26 जनवरी से पहले शाला सहायकों के पद पर नियुक्ति का इंतजार कर रहे 24000
विद्यार्थी मित्रों का मामला एक बार फिर खटाई में पड़ता दिख रहा है। वित्त
विभाग ने इनके समायोजन के लिए 200 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी नहीं दी है।
पंचायतीराज विभाग ने 24 हजार शाला सहायकों की अस्थायी नियुक्ति के लिए वित्त विभाग से 200 करोड़ रुपए का बजट मांगा था। वित्त विभाग ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव को बिना मंजूरी के ही पंचायतीराज विभाग को लौटा दिया है। गौरतलब है, विद्यार्थी मित्रों की नियुक्ति को लेकर बनी कैबिनेट सब कमेटी ने सोमवार विद्यालय प्रबंध समिति के जरिए प्रदेश की 9894 ग्राम पंचायतों में बनी आदर्श स्कूलों में दो शाला सहायक लगाने का निर्णय लिया था। इनकी भर्ती प्रारंभिक शिक्षा के जरिए होनी थी, लेकिन बजट पंचायतीराज विभाग को देना था। अब इस मामले पर 10 जनवरी को केबिनेट सब कमेटी की फिर से बैठक होगी। इसमें नियुक्ति को लेकर नया रास्ता तलाशने का प्रयास किया जा सकता है।
चौथी बार टूटी आस
विद्यार्थीमित्रों के समायोजन की आस चौथी बार टूटती लग रही है। सबसे पहले सरकार ने 2014 में शिक्षा सहायक के पदों पर इनके समायोजन की योजना बनाई। इस भर्ती में 33690 पदों के लिए आवेदन भी ले लिए थे। इस भर्ती में बोनस अंकों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इसके बाद सरकार ने इस भर्ती को रद्द कर विद्यालय सहायक नाम से नई भर्ती निकालकर इनके समायोजन का प्रयास किया। इसके लिए 30522 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरु कर दी। लेकिन यह मामला भी कोर्ट में अटक गया। इसके बाद विद्यार्थी मित्रों के लगातार आंदोलन को देखते हुए सरकार ने इनको पंचायत सहायक के 27635 पदों पर लगाने का नया प्रस्ताव तैयार किया। लेकिन 28 नवंबर को ग्राम सभाओं के जरिए इनके चयन की घोषणा भी कर दी थी। इससे ठीक पहले 24 नवंबर को सरकार ने एनवक्त पर इस भर्ती को रद्द कर दिया।
पंचायतीराज विभाग ने 24 हजार शाला सहायकों की अस्थायी नियुक्ति के लिए वित्त विभाग से 200 करोड़ रुपए का बजट मांगा था। वित्त विभाग ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव को बिना मंजूरी के ही पंचायतीराज विभाग को लौटा दिया है। गौरतलब है, विद्यार्थी मित्रों की नियुक्ति को लेकर बनी कैबिनेट सब कमेटी ने सोमवार विद्यालय प्रबंध समिति के जरिए प्रदेश की 9894 ग्राम पंचायतों में बनी आदर्श स्कूलों में दो शाला सहायक लगाने का निर्णय लिया था। इनकी भर्ती प्रारंभिक शिक्षा के जरिए होनी थी, लेकिन बजट पंचायतीराज विभाग को देना था। अब इस मामले पर 10 जनवरी को केबिनेट सब कमेटी की फिर से बैठक होगी। इसमें नियुक्ति को लेकर नया रास्ता तलाशने का प्रयास किया जा सकता है।
चौथी बार टूटी आस
विद्यार्थीमित्रों के समायोजन की आस चौथी बार टूटती लग रही है। सबसे पहले सरकार ने 2014 में शिक्षा सहायक के पदों पर इनके समायोजन की योजना बनाई। इस भर्ती में 33690 पदों के लिए आवेदन भी ले लिए थे। इस भर्ती में बोनस अंकों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इसके बाद सरकार ने इस भर्ती को रद्द कर विद्यालय सहायक नाम से नई भर्ती निकालकर इनके समायोजन का प्रयास किया। इसके लिए 30522 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरु कर दी। लेकिन यह मामला भी कोर्ट में अटक गया। इसके बाद विद्यार्थी मित्रों के लगातार आंदोलन को देखते हुए सरकार ने इनको पंचायत सहायक के 27635 पदों पर लगाने का नया प्रस्ताव तैयार किया। लेकिन 28 नवंबर को ग्राम सभाओं के जरिए इनके चयन की घोषणा भी कर दी थी। इससे ठीक पहले 24 नवंबर को सरकार ने एनवक्त पर इस भर्ती को रद्द कर दिया।
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