प्रदेश में बेरोजगारों का एक बार फिर अनशन शुरू हो गया है। सोमवार को जयपुर में शहीद स्मारक पर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले महासंघ के अध्यक्ष अनशन पर बैठ गए। अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर वे दिनभर अनशन पर रहे, लेकिन सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
गौरतलब यह है कि साल 2012 के चयनित शिक्षकों के रिवाइज रिजल्ट, वर्ष 2013 के 7000 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति देने और 2015 की रीट भर्ती का रास्ता साफ करने की मांग को लेकर पहले भी अनशन होता रहा है। इन मुद्दों को लेकर महासंघ ने 4 बार अनशन किया है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव पांचवी बार यहां आमरण अनशन पर बैठे हैं। हालांकि उनके साथ अन्य बेरोजगार भी अनशन स्थल पर मौजूद हैं, लेकिन अनशन केवल यादव ने ही किया है।
यह है मांगे
उपेन ने बताया कि साल 2012 में चयनित शिक्षकों के रिवाइज रिजल्ट के लिए हमारी मांग को सरकार लगातार अनदेखा कर रही है। इस बार सरकार जब तक हमारी इस मांग को नहीं मानेगी, तब तक अनशन जारी रहेगा।
साल 2013 में चयनित 7000 शिक्षकों को तुरंत प्रभाव से नियुक्ति दी जानी चाहिए। इसके लिए कोर्ट से निर्णय होने के बाद भी सरकार टालमटोल कर रही है।
साल 2015 में हुई रीट भर्ती की अड़चनों को लेकर भी सरकार कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे पा रही है। यदि सरकार इसे लेकर कोई निर्णय करती है, तो बेरोजगारों को बड़ी राहत मिलेगी।
इसके साथ ही विभिन्न मौकों पर हुए धरने और प्रदर्शनों में 54 बेरोजगारों पर केस दर्ज किए गए थे, उनको हटाया जाना चाहिए।
गौरतलब यह है कि साल 2012 के चयनित शिक्षकों के रिवाइज रिजल्ट, वर्ष 2013 के 7000 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति देने और 2015 की रीट भर्ती का रास्ता साफ करने की मांग को लेकर पहले भी अनशन होता रहा है। इन मुद्दों को लेकर महासंघ ने 4 बार अनशन किया है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव पांचवी बार यहां आमरण अनशन पर बैठे हैं। हालांकि उनके साथ अन्य बेरोजगार भी अनशन स्थल पर मौजूद हैं, लेकिन अनशन केवल यादव ने ही किया है।
यह है मांगे
उपेन ने बताया कि साल 2012 में चयनित शिक्षकों के रिवाइज रिजल्ट के लिए हमारी मांग को सरकार लगातार अनदेखा कर रही है। इस बार सरकार जब तक हमारी इस मांग को नहीं मानेगी, तब तक अनशन जारी रहेगा।
साल 2013 में चयनित 7000 शिक्षकों को तुरंत प्रभाव से नियुक्ति दी जानी चाहिए। इसके लिए कोर्ट से निर्णय होने के बाद भी सरकार टालमटोल कर रही है।
साल 2015 में हुई रीट भर्ती की अड़चनों को लेकर भी सरकार कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे पा रही है। यदि सरकार इसे लेकर कोई निर्णय करती है, तो बेरोजगारों को बड़ी राहत मिलेगी।
इसके साथ ही विभिन्न मौकों पर हुए धरने और प्रदर्शनों में 54 बेरोजगारों पर केस दर्ज किए गए थे, उनको हटाया जाना चाहिए।
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