मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से संचालित शाला सिद्धि योजना स्कूलों को रास नहीं आ रही है। कहीं स्टॉफ की कमी के चलते तो कहीं अन्य कार्यों में व्यस्त रहने कारण अभी तक जिले भर से करीब 80 से अधिक स्कूलों ने शाला सिद्धि पर फीडिंग कार्य पूरा नहीं किया है।
इससे शाला सिद्धि योजना शरुआती दौर में ही दम तोड़ रही है। शाला सिद्धि पर फीडिंग कार्य पूरा नहीं होने का दूसरा कारण यह भी रहा है कि शिक्षकों को कई अन्य गैर सरकारी कार्यों में लगा रखा है। ऐसे में शाला सिद्धि योजना शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बनकर रह गई है। जबकि हकीकत यह है कि शाला दर्पण व शाला दर्शन वैब पोर्टल की फीडिंग से शिक्षक उभर नहीं पाए हैं।
क्या है शाला सिद्धि योजना
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू करने का उद्देश्य यह है कि अब तक शिक्षा की गुणवत्ता के क्षेत्र में किए गए विभिन्न प्रयायों को एकीकृत कर इन्हें सुनियोजित रूप से क्रियान्वयन किया जाए। इससे विद्यालय की अकादमिक एवं सह-अकादमिक क्रियाओं से विद्यार्थियों को भय मुक्त व आनंददायी वातावरण में सीखने के अवसर मिल सकें । प्रत्येक विद्यार्थी अपनी आयु के अनुरूप निर्धारित दक्षता व कौशल अर्जित कर सके।
शाला सिद्धि योजना बताएगी स्कूल की जन्मकुंडली
शाला सिद्धि योजना ऑनलाइन फिडिंग में सात चरण हैं। प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग मापदण्ड तय किए गए हैं। जैसे शाला में उपलब्ध संसाधन, उनकी उपलब्धता, पर्याप्तता, उपयोगिता, सीखना-सिखाना व आंकलन, विद्यार्थियों की प्रगति, उपलब्धि और विकास, शिक्षकों का कार्य प्रदर्शन, शाला नेतृत्व व शाला प्रबंधन, स्वास्थ्य व सुरक्षा सहित समुदाय की सहभागिता आदि बिन्दुओं को शामिल किया गया है।
फीडिंग पूरी नहीं हुई तो होगी कार्रवाई
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक जस्साराम चौधरी ने आदेश जारी कर चेतावनी दी है कि उन स्कूलों को ३० मार्च तक का समय दिया था जिन्होंने शाला सिद्धि पर फिडिंग का काम पूरा नहीं किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आदेश में बताया है कि प्रदेश भर में 1224 विद्यालय शाला सिद्धि पोर्टल पर इन प्रोग्रेस प्रदर्शित हो रहे हैं, जबकि नागौर जिलें में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा की 667 स्कूलों में से 80 स्कूलों ने अभी तक फिडिंग कार्य पूरा नहीं किया है। इधर, एसएसए के एडीपीसी गोपाल मीणा का कहना है कि प्रारम्भिक की सभी स्कूलों ने शाला सिद्धि फीडिंग कार्य पूरा कर लिया है।
चार्जशीट जारी करेंगे
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना शाला सिद्धि ऑनलाइन फीडिंग में लापरवाही करने वाले संस्था प्रधानों को चार्च शीट जारी करेंगे व साथ ही अन्य कार्रवाई के लिए निदेशालय को पत्र लिखेंगे।
सीताराम गर्ग, डीईओ माध्यमिक शिक्षा प्रथम, नागौर
इससे शाला सिद्धि योजना शरुआती दौर में ही दम तोड़ रही है। शाला सिद्धि पर फीडिंग कार्य पूरा नहीं होने का दूसरा कारण यह भी रहा है कि शिक्षकों को कई अन्य गैर सरकारी कार्यों में लगा रखा है। ऐसे में शाला सिद्धि योजना शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बनकर रह गई है। जबकि हकीकत यह है कि शाला दर्पण व शाला दर्शन वैब पोर्टल की फीडिंग से शिक्षक उभर नहीं पाए हैं।
क्या है शाला सिद्धि योजना
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू करने का उद्देश्य यह है कि अब तक शिक्षा की गुणवत्ता के क्षेत्र में किए गए विभिन्न प्रयायों को एकीकृत कर इन्हें सुनियोजित रूप से क्रियान्वयन किया जाए। इससे विद्यालय की अकादमिक एवं सह-अकादमिक क्रियाओं से विद्यार्थियों को भय मुक्त व आनंददायी वातावरण में सीखने के अवसर मिल सकें । प्रत्येक विद्यार्थी अपनी आयु के अनुरूप निर्धारित दक्षता व कौशल अर्जित कर सके।
शाला सिद्धि योजना बताएगी स्कूल की जन्मकुंडली
शाला सिद्धि योजना ऑनलाइन फिडिंग में सात चरण हैं। प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग मापदण्ड तय किए गए हैं। जैसे शाला में उपलब्ध संसाधन, उनकी उपलब्धता, पर्याप्तता, उपयोगिता, सीखना-सिखाना व आंकलन, विद्यार्थियों की प्रगति, उपलब्धि और विकास, शिक्षकों का कार्य प्रदर्शन, शाला नेतृत्व व शाला प्रबंधन, स्वास्थ्य व सुरक्षा सहित समुदाय की सहभागिता आदि बिन्दुओं को शामिल किया गया है।
फीडिंग पूरी नहीं हुई तो होगी कार्रवाई
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक जस्साराम चौधरी ने आदेश जारी कर चेतावनी दी है कि उन स्कूलों को ३० मार्च तक का समय दिया था जिन्होंने शाला सिद्धि पर फिडिंग का काम पूरा नहीं किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आदेश में बताया है कि प्रदेश भर में 1224 विद्यालय शाला सिद्धि पोर्टल पर इन प्रोग्रेस प्रदर्शित हो रहे हैं, जबकि नागौर जिलें में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा की 667 स्कूलों में से 80 स्कूलों ने अभी तक फिडिंग कार्य पूरा नहीं किया है। इधर, एसएसए के एडीपीसी गोपाल मीणा का कहना है कि प्रारम्भिक की सभी स्कूलों ने शाला सिद्धि फीडिंग कार्य पूरा कर लिया है।
चार्जशीट जारी करेंगे
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना शाला सिद्धि ऑनलाइन फीडिंग में लापरवाही करने वाले संस्था प्रधानों को चार्च शीट जारी करेंगे व साथ ही अन्य कार्रवाई के लिए निदेशालय को पत्र लिखेंगे।
सीताराम गर्ग, डीईओ माध्यमिक शिक्षा प्रथम, नागौर
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