लीगलरिपोर्टर | जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आरपीएससी द्वारा आयोजित स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा 2015 के परिणाम डिलीट किए गए सवालों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने परिणाम को सही बताते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
इसके साथ ही चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर लगी रोक भी हट गई है। सरकार अब ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे सकेेगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया आरपीएससी ने कई सवालों के विकल्प दुरुस्त करने की बजाय उन्हें डिलीट कर दिया। डिलीट किए गए सवालों को एक्जामिन करवाने के लिए कोर्ट से एक स्वतंत्र कमेटी गठित करने का आग्रह किया। याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि प्रथम प्रश्नपत्र में 75 में से 18 सवाल डिलीट कर दिए गए और सभी में अंक बराबर बांट दिए गए, जो कि उचित नहीं है। प्रश्नपत्र पांच भागों में विभक्त था, मसलन हिंदी, अंग्रेजी, जीके, विज्ञान शिक्षण अभिरुचि से जुड़े प्रश्न पूछे गए थे। किसी भाग के नौ सवाल डिलीट हुए तो किसी में एक भी नहीं हुआ। इससे याचिकाकर्ताओं को नुकसान हुआ।
आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता जेपी जोशी चयनित अभ्यर्थी विपिन गहलोत अन्य की ओर अधिवक्ता संदीप शाह, मनोज भंडारी हरीश पुरोहित की ओर से तर्क दिया गया कि आंसर-की जारी करने के बाद आपत्तियां मांगी गई थी। इसके बाद एक्सपर्ट कमेटी से सवालों काे एक्जामिन करवाया और कमेटी की अनुशंसा पर उन सवालों को डिलीट कर दिया गया। आरपीएससी ने पूरी पारदर्शिता के साथ इस काम को किया है। इसलिए एक्सपर्ट कमेटी से और एक्जामिन करवाने का कोई औचित्य नहीं है। आरपीएससी चयनित अभ्यर्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसलाें की नजरें पेश करते हुए यह भी तर्क दिया गया कि हाईकोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है जबकि याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि जहां देखने से यह प्रतीत हो कि सवाल का विकल्प गलत है या आंसर की में त्रुटियां तो इसे चैलेंज किया जा सकता है। हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करने का अधिकार है। दोनों पक्ष सुनने के बाद जस्टिस निर्मलजीत कौर ने गत 2 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस कौर ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए परिणाम को उचित बताते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया तथा सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
नियुक्ति का रास्ता साफ : आरपीएससी ने 13 हजार 98 पदों के लिए जुलाई में विभिन्न विषयों की परीक्षा आयोजित की थी। इसके बाद 23 सितंबर को रिजल्ट जारी किया गया। प्रथम प्रश्नपत्र में कुल 75 सवाल पूछे गए थे, इसमें से आपत्ति और संदेह होने पर 18 सवाल डिलीट कर दिए थे। हाईकोर्ट ने याचिकाओं को विचारार्थ स्वीकार कर नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगा दी थी। याचिकाएं खारिज होने से अब राजनीति विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी, भूगोल, हिंदी सहित विभिन्न विषयों के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का रास्ता साफ हो गया। हालांकि सरकार ने कुछ विषयों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी थी।
इसके साथ ही चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर लगी रोक भी हट गई है। सरकार अब ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे सकेेगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया आरपीएससी ने कई सवालों के विकल्प दुरुस्त करने की बजाय उन्हें डिलीट कर दिया। डिलीट किए गए सवालों को एक्जामिन करवाने के लिए कोर्ट से एक स्वतंत्र कमेटी गठित करने का आग्रह किया। याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि प्रथम प्रश्नपत्र में 75 में से 18 सवाल डिलीट कर दिए गए और सभी में अंक बराबर बांट दिए गए, जो कि उचित नहीं है। प्रश्नपत्र पांच भागों में विभक्त था, मसलन हिंदी, अंग्रेजी, जीके, विज्ञान शिक्षण अभिरुचि से जुड़े प्रश्न पूछे गए थे। किसी भाग के नौ सवाल डिलीट हुए तो किसी में एक भी नहीं हुआ। इससे याचिकाकर्ताओं को नुकसान हुआ।
आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता जेपी जोशी चयनित अभ्यर्थी विपिन गहलोत अन्य की ओर अधिवक्ता संदीप शाह, मनोज भंडारी हरीश पुरोहित की ओर से तर्क दिया गया कि आंसर-की जारी करने के बाद आपत्तियां मांगी गई थी। इसके बाद एक्सपर्ट कमेटी से सवालों काे एक्जामिन करवाया और कमेटी की अनुशंसा पर उन सवालों को डिलीट कर दिया गया। आरपीएससी ने पूरी पारदर्शिता के साथ इस काम को किया है। इसलिए एक्सपर्ट कमेटी से और एक्जामिन करवाने का कोई औचित्य नहीं है। आरपीएससी चयनित अभ्यर्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसलाें की नजरें पेश करते हुए यह भी तर्क दिया गया कि हाईकोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है जबकि याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि जहां देखने से यह प्रतीत हो कि सवाल का विकल्प गलत है या आंसर की में त्रुटियां तो इसे चैलेंज किया जा सकता है। हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करने का अधिकार है। दोनों पक्ष सुनने के बाद जस्टिस निर्मलजीत कौर ने गत 2 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस कौर ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए परिणाम को उचित बताते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया तथा सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
नियुक्ति का रास्ता साफ : आरपीएससी ने 13 हजार 98 पदों के लिए जुलाई में विभिन्न विषयों की परीक्षा आयोजित की थी। इसके बाद 23 सितंबर को रिजल्ट जारी किया गया। प्रथम प्रश्नपत्र में कुल 75 सवाल पूछे गए थे, इसमें से आपत्ति और संदेह होने पर 18 सवाल डिलीट कर दिए थे। हाईकोर्ट ने याचिकाओं को विचारार्थ स्वीकार कर नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगा दी थी। याचिकाएं खारिज होने से अब राजनीति विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी, भूगोल, हिंदी सहित विभिन्न विषयों के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का रास्ता साफ हो गया। हालांकि सरकार ने कुछ विषयों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी थी।
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