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Wednesday 21 March 2018

अब परीक्षा में बैठे फर्जी बैठे तो पकड़े जाएंगे...!

शरद शुक्ला-नागौर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाने के मामले में नाराजगी जताते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की है।
इधर, बोर्ड परीक्षा दे रहे निजी शिक्षण संस्थानों के समस्त छात्रों को प्रश्न पत्र देने से पहले एक प्रपत्र दिया जाएगा, जिसे भरकर केन्द्राधीक्षक को देना होगा। परीक्षार्थी प्रपत्र भरने के बाद ही परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। परीक्षार्थियों को प्रपत्र में खुद का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, निवासी, नियमिति विद्यार्थी के तौर पर अर्धवार्षिक परीक्षा दी है यानहीं, वर्तमान में क्या काम करता हैं, हस्ताक्षर सहित शपथ पत्र की तरह यह सभी जानकारी भरकर देनी होगी। भरे हुएप्रपत्र की एक प्रति जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक प्रथम के कार्यालय में भेजी जाएगी, ताकि इसकी रिपोर्ट निदेशालय भेजी जा सके।इस संबंध में निदेशालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। निदेशालय ने परीक्षा शुरू होने से अब तक की समयावधि की वीडियोग्राफी की सीडी भी मांगी है। जिला शिक्षाधिकारी ने जिले के सभी 284 केन्द्राधीक्षकों को इस बारे में निर्देश जारी कर जल्द से जल्द इसकी पालना करने को कहा है। जिले में आठ मार्च से शुरू हुआ बोर्ड परीक्षाओं में फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाने तथा नकल के प्रकरण सामने आने के बाद निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षाधिकारी से पूरी रिपोर्ट मांगी है। जानकारी के अनुसार नकल की रोकथाम के लिए केन्द्रों की निगरानी के दौरान जिला स्तर पर की गई व्यवस्थाओं पर भी सख्त नाराजगी जताई गई है। निदेशालय ने स्पष्ट तौर पर माना है कि न तो फ्लाइंग दस्ता सही तरीके से काम कर रहा है और न ही इसके लिए जिम्मेदार जिला शिक्षाधिकारी।
इसकी भी होनी चाहिए जांच
सूत्रों के अनुसार बोर्ड परीक्षा में करीब एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं। जिले में कुल 284 परीक्षा केन्द्र है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग ने नकल की रोकथाम के लिए महज पांच उडऩदस्ते गठित किए हैं। जबकि नकल के मामले में नागौर जिला पहले भी चर्चित रह चुका है। परीक्षा केन्द्र निर्धारण में एक भी केन्द्र को संवेदन या अतिसंवेदनशील की श्रेणी में नहीं लेने पर भी सवाल उठाए गए थे, लेकिन शिक्षा विभाग ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि पिछले दो -तीन साल में नागौर जिले में संचालित परीक्षाओं के दौरान ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। इसलिए नागौर जिले का एक भी केन्द्र संवेदन या अतिसंवेदनशील नहीं माना गया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि निजी शिक्षण संस्थानों एवं शिक्षा विभाग की सांठगांठ के चलते इस तरह के प्रकरण की रिपोर्ट को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। परिणाम स्वरूप हालात ज्यादा बिगड़ गए।
जायल में पकड़े गए थे मुन्नाभाई
गौरतलब है कि गत दिनों जायल के परीक्षा केन्द्र पर आठ युवकों को फर्जी छात्र बनकर दूसरों की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया था। राजस्थान पत्रिका ने इस विषय को प्रमुख से उठाते हुए पूरी परीक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाए गए थे। इसके बाद हरकत में आए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी कर पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है।
वीडियोग्राफी की सीडी देखेगा निदेशालय
निदेशालय ने परीक्षा शुरू होने से अब तक की सीडी मांगी है। निदेशालय खुद ही सीडी देखकर इसकी जांच करेगा तथा व्यवस्थाओं में शिथिलता मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
निदेशालय के निर्देश से सभी केन्द्राधीक्षकों को लिखित में अवगत करा दिया है। इसकी पालना में शिथिलता बरतने पर केन्द्राधीक्षक खुद जिम्मेदार होंगे।
ब्रह्माराम चौधरी,
जिला शिक्षाधिकारी
(माध्यमिक प्रथम), नागौर

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