बांसवाड़ा प्रदेश के कॉलेजों में अंगूठे लगाकर [बायोमैट्रिक पद्धति] उपस्थिति दर्ज करने के सरकारी फरमान पर कॉलेजों में अपनी ढपली अपनी राग बज रही है। कुछ कॉलेजों के प्रबंधन ने केवल आने पर नजर टिका रखी है। आने में लेटलतीफ हैं तो उसकी सूचना भी आयुक्तालय को दे रहे हैं। लेकिन कुछ कॉलेज दोनों समय हाजिरी ले रहे हैं। इससे दोहरी व्यवस्था चल रही है और इस पर न आयुक्तालय ने कोई ध्यान दिया है और न कॉलेजों ने मार्गदर्शन मांगने की जरूरत महसूस की है।
ये था फरमान
कॉलेज आयुक्तालय ने गत 31 अगस्त से प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों में कार्मिकों की उपस्थिति बायोमैट्रिक प्रणाली से दर्ज करने के आदेश दिए थे। इस पर सभी कॉलेजों में इसकी शुरुआत कर दी और व्याख्याता व कार्मिक समय पर पहुंचने भी लग गए, लेकिन सरकारी फरमान में एक पेच सामने आया। आदेश में यह कहीं पर भी नहीं लिखा है कि महाविद्यालयों को कार्मिकों के सिर्फ आने की उपस्थिति बायोमैट्रिक में दर्ज करनी है, लेकिन प्रदेश के कई राजकीय महाविद्यालयों के व्याख्याता व कार्मिक कॉलेज पहुंचने पर ही उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
यहां सिर्फ उपस्थित होने का समय
हरिदेव जोशी राजकीय कन्या महाविद्यालय, बांसवाड़ा
भोगीलाल राजकीय महाविद्यालय, डूंगरपुर
सिर्फ समय पर आने पर ही जोर
आयुक्तालय की ओर से जारी किए गए फार्मेट में भी सिर्फ आने का समय अंकित करवाया जा रहा है और कार्मिक लेटलतीफ है तो उसके देर से आने का कारण पूछा जा रह है, लेकिन कॉलेज में कितने समय तक ठहराव रहा इसकी कोई सूचना अंकित नहीं है। इसी के चलते ही कई महाविद्यालय सिर्फ एक ही समय उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। हालांकि कुछ कॉलेजों ने सरकार की मंशा को भांप कर अपने स्तर पर दोनों समय हाजिरी लेने की व्यवस्था लागू कर रखी है।
साढ़े पांच घण्टे
कॉलेज में व्याख्याता को रुकाने का समय भी आयुक्तालय से तय है। इसके तहत व्याख्याता को न्यूनतम साढ़े पांच घण्टे महाविद्यालय में उपस्थिति रहना होता है। इसी प्रकार साप्ताहिक कालांश भी तय हैं।
निर्देश नहीं हैं....
कार्यवाहक प्राचार्य टीआर. मेघवाल का कहना है कि बायोमैट्रिक पर कार्मिकों के कॉलेज पहुंचने पर उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं, लेकिन जाते समय नहीं। आयुक्तालय से भी इस संबंध में कोई निर्देश नहीं हैं। व्याख्याता निर्धारित समय तक यहां रहते हैँ और सभी क्लास नियमित ली जा रही हैं।
कॉलेज आयुक्तालय ने गत 31 अगस्त से प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों में कार्मिकों की उपस्थिति बायोमैट्रिक प्रणाली से दर्ज करने के आदेश दिए थे। इस पर सभी कॉलेजों में इसकी शुरुआत कर दी और व्याख्याता व कार्मिक समय पर पहुंचने भी लग गए, लेकिन सरकारी फरमान में एक पेच सामने आया। आदेश में यह कहीं पर भी नहीं लिखा है कि महाविद्यालयों को कार्मिकों के सिर्फ आने की उपस्थिति बायोमैट्रिक में दर्ज करनी है, लेकिन प्रदेश के कई राजकीय महाविद्यालयों के व्याख्याता व कार्मिक कॉलेज पहुंचने पर ही उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
यहां सिर्फ उपस्थित होने का समय
हरिदेव जोशी राजकीय कन्या महाविद्यालय, बांसवाड़ा
भोगीलाल राजकीय महाविद्यालय, डूंगरपुर
सिर्फ समय पर आने पर ही जोर
आयुक्तालय की ओर से जारी किए गए फार्मेट में भी सिर्फ आने का समय अंकित करवाया जा रहा है और कार्मिक लेटलतीफ है तो उसके देर से आने का कारण पूछा जा रह है, लेकिन कॉलेज में कितने समय तक ठहराव रहा इसकी कोई सूचना अंकित नहीं है। इसी के चलते ही कई महाविद्यालय सिर्फ एक ही समय उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। हालांकि कुछ कॉलेजों ने सरकार की मंशा को भांप कर अपने स्तर पर दोनों समय हाजिरी लेने की व्यवस्था लागू कर रखी है।
साढ़े पांच घण्टे
कॉलेज में व्याख्याता को रुकाने का समय भी आयुक्तालय से तय है। इसके तहत व्याख्याता को न्यूनतम साढ़े पांच घण्टे महाविद्यालय में उपस्थिति रहना होता है। इसी प्रकार साप्ताहिक कालांश भी तय हैं।
निर्देश नहीं हैं....
कार्यवाहक प्राचार्य टीआर. मेघवाल का कहना है कि बायोमैट्रिक पर कार्मिकों के कॉलेज पहुंचने पर उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं, लेकिन जाते समय नहीं। आयुक्तालय से भी इस संबंध में कोई निर्देश नहीं हैं। व्याख्याता निर्धारित समय तक यहां रहते हैँ और सभी क्लास नियमित ली जा रही हैं।