Jaipur: राजस्थान में शिक्षक भर्ती में बड़ा बदलाव हो गया है. शनिवार को गहलोत कैबिनेट की मीटिंग में बड़ा फैसला लेते हुए रीट सर्टिफिकेट की वैधता को आजीवन कर दिया गया है. हालांकि रीट के बावजूद भी भर्ती से पहले प्रतियोगी परीक्षा देना जरूरी होगा. इस परीक्षा में मिले अंक के आधार पर ही प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी.
पहली बार 31 जुलाई 2011 को आरटेट परीक्षा का आयोजन हुआ था. 2011 और 2012 में हुई आरटेट परीक्षा के सर्टिफिकेट की वैधता 7 साल रखी गई थी. आरटेट परीक्षा के बाद अध्यापक भर्ती परीक्षा का भी प्रावधान था, लेकिन साल 2015 में बीजेपी सरकार ने नियमों में संशोधन किया. आरटेट के स्थान पर रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का 2015 में आयोजन करवाया गया. साथ ही रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के सर्टिफिकेट की वैधता 3 साल रखी गई.
पात्रता परीक्षा के अंकों के आधार पर ही चयन प्रक्रिया का प्रावधान रखा गया. 2015 से लेकर 2021 के बीच में 3 बार रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन हुआ. लेकिन एक बार फिर से रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के सर्टिफिकेट की वैधता आजीवन कर दी गई है. इसके साथ ही पात्रता परीक्षा के बाद अध्यापक भर्ती परीक्षा का भी प्रावधान किया गया है.
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