2004 में शिक्षक भर्ती के दौरान आरक्षण को लेकर की गई एक छोटी सी चूक प्रदेश के 2812 अभ्यर्थियों पर भारी - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

Subscribe Us

ads

Hot

Post Top Ad

Your Ad Spot

Saturday 19 October 2019

2004 में शिक्षक भर्ती के दौरान आरक्षण को लेकर की गई एक छोटी सी चूक प्रदेश के 2812 अभ्यर्थियों पर भारी

आरपीएससी की ओर से 2004 में शिक्षक भर्ती के दौरान आरक्षण को लेकर की गई एक छोटी सी चूक प्रदेश के 2812 अभ्यर्थियों पर भारी पड़ रही है। इस गलती के कारण अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है। आयोग 15 साल बाद भी अपनी गलती नहीं सुधार पाया।


अभ्यर्थी इस गलती को सुधरवाने के लिए 15 साल से आयोग के चक्कर काट रहे हैं। यहां तक की कोर्ट से भी इनको राहत मिल चुकी है, लेकिन आयोग नियुक्ति देने में आनाकानी कर रहा है। एक अक्टूबर को प्री लिटिगेशन कमेटी के लिए इस भर्ती में हुए गलती के समस्त दस्तावेज आयोग सचिव को दिए गए, लेकिन इस कमेटी ने अभ्यर्थी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया ही नहीं। कमेटी में इस भर्ती से संबंधित करीब 500 परिवेदनाएं पहुंची थी। आयोग ने वर्ष 2004 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 33936 पदों के लिए भर्ती परीक्षा की थी। इसमें महिला आरक्षण को लेकर आयोग ने गलती कर दी।

कार्मिक विभाग ने सर्कुलर जारी करके कहा था कि कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं जाना चाहिए। साथ ही कहा था कि महिला, पूर्व सैनिक सहित केटेगरी में क्षैतिज आरक्षण के आधार पर ही चयन किया जाए। लेकिन आयोग ने महिला आरक्षण क्षैतिज नहीं देकर उर्ध्वाधर दे दिया। इससे 2812 पदों पर महिलाओं की अधिक भर्ती हो गई और उनका हक मारा गया। यह पद पुरुषों के लिए आरक्षित थे।

दोनों पार्टियों की सरकारें आईं, किसी ने नहीं दिया ध्यान

इस भर्ती में नौकरी की आस लगाए बैठे अभ्यर्थी हेमंत रावल का कहना है कि जब भर्ती की थी तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। इसके बाद कांग्रेस, फिर भाजपा की सरकार बनी। लेकिन उनका मामला अटका रहा। अब प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनी है। उनको उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले को गंभीरतापूर्वक लेकर राहत पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

आयोग इस मामले को सुलझाना ही नहीं चाहता

अभ्यर्थियों का कहना है कि हमने दस्तावेज आयोग को सौंप दिए थे, लेकिन प्री लिटिगेशन कमेटी में हमको व्यक्तिगत सुनवाई के लिए नहीं बुलाया गया। आयोग के तत्कालीन सचिव ने डिप्टी सेक्रेटरी और अनुभाग अधिकारी को मामला फॉरवर्ड करके मामले की इतिश्री कर ली। इससे आयोग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगता है। आयोग इस मामले को सुलझाना ही नहीं चाहता। 

No comments:

Post a Comment

Recent Posts Widget
'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Advertisement

Important News

Popular Posts

Post Top Ad

Your Ad Spot

Copyright © 2019 Tech Location BD. All Right Reserved