मास्टरजी चुनाव में, पढ़ाने वाला कौन - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

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Friday 30 November 2018

मास्टरजी चुनाव में, पढ़ाने वाला कौन

जयपुर. आधे से ज्यादा शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगने से राज्यभर के स्कूलों व कॉलेजों में पढ़ाई चौपट हो गई है। हर जिले के कुछ कालेज परिसरों का अधिग्रहण करने से वहां भी छुट्टी का माहौल है।
स्कूलों में बच्चों की अद्र्धवार्षिक परीक्षा दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में होनी है, लेकिन उनका चालीस फीसदी कोर्स अभी भी अधूरा पड़ा है। हालांकि अजमेर समेत कुछ जिलों की स्कूलें ऐसी भी हैं, जहां कोर्स पूरा हुआ है, पर वहां भी अभी पढ़ाई ठप ही है। कॉलेजों में भी दिसम्बर मध्य में परीक्षा होनी है। चुनाव के बाद मतगणना में भी बड़ी संख्या में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जानी है। ऐसे में नहीं लगता है कि इस बार अद्र्धवार्षिक परीक्षा तक स्कूलों में कोर्स पूरा हो सके। इसका असर आगे वार्षिक परीक्षा तक पडऩे की आशंका है। कुछ जगह तो हालात ऐसे भी हैं कि जहां एक ही शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा है।

चुनाव के लिए कई शिक्षकों को बीएलओ बनाया गया है, जिन्होंने पहले मतदाता सूचियों का निरीक्षण किया। घर-घर सर्वे करवाया। उसके बाद अब चुनाव में प्रशिक्षण के लिए उनकी ड्यूटी लगाई गई है। 25 नवम्बर से फिर इन्हें प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। ऐसे में विद्यालयों व कॉलेजों में शिक्षण कार्य प्रभावित होना तय था।

प्रदेश का ये है हाल
जयपुर : 80 फीसदी शिक्षकों की लगी ड्यूटी
जयपुर जिले के 75-80 फीसदी शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगी है। पांच-छह हजार शिक्षक पहले से ही बीएलओ की ड्यूटी में लगे हैं। एक हजार शिक्षक, प्रशिक्षक व अनुभाग अधिकारी के रूप में लगाए हैं। कहते हैं कोर्स पूरा करवा दिया है, लेकिन वास्तव में कई विषयों का 40-50 फीसदी कोर्स ही पूरा है। विवि शिक्षकों को अब तक चुनाव में नहीं लगाया है। लेकिन कुछ की ड्यूटी लगाई जा सकती है।
कोटा: 7 हजार शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी में लगाया
कोटा जिले में 305 माध्यमिक स्कूलों के सात हजार शिक्षक चुनाव में लगाए हैं। जिला निर्वाचन विभाग ने कोटा के जेडीबी कॉलेज को प्रशिक्षण के तौर पर लिया है। वहां पर छात्राओं की पढ़ाई ठप है। झालावाड़ में पीजी कॉलेज में 45 शिक्षकों में से 20 की चुनाव में ड्यूटी है। खुद प्राचार्य की भी ड्यूटी लगी है। बारां जिले में 5 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें 90 प्रतिशत कर्मचारी शिक्षा विभाग के हैं। स्कूलों में आधा कोर्स बाकी है। दोनों कॉलेजों में पढ़ाई पूरी तरह ठप है। राजकीय कन्या महाविद्यालय में प्रशिक्षण चल रहा है। एक सप्ताह से राजकीय पीजी कॉलेज में वोटिंग के लिए खिड़कियों व कुछ दरवाजों को चिनाई कर बंद किया जा रहा है।
वागड़ : सैकड़ों पद रिक्त, जो बचे उनकी भी चुनावी ड्यूटी
जनजाति बाहुल्य वागड़ में स्कूल एवं उच्च शिक्षा में सैंकड़ों पद पहले से ही रिक्त हैं। रही सही कसर चुनाव में प्राध्यापकों, शिक्षकों की ड्यूटी से पूरी हो गई। हरिदेव जोशी कन्या महाविद्यालय बांसवाड़ा एवं मामा बालेश्वर कॉलेज कुशलगढ़ में भी ऐसे ही हाल हैं। डूंगरपुर जिले के चारों महाविद्यालयों का भी अधिकांश स्टॉफ चुनावी कार्य में व्यस्त हैं। चुनाव को लेकर वाहन अधिग्रहित करने से तीन दिन निजी विद्यालयों में भी बच्चों का स्कूल छूटेगा।
अलवर : कॉलेज शिक्षकों की ड्यूटी से पढ़ाई बाधित
छह हजार छात्र संख्या वाले राजकीय कला महाविद्यालय को अधिगृहीत किए जाने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। राजकीय राजर्षि महाविद्यालय में अधिकतर स्टाफ को चुनाव ड्यूटी में लगा दिया है, जबकि यहां 15 दिसम्बर से परीक्षा होनी है। परेशान विद्यार्थियों ने 3 दिन पूर्व कालेज का गेट बंद कर आंदोलन किया था।
अजमेर : स्कूलों में कोर्स पूरा, रिवीजन प्रभावित
अजमेर जिले में न केवल स्कूल, बल्कि कॉलेज में भी शिक्षण कार्य प्रभावित हो गया है। स्कूलों में कई जगह कोर्स भी पूरा हो गया है, लेकिन चुनाव ड्यूटी के कारण रिवीजन नहीं हो पा रहा है। ब्यावर के सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय अधिकांश शिक्षकों व कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी लगने से न केवल शिक्षण कार्य, बल्कि महाविद्यालय के अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
शेखावाटी
सीकर के 2059 शिक्षक बीएलओ की ड्यूटी में व्यस्त हैं। कॉलेजों का भी 20 प्रतिशत स्टाफ चुनावी कार्य में लगा है। झुंझुनूं जिले की 25 फीसदी स्कूलों में कोर्स अधूरा पड़ा है। चूरू जिले के 250 से अधिक स्कूलों में कोर्स पूरा नहीं हुआ है।
उदयपुर
उदयपुर व राजसमंद जिले की स्कूलों के 30 फीसदी शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगी है। अधिकांश स्कूलों में कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। उदयपुर शहर स्थित कला महाविद्यालय का चुनाव के लिए अधिग्रहण होने से वहां एक सप्ताह से अध्ययनकार्य बाधित है।
बीकानेर: विद्यार्थी परेशान, कैसे देंगे परीक्षा?
बीकानेर के सैकड़ों शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगी है। पढ़ाई ठप है। हालांकि शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि चुनाव ड्यूटी से शिक्षण कार्य में व्यवधान नहीं होना चाहिए। श्रीगंगानगर जिले में 12वीं तक के छात्र असमंजस में हैं कि जो विषय पढ़ा ही नहीं, उसके बारे में लिखेंगे क्या?

जोधपुर-पाली: स्कूलों में 60फीसदी तक कोर्स अभी बाकी
जोधपुर में स्कूलों में 20 से 30 फीसदी कोर्स बकाया है। पाली के हर ब्लॉक से करीब 50 से 100 शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी में लगाए जाने से विद्यालयों में 40 फीसदी कोर्स ही पूरा हो सका है। सिरोही की स्कूलों में कोर्स पूरा करवाने के लिए ड्यूटी से बचे शिक्षकों की अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जा रही हैं। जालोर जिले की कुछ स्कूलों में 25 फीसदी तक कोर्स अधूरा है।

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