सीकर. राजस्थान सरकार ने भी सभी विभागों को 31 दिसम्बर तक तबादलों की छूट दे दी है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन आवेदनों के आधार पर तबादले करने की रणनीति बना ली है। प्रदेश के दो लाख से अधिक
शिक्षकों को तबादलों का इंतजार है। शिक्षा विभाग की ओर से पिछले दिनों प्रिंसिपल, व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी सहित अध्यापक सहित अन्य से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। लेकिन आचार संहिता लागू होने की वजह से तबादले नहीं हो सके। पिछले दिनों नगर निकाय व पंचायत चुनावों की भी आचार संहिता समाप्त हो गई। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने भी तबादलों की तैयारी फिर से शुरू कर दी। सूत्रों का कहना है कि इस महीने में शिक्षा विभाग में तबादले हो सकते है। विभाग की ओर से पहले चरण में नागौर व झुंझुनूं जिले के तबादले किए जा सकते हैं।
नागौर व झुंझुनूं के शिक्षकों सबसे ज्यादा इंतजार
नागौर व झुंझुनूं जिले के शिक्षकों के
तबादले नहीं हुए है। क्योंकि सरकार की ओर से जब पिछले साल तबादले किए थे उस
समय यहां उप चुनाव की वजह से आचार संहिता लगी हुई थी। पिछले दिनों दोनों
जिलों के विधायकों ने जल्द तबादले कराने की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री व
पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा से भी मुलाकात की थी। कांग्रेस के प्रदेश
प्रभारी की बैठक में भी इन दोनों जिले के नेताओं ने तबादलों का मुद्दा
उठाया था।
नीति पर मुहर, तृतीय श्रेणी को इंतजार
प्रदेश में कांग्रेस सरकार की ओर से तृतीय
श्रेणी शिक्षकों के तबादले को लेकर नीति बनकर तैयार हो चुकी है। शिक्षा
मंत्री ने मुख्यमंत्री को भी इस संबंध में रिपोर्ट दे दी है। अभी भी तृतीय
श्रेणी शिक्षकों केा तबादले का इंतजार है। शिक्षक संगठनों को मुख्यमंत्री
की हरी झंडी का इंतजार है।
इनका कहना है
तबादला नीति के जरिए शिक्षकों को राहत
देने की योजना है। नागौर व झुंझुनूं जिले के तबादलों को लेकर कवायद की जा
रही है। जल्द शिक्षकों को राहत दी जाएगी।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री
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