। जबकि तृतीय श्रेणी शिक्षकों का सारा रिकॉर्ड इसी कार्यालय में रहता है। आनन-फानन में चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए सूची निकाल दी गई। शिक्षा विभाग राज्य सरकार की ओर से जारी कैलेंडर के अनुसार डीपीसी कर रहा है। लेकिन पात्रता सूची जारी करने से पहले पूरी तैयारी तक नहीं की गई। इसमें सेवानिवृत, मृतक, तबादला प्रमोशन पा चुके 600 से अधिक शिक्षकों के नाम शामिल कर दिए गए।
इतना ही नहीं धौलपुर से परिवेदना लेकर डीडी कार्यालय पहुंचे महेशचंद शर्मा ने बताया कि खुद डीईओ ने ही एक दिन पहले परिवेदना मांगी है। ऐसे में कुछ भी समझ नहीं रहा है कि विभाग प्रमोशन कर रहा है या शिक्षकों को परेशान कर रहा है। उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे रहे हैं। हर बार प्रमोशन सूची में कार्यालय के बाबू और अधिकारी गड़बड़ियों को शामिल कर चहेतों को फायदा देने की योजना बना देते हैं। करौली निवासी संतोष भार्गव ने बताया कि अगस्त 2016 में उन्होंने नाम शामिल करने के लिए आवेदन कर दिया था। विभाग ने अस्थायी पात्रता सूची से नाम ही निकाल दिया।
खुद डीईओ माध्यमिक प्रथम ने ही 21 जुलाई को आदेश निकालकर शिक्षकों से परिवेदना मांगी है। इसमें भी 22 जुलाई की शाम पांच बजे तक परिवेदना देने का समय निर्धारित किया गया। अब सवाल उठता है कि जिले के ग्रामीण इलाकों से जिन शिक्षकों की परिवेदनाएं हैं, वे एक दिन कैसे संशोधन के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को पात्रता सूची में शामिल नहीं करने के लिए एक ही दिन का समय दिया।
पांच साल पहले बनाई सूची में से कुछ शिक्षकों के नाम में संशोधन कर निकाल दी अस्थायी पात्रता सूची
डीडी ही नहीं डीईओ भी चुप
इसपूरे मामले का खुलासा करने के बाद से ही डिप्टी डायरेक्टर से लेकर डीईओ तक चुप हैं। जबकि करौली, धौलपुर सवाईमाधोपुर के अलावा जिले के ग्रामीण इलाकों के शिक्षक परिवेदना निस्तारण लेकर यहां पहुंच रहे हैं।
पूर्व में हो चुकी गड़बड़ी, निदेशक करा चुके जांच
उपनिदेशकमाध्यमिक शिक्षा कार्यालय में प्रमोशन में गड़बड़ी का खेल कोई नया नहीं है। बल्कि जब भी अस्थायी पात्रता सूची निकाली जाती है, तभी ऐसी खामियां सामने आती हैं। क्योंकि कार्यालय समय पर कोई काम करता नहीं है। इससे कैलेंडर के अनुसार आनन-फानन में सूचियां निकालकर डीपीसी कर दी जाती है। ढाई साल पहले भी विभाग ने 3300 शिक्षकों के प्रमोशन में गड़बड़ी की थी। इसकी जांच निदेशक से कराने पर नोटिस देकर जांच कराई गई थी।
प्रथम लेवल के शिक्षकों को द्वितीय लेवल के पदों पर लगाया
प्रारंभिकशिक्षा विभाग की ओर से प्रथम लेवल के पदों पर द्वितीय लेवल के शिक्षकों को नियुक्त करने का मामला सामने आया है। इस मामले की शिकायत शिक्षकों ने अधिकारियों से की है। प्रथम लेवल के अध्यापकों को भरतपुर कुम्हेर ब्लॉक में खाली होने के बाद भी कामां, पहाड़ी, नगर एवं डीग के दुरस्थ क्षेत्रों में लगा दिया गया है। जबकि भरतपुर, सेवर, कुम्हेर डीग के लेवल दो के शिक्षकों को लेवल प्रथम पर गत काउंसलिंग में पदस्थापित किया गया है। 10 जुलाई को हुई काउंसलिंग में विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को भी दूरस्थ एरिया में पदस्थापित किया गया है। 6 डी के तहत अाने वाले शिक्षकों के अतिरिक्त शिक्षा विभाग के शिक्षकों को भी बगैर किसी आदेश के सैटअप परिवर्तन के तहत डीग, कामां पहाड़ी क्षेत्र में पदस्थापित कर दिया गया है। कोर्ट का स्टे होने के बाद भी ऐसे शिक्षकों को पदस्थापन कर 6डी के तहत पदस्थापन कर दिया गया। इस मामले में डीईओ प्रारंभिक शिक्षा प्रथम भगवानसहाय सैनी ने बताया कि कुछ शिक्षक ऐसे लगाए गए हैं। लेकिन उनको नियमों के तहत ही लगाया गया है।
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