संसाधन और शिक्षकों के अभाव में भी बेहतर रिजल्ट - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

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Thursday 1 June 2017

संसाधन और शिक्षकों के अभाव में भी बेहतर रिजल्ट

संसाधनोंकी कमी के बावजूद जैक के मैट्रिक इंटर की परीक्षा में ग्रामीण क्षेत्र के परीक्षार्थियों ने बेहतर परिणाम दिए। परीक्षा का परिणाम यह बताने के लिए काफी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभा की कमी नहीं है। ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थी मौका मिलने पर अपनी प्रतिभा हर स्तर पर साबित करने में किसी से पीछे नहीं हैं।
महिला कॉलेज इंटर कॉमर्स की दीपा अग्रवाल ने विपरीत परिस्थिति के बाद भी कोल्हान टॉपर बनने का गौरव प्राप्त किया। वहीं मैट्रिक में मुसाबनी सरस्वती विद्यामंदिर के छात्र भवतोष पाल ने कोल्हान में पहले पायदान पर जगह बनाई। भवतोष नक्सल प्रभावित काड़ाडूबा गांव से आता है जहां नक्सली अक्सर जनता दरबार लगाते थे।

महिलाकॉलेज का परिणाम संतोषप्रद

बीडीएसएलमहिला इंटर कॉलेज के परिणाम से कॉलेज कर्मियों ने काफी संतोष जाहिर किया है। इस संबंध में कॉलेज के शिक्षक पार्थ प्रतिम घोष ने बताया कि कॉलेज के कॉमर्स में 91 और साइंस में 57.14 प्रतिशत छात्राएं सफल रहीं। जानकारी हो कि कई तरह की समस्याओं से कॉलेज हमेशा चर्चा में बना रहा। कॉलेज के बंद होने की स्थिति भी आई इसके बाद भी कॉलेज की छात्राओं ने अपनी प्रतिभा से कॉलेज का परचम लहराया। कॉमर्स में कोल्हान टॉपर बनने का गौरव इसी कॉलेज की छात्रा को प्राप्त हुआ है।

मुसाबनी की सृष्टि सिंघानिया ने राजस्थान लक्ष्मीगढ़ शिकर के प्रतिष्ठित मोदी स्कूल में 12 वीं कॉमर्स की परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है। सृष्टि को अर्थशास्त्र में 95, बीएसटी में 91, अंग्रेजी में 88, अकाउंट में 88 और फिजिकल एजुकेशन में 88 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ है। सृष्टि मुसाबनी के प्रसिद्ध व्यवसायी सह समाजसेवी वंशीधर सिंघानिया की पौत्री पवन सिंघानिया और प्रीति सिंघानिया की पुत्री है। रिजल्ट पर सृष्टि ने कहा कि परिणाम थोड़ा और बेहतर हो सकता था। आगे चलकर वह सीए बनाना चाहती है। इसके लिए हमने कोलकाता में रहकर सीपीटी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। परीक्षा आगामी 18 जून को होगी।

घाटशिला कॉलेज के कॉमर्स में पायल कुमारी 74.4 प्रतिशत अंक लाकर टॉपर हुई है। इसके पिता धरम बहाल निवासी दिवाकर सिंह टेंपू चालक हैं और माता गृहिणी। वह सीए बनना चाहती है अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और शिक्षक गुड्‌डू सिंह को देना चाहती है। वहीं मनीषा गोराई 364 अंक (72.8 प्रतिशत) दूसरी टॉपर रही। इसके पिता व्यवसायी के साथ-साथ भाजपा के कार्यकर्ता हैं और मां गृहिणी है अपनी सफलता का श्रेय शिक्षक और माता पिता को दिया है। यह एमबीए करना चाहती है

सरस्वती विद्या मंदिर घाटशिला के विद्यार्थी सत्यनाथ भकत ने मैट्रिक परीक्षा में 440 अंक प्राप्त (88 प्रतिशत) कर स्कूल टॉपर बनने का गौरव प्राप्त किया है। सत्यनाथ को अंग्रेजी में 79, मैथ में 98, विज्ञान में 87, सामाजिक विज्ञान में 88, हिन्दी में 88 अंक मिले। सत्यनाथ भकत अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता मानिक चंद्र भकत को देता है। उसके आदर्श व्यक्ति भी उसके पिता ही हैं। सत्यनाथ भविष्य में माईनिंग इंजीनियर बनना चाहता है। मैट्रिक परीक्षा के पूर्व उसके पिता सुबह 3.30 बजे से 5 बजे तक स्वयं पढ़ाते थे। उनके पिता के मार्गदर्शन से ही इस सफलता अर्जित की सकी।

शिक्षकों की कमी नहीं बन सकी छात्रों की प्रतिभा में रोड़ा

बहरागोड़ाप्रखंड अंतर्गत केबी हाईस्कूल गामारिया के विद्यार्थियों ने विपरीत परिस्थिति में भी बेहतर रिजल्ट किया। वर्षा मंडल ( 455) , सुभादीप राणा ( 433) सागर घोष ( 359) , प्रीति घोष ( 358), आशारानी नायक( 358) महादेव नाथ ( 356), सिपू रानी मैती( 353), लक्ष्मी महापात्रा ( 345) रश्मिता रथ( 344) मानसी राणा( 341)गौतम नाथ( 339) अंक के साथ टॉप टेन में अपना स्थान बनाया है। महज एक शिक्षक होने के कारण विद्यालय के लिपिक भी विद्यार्थियों के बेहतर रिजल्ट के लिए पढ़ाते थे। जानकारी हो कि इस हाईस्कूल में कुल 201 विद्यार्थियों में महज एक शिक्षक अंबुज कुमार मंडल प्रधानाध्यापक के रूप में पदस्थापित हैं। इन्हें विभिन्न कार्यों से जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय जमशेदपुर जाना पड़ता है। इस कारण विद्यालय में विद्यार्थियों को स्कूल के क्लर्क सूची दुलाल पातरों कक्षाएं लेते हैं।

मौमसी पांडा शिखा साहू 90 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल की द्वितीय टॉपर बनी

डुमरियाके भालुकपातड़ा गांव की मौसमी पंडा शिखा साहू 90 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल की संयुक्त रूप से द्वितीय टॉपर रही। अष्टकोशी प्लस टू उवि की दोनों छात्राएं विज्ञान लेकर पढ़ना चाहती हैं और दोनों आगे चलकर शिक्षिका बनना चाहती हैं। मौसमी पंडा के पिता ललित कुमार पंडा काफी गरीब परिवार से आते हैं। इसके बावजूद बेटी की पढ़ाई को जारी रखा। शिखा साहु के पिता भी एक गरीब किसान हैं। खेती बारी से परिवार चलाने के साथ-साथ बेटी की पढ़ाई पर पूरा ध्यान रखा और आगे पढ़ाने की इच्छा रखते हैं 

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