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शिक्षक, पैराटीचर, किसान, होमगार्ड और बेरोजगारों के लिए खोला पिटारा

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को विधानसभा में जवाब देते हुए कई घोषणाएं की। किसान, युवा, उद्योग सहित कई क्षेत्रों की घोषणाएं की गईं।
राजे ने कहा कि राजस्थान केवल एक प्रदेश नहीं बल्कि हमारा परिवार है जिसकी आन, बान, शान तथा स्वाभिमान को हम सदैव बनाए रखेंगे और इसे विकास की अग्रिम पंक्ति में लाकर ही दम लेंगे।

उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर मैं पहले भी स्पष्ट कर चुकी हूं कि हमारी कार्यशैली और प्रतिबद्धता इस बात की गारंटी है कि हम जो भी घोषणाएं करते हैं उन्हें 100 फीसदी पूरा करते हैं। वादों के मामले में हमारी तुलना कांग्रेस से बिल्कुल भी नहीं की जा सकती। सुराज संकल्प  को चरितार्थ करते हुए जब मैं बीते 4 वर्षों की ऐतिहासिक उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराती हूं तो कांग्रेस को पेट में दर्द होने लगता है, लेकिन सच्चाई तो यही है।

मैं फिर कहती हूं 'विकास के मुद्दे पर हम किसी से भी, कहीं भी और किसी भी वक्त चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार हैं,' क्योंकि विकास के मामले में हम कांग्रेस की तरह बहानेबाजी नहीं बल्कि सम्पूर्ण इच्छाशक्ति के साथ काम करके दिखाने में विश्वास रखते हैं।

जनता के एक-एक पैसे को हमने उसी जनता को साक्षी मानकर सुराज संकल्प के वादों को पूरा करने और एक खुशहाल, सशक्त और स्वाभिमानी राजस्थान के निर्माण पर खर्च किया है, जिससे हर राजस्थानी के चेहरे पर मुस्कान लौटी है।
बजट में हमने महिला, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सुरक्षा आदि कई क्षेत्रों में ऐसे निर्णय लिए हैं जो प्रदेश के विकास में नए आयाम स्थापित करेंगे और भविष्य में भी प्रदेश की जनता को लाभ पहुंचाएंगे। लेकिन यह सब शायद विपक्ष को नजर नहीं आता।

4 वर्ष पूर्व जब हमने सत्ता संभाली थी तब प्रदेश की आर्थिक स्थिति और बिजली कंपनियां किस कदर घाटे का सौदा बनी हुई थी यह किसी से छुपा नहीं है। लेकिन हमने इन चुनौतियों का डटकर सामना किया और दूरदर्शी सोच के साथ लगातार सकारात्मक प्रयास करते रहे।

यह बजट सत्र और आज का दिन राजस्थान की लोकतांत्रिक परम्पराओं और संसदीय इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है, जब वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले ही राज्य सरकार ने, एक महीने पहले, अगले वित्तीय वर्ष खर्च होने वाली राशि की सदन में अनुमति मांगी।
एक नजर घोषणाएं:-

- अभय कमांड सेंटर्स (AbhayCommandCentres) के संचालन हेतु दक्ष मानव संसाधन पूर्ति की जाना आवश्यक है। राजस्थान के संभागीय मुख्यालयों पर स्तिथ इन अभय कमांड सेंटर्स के संचालन हेतु कुल 952 अतिरिक्त पद सर्जित किये जायेंगे जिससे युवाओं को रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे।

- पिछड़े एवं अति पिछड़े उद्यमियों के लिए अब RIICO द्वारा एक विशेष योजना लाई जाएगी जिसके अंतर्गत छोटे उद्यमियों जैसे कि चर्मकार, दस्तकार एवं बुनकरों को 150 वर्गमीटर तक इंडस्ट्रियल प्लॉट्स आसान किश्तों पर आवंटित किये जा सकेंगे। SC/ST एवं दिव्यांग उद्यमियों को 50% छूट का लाभ दिया जायेगा। साथ ही निर्माण, मशीनरी व उपकरण एवं कार्यशील पूंजी के लिए उनको ऋण उपलब्ध कराने में उद्योग विभाग सहायता प्रदान करेगा। इस पहल से सक्षम उद्यमियों को औद्योगिक विकास के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।

- 2018-19 में होमगार्ड कर्मचारियों के मानदेय को बढ़ाते हुए 693 रु. प्रतिदिन किया है वहीं पुलिस मैस में खाना बनाने वाले कर्मचारियों के मानदेय में भी 10% की वृद्धि की जाएगी।


- 2018-19 में शिक्षा कर्मियों, पैरा टीचर्स, मदरसा टीचर्स व मिड-डे-मील योजनान्तर्गत कार्यरत कुक कम हेल्पर्स के मानदेय में 1 जुलाई 2018 से 10% वृद्धि की जाएगी।

- मोहाली (पंजाब) की तर्ज पर सेना में भर्ती की तैयारी हेतु राजस्थान के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए आवासीय सुविधा हेतु 10 करोड़ के कॉर्पस फंड की स्थापना की जाएगी।

-प्रदेश में उच्च-शिक्षा के स्तर को मज़बूत करने हेतु बजट में पूर्व ही 18 नवीन कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी, साथ ही अब बीदासर, मलसीसर, पिंडवाड़ा, शेरगढ़, रोहट, मारवाड़ जंक्शन व इटावा में 7 और नवीन कॉलेज खोले जायेंगे।

- चिकित्सा बेहतर करने हेतु कोटा के महाराव भीम सिंह चिकित्सालय में शैय्याओं की संख्या 474 से बढ़ाकर 750 व टोंक सादत जिला चिकित्सालय में शैय्याओं की संख्या 200 से बढ़ाकर 275 की जाएगी।

- किसान भाइयों को VCR से हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए कृषि कनेक्शनों की समस्त लंबित VCR की मूल राशि का 50% से घटाकर मात्र 10%, 30 जून 2018 तक जमा करने पर निस्तारित किया जायेगा। साथ ही, नियमित कृषि उपभोक्ताओं की VCR नहीं भरी जाएगी और जो उपभोक्ता विद्युत भार में वृद्धि करना चाहेंगे उनकी भार वृद्धि सामान्य दरों पर कर दी जाएगी।

- प्रदेशभर के सभी स्टेट हाईवे पर निजी वाहनों को टोल टैक्स से छूट प्रदान करने की घोषणा की गई है।

- बजट 2018 में लघु एवं सीमांत कृषकों को सहकारी बैंकों के 30/9/17 तक के आउट स्टैंडिंग फसली ऋण की 50 हज़ार की क़र्ज़ माफ़ी के साथ अब लघु एवं सीमांत काश्तकारों, अन्य काश्तकारों को भी 50 हज़ार तक के आउट स्टैंडिंग फसली ऋण, निर्धारित जोत के अनुपात में एक बारिया माफ़ी की जाएगी।

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