भास्कर संवाददाता| बांसवाड़ा ग्राम पंचायतों में ग्राम सहायक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन विभाग के पास अभी भी स्पष्ट गाइड लाइन का अभाव है। ग्राम पंचायत शिक्षा अधिकारियों के पास चयन का आधार ही नहीं है।
इसके पहले ग्राम सभाओं में चयनित संबंधित आदेश जब जारी किए गए थे, तब 12वीं उत्तीर्ण बताया गया था। परंतु कुछ ही समय के बाद विभाग ने पूरी प्रक्रिया बदल कर अब एसडीएमसी शिक्षा विभाग को दे दिया गया। हाल ही में पीईईओ बनाए गए प्रिंसिपलों के जिम्मे पूरी चयन की प्रक्रिया होगी। तीन दिन पहले ही विभाग के अधिकारियों की एक बैठक हुई थी। उस बैठक में प्रमुख मुद्दा यह था कि आखिर इनका चयन कैसे किया जाएगा। डीईओ प्रेमजी पाटीदार का कहना है कि गाइड लाइन जारी की है और शीघ्र ही जयपुर लेवल पर बैठक होगी। डीईओ सीधे तौर कहने से भी बचे। कहा कि अभी कुछ भी बताने के लिए इनकार आया हुआ है।
गौरतलब है कि पहले सरकार ने शिक्षा सहायक भर्ती निकाली थी। जिसमें आवेदन तक ले गए थे और प्रक्रिया अंतिम दौर में थी। आवेदनकर्ताओं का चयन होता और नियुक्ति आदेश जारी होते, इसके पहले ही प्रकरण कोर्ट में चला गया और अभी भी वह प्रक्रिया उसी जगह पर रुकी हुई है। दोनों डीईओ ने 11 ब्लाकों में 346 प्रधानाचार्यों को ग्राम सहायक लगाए जाने के संबंध में प्रशिक्षण तो दिया लेकिन प्रधानाचार्यों की तरफ से उठे विरोध के स्वर और अस्पष्ट निर्देशों पर आक्रोश की स्थिति के बीच उन्होंने अपनी बेबसी जता दी है।
वरीयतातय करने के नियम 12 से पहले जारी करें- रेसा पी
व्याख्याताऔर शिक्षा अधिकारियों का संगठन रेसा पी ने मंगलवार को कलेक्टर को ज्ञापन देकर वरीयता क्रम तय करने के नियम 12 फरवरी से पहले जारी करने की मांग की। राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद ने अपना विरोध दर्ज कराया। संगठन के प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश पंड्या ने बताया कि गाइड लाइन में विसंगति की वजह से चयन किस तरह से होगा, यह स्पष्ट नहीं है। चयन का आधार अनुभव होगा या फिर योग्यता अथवा दोनों होंगे तो किस तरह से अंकों का बंटवारा होगा। यह स्पष्ट करना चाहिए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष विमल चौबीसा, प्रमोद ताबीयार, मनीष उपाध्याय, मुकेश ठाकुर, राजू निनामा, गिरिराज जोशी मौजूद थे।
नियमों की अस्पष्टता से अप्रिय स्थिति हो सकती है - रेसा
दूसरीओर शिक्षा सेवा परिषद रेसा ने भी कलेक्टर को ज्ञापन देकर स्पष्ट गाइड लाइन जारी करने की मांग की है। जिलाध्यक्ष रामलाल खराड़ी ने बताया कि हमने मुख्य सचिव से मांग की है कि स्पष्ट नियम भेजे ताकि यह स्पष्ट हो जाए कि चयन का आधार क्या रहेगा। जिला मंत्री किशनसिंह ने बताया कि संगठन भर्ती प्रक्रिया को रोकने के खिलाफ है। नियम स्पष्ट जाए तो बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। इसके लिए चयन की प्रक्रिया पारदर्शिता और स्पष्ट गाइड लाइन के तहत होनी चाहिए। इस मौके पर जयदीप पुरोहित, शीतल पंड्या आदि मौजूद थे।
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इसके पहले ग्राम सभाओं में चयनित संबंधित आदेश जब जारी किए गए थे, तब 12वीं उत्तीर्ण बताया गया था। परंतु कुछ ही समय के बाद विभाग ने पूरी प्रक्रिया बदल कर अब एसडीएमसी शिक्षा विभाग को दे दिया गया। हाल ही में पीईईओ बनाए गए प्रिंसिपलों के जिम्मे पूरी चयन की प्रक्रिया होगी। तीन दिन पहले ही विभाग के अधिकारियों की एक बैठक हुई थी। उस बैठक में प्रमुख मुद्दा यह था कि आखिर इनका चयन कैसे किया जाएगा। डीईओ प्रेमजी पाटीदार का कहना है कि गाइड लाइन जारी की है और शीघ्र ही जयपुर लेवल पर बैठक होगी। डीईओ सीधे तौर कहने से भी बचे। कहा कि अभी कुछ भी बताने के लिए इनकार आया हुआ है।
गौरतलब है कि पहले सरकार ने शिक्षा सहायक भर्ती निकाली थी। जिसमें आवेदन तक ले गए थे और प्रक्रिया अंतिम दौर में थी। आवेदनकर्ताओं का चयन होता और नियुक्ति आदेश जारी होते, इसके पहले ही प्रकरण कोर्ट में चला गया और अभी भी वह प्रक्रिया उसी जगह पर रुकी हुई है। दोनों डीईओ ने 11 ब्लाकों में 346 प्रधानाचार्यों को ग्राम सहायक लगाए जाने के संबंध में प्रशिक्षण तो दिया लेकिन प्रधानाचार्यों की तरफ से उठे विरोध के स्वर और अस्पष्ट निर्देशों पर आक्रोश की स्थिति के बीच उन्होंने अपनी बेबसी जता दी है।
वरीयतातय करने के नियम 12 से पहले जारी करें- रेसा पी
व्याख्याताऔर शिक्षा अधिकारियों का संगठन रेसा पी ने मंगलवार को कलेक्टर को ज्ञापन देकर वरीयता क्रम तय करने के नियम 12 फरवरी से पहले जारी करने की मांग की। राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद ने अपना विरोध दर्ज कराया। संगठन के प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश पंड्या ने बताया कि गाइड लाइन में विसंगति की वजह से चयन किस तरह से होगा, यह स्पष्ट नहीं है। चयन का आधार अनुभव होगा या फिर योग्यता अथवा दोनों होंगे तो किस तरह से अंकों का बंटवारा होगा। यह स्पष्ट करना चाहिए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष विमल चौबीसा, प्रमोद ताबीयार, मनीष उपाध्याय, मुकेश ठाकुर, राजू निनामा, गिरिराज जोशी मौजूद थे।
नियमों की अस्पष्टता से अप्रिय स्थिति हो सकती है - रेसा
दूसरीओर शिक्षा सेवा परिषद रेसा ने भी कलेक्टर को ज्ञापन देकर स्पष्ट गाइड लाइन जारी करने की मांग की है। जिलाध्यक्ष रामलाल खराड़ी ने बताया कि हमने मुख्य सचिव से मांग की है कि स्पष्ट नियम भेजे ताकि यह स्पष्ट हो जाए कि चयन का आधार क्या रहेगा। जिला मंत्री किशनसिंह ने बताया कि संगठन भर्ती प्रक्रिया को रोकने के खिलाफ है। नियम स्पष्ट जाए तो बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। इसके लिए चयन की प्रक्रिया पारदर्शिता और स्पष्ट गाइड लाइन के तहत होनी चाहिए। इस मौके पर जयदीप पुरोहित, शीतल पंड्या आदि मौजूद थे।
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