नरेन्द्र मोदी जी,
मेरा सादर प्रणाम स्वीकार हो.
मेरा सादर प्रणाम स्वीकार हो.
देश की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर आपसे संवाद स्थापित करना ज़रूरी समझते हुए पत्र लिखने जा रहा हूँ कि-
1.विमुद्रीकरण के इतने दिनों बाद हवाई व आरक्षित श्रेणी के रेल टिकिटों में पाँच सौ के नोट की छूट अब गैर जरूरी है।
क्योंकि ऐसे सभी यात्री हाईटेक हैं, जिनके पास चैक बुक सहित कैशलेस भुगतान के दर्जनों विकल्प होते हैं।
इस प्रकार ऐसे यात्रियों के बड़े नोटों को व्यक्तिगत बैंक खातों में जोड़े बिना रिजर्व बैंक तक पहुँचाना अब व्यवस्था की मजबूरी न होकर विसंगति होगा।
रेलवे की अनारक्षित श्रेणी के अधिकांश यात्री चैक या कैशलेस ट्रांजेक्शन करने में सक्षम नहीं है। परंतु ऐसे सस्ते टिकिटों में पाँच सौ के नोट काम ही नहीं आ रहे है। अतः ऐसे यात्रियों को सौ-सौ के नोटों का प्रबंध करना ही पड़ता है।
यहाँ यह भी बता दूँ कि,ऐसे यात्रियों द्वारा दिए जा रहे ये नोट,बुकींग वाले चेंज में माँगने पर भी यात्रियों को वापस नहीं दे रहे हैं।जिससे अप्रचलित व प्रचलित मुद्रा की परस्पर अदला बदली को बढ़ावा मिल रहा है।
यहाँ यह भी बता दूँ कि,ऐसे यात्रियों द्वारा दिए जा रहे ये नोट,बुकींग वाले चेंज में माँगने पर भी यात्रियों को वापस नहीं दे रहे हैं।जिससे अप्रचलित व प्रचलित मुद्रा की परस्पर अदला बदली को बढ़ावा मिल रहा है।
अतः रेल/हवाई टिकट बुकिंग पर पाँच सौ नोटों का लेनदेन जल्दी से जल्दी बंद करवाया जाना देश हित में है।
2.पाँच सौ के नोट बैंकों में जमा करवा चुके अधिकांश उपभोक्ता अब पेट्रोल पंप व गैस ऐजेंसीज पर सौ व दो हजार के नोट भुगतान कर रहे हैं।ऐसे में यहाँ भी अप्रचलित व प्रचलित मुद्रा की परस्पर अदला बदली को बढ़ावा मिल रहा है।
रोजाना लाखों रुपयों का इंधन फूंकने वाले बड़े ट्रांसपोर्टर्स,लंबे समय से बड़े नोट,डीजल पेट्रोल खरीद के नाम पर खपा रहे हैं। जिससे भी अप्रचलित व प्रचलित मुद्रा की परस्पर अदला बदली को बढ़ावा मिल रहा है।अतः ---
पट्रोल पंप व गैस ऐजेंसीज पर सरकारी कार्मिकों के ड्युटी काउंटर लगाकर...
पेट्रोल पम्प व गैस ऐजेंसीज पर किए जा रहे भुगतान में से,पाँच सौ के नोटों का रिकार्ड तैयार करके,इस राशि को उपभोक्ताओं के बैंक खातों में जोड़े जाने के लेखे तैयार करवाए जा सकते हैं।
इस संबंध में पाँच सौ के नोटों में भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को वाहनों के कागजात,आधार कार्ड व बैंक पास बुक इत्यादि साथ लाने के लिए पाबंद किया जा सकता है।
इस संबंध में पाँच सौ के नोटों में भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को वाहनों के कागजात,आधार कार्ड व बैंक पास बुक इत्यादि साथ लाने के लिए पाबंद किया जा सकता है।
3.नये नियमों में,तीन दिसम्बर से टोल नाकों पर पाँच सौ के नोट स्वीकार करने की छूट दिया जाना प्रस्तावित है।यदि ऐसा कर दिया गया तो पाँच सौ के सभी नोट नए नोटों बदलने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे। क्योंकि...
(१).रेल/हवाई टिकिटों व बिजली/पानी बिलों की भाँति,निर्धारित टोल शुल्क दरों के अनुसार पाँच सौ के पूरे पूरे नोट जमा नहीं हो सकेंगे।अर्थात टोल नाकों पर भी पाँच सौ के नोट बहुत ही कम जमा होंगे।
(२).वैसे भी अधिकांश लोगों द्वारा हजार-पाँच सौ के नोट,गत्त दिनों बैंकों में जमा करवा दिए हैं। जिससे,अब उनके पास पाँच सौ के नोट देने को ही नहीं बचे है।और सौ या दो हजार के नोट भुगतान कर रहे हैं।
(३).एक अनुमान के मुताबिक लगभग नब्बे प्रतिशत जनता तीन दिसम्बर तक,पुराने पाँच सौ के नोट बैंक खातों में जमा करा चुकी होगी।अतः स्वाभाविक है कि,आवश्यक सेवा प्रदाताओं की तर्ज पर,टोल नाकों के ठेकेदार भी, वाहन चालकों से वशूल टोल राशि,पाँच सौ के नोटों में बदल कर बैंकों में जमा करवाने लगेंगे।
(२).वैसे भी अधिकांश लोगों द्वारा हजार-पाँच सौ के नोट,गत्त दिनों बैंकों में जमा करवा दिए हैं। जिससे,अब उनके पास पाँच सौ के नोट देने को ही नहीं बचे है।और सौ या दो हजार के नोट भुगतान कर रहे हैं।
(३).एक अनुमान के मुताबिक लगभग नब्बे प्रतिशत जनता तीन दिसम्बर तक,पुराने पाँच सौ के नोट बैंक खातों में जमा करा चुकी होगी।अतः स्वाभाविक है कि,आवश्यक सेवा प्रदाताओं की तर्ज पर,टोल नाकों के ठेकेदार भी, वाहन चालकों से वशूल टोल राशि,पाँच सौ के नोटों में बदल कर बैंकों में जमा करवाने लगेंगे।
अतः विमुद्रीकरण की शत प्रतिशत सफलता के लिए,मुद्रा आपूर्ति सुचारु होने तक टोल फ्री की समयावधि बढाया जाना ही एकमात्र उपाय नजर आ रहा है।
4.चिकित्सालय कैश काउंटर्स पर जाँच दरों इत्यादि की राशि भी पाँच सौ के नोटों में जमा नहीं हो पा रही है।
जिससे मरीजों को जाँच दरों के अनुरूप मजबूरन छोटे नोट जमा करवाने पड़ते हैं। ये छोटे नोट न तो मरीजों को चेंज में वापस किए जाते हैं। और न ही बैंकों में जमा करवाए जाते हैं।जिस पर अंकुश लगाया जाना भी आसान है।
जिससे मरीजों को जाँच दरों के अनुरूप मजबूरन छोटे नोट जमा करवाने पड़ते हैं। ये छोटे नोट न तो मरीजों को चेंज में वापस किए जाते हैं। और न ही बैंकों में जमा करवाए जाते हैं।जिस पर अंकुश लगाया जाना भी आसान है।
इसे ऐसे किया जा सकता है कि....
चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के पाँच सौ के नोट जमा करने के काउंटर लगा कर एकमुश्त जमा राशि में से जाँच इत्यादि शुल्क काटने की व्यवस्थाएँ की जा सकती है। तथा अंत में शेष राशि चेक द्वारा मरीजों को लौटाने की व्यवस्था करके इस पर अंकुश लगाया जा सकता है।
मरीजों द्वारा जमा राशि को उनके बैंक खातों से जोड़ने का काम भी किया जा सके तो और भी अधिक पारदर्शिता रहेगी।
5. बिजली/पानी के बिलों में भी अधिकांश उपभोक्ता सौ व दो हजार के नोट जमा करवाने लगे हैं। परंतु यहाँ भी ऐसे ही हाल हैं।
अतः यहाँ भी पाँच सौ के नोट जमा करने की छूट समाप्त करके विलंब सरचार्ज इत्यादि की छूट दी जानी चाहिए।
6. अधिकाधिक कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के उपाय के रूप में सप्ताह भर के लिए ऐसे ट्रांजेक्शन पर कुछ लाभ भी दिए जा सकते हैं।
जैसा मैं समझ पा रहा हूँ, तथा जरूरी समझता हूं। वैसा मैंने लिख दिया । अब करना आपको है, जो आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों के परामर्श से ही करना है।
धन्यवाद!
. भवदीय,
धन्यवाद!
. भवदीय,
शिवनारायण इनाणियाँ गाँव पोस्ट भाकरोद तहसील जिला नागौर राजस्थान.9414484783
No comments:
Post a Comment