अजमेर, संवाद सूत्र। Coronavirus: कोरोना काल में लोगों की मदद करने के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेश महामंत्री डॉ. सुशील बिस्सु ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखकर एक दिन के वेतन देने का प्रस्ताव रखा है। डॉ. बिस्सु ने बताया कि उनके संगठन से प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व कॉलेज के करीब चार हजार शिक्षक जुड़े हुए हैं। इन शिक्षकों का एक दिन का वेतन करीब डेढ़ करोड़ रुपये का होगा। कटौती सभी शिक्षक स्वेच्छा से कराने को तैयार है। डॉ. बिस्सु ने कहा कि इस राशि से चिकित्सा उपकरण खरीद कर कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाई जा सकती है। गत वर्ष उनके संगठन ने पीएम, सीएम और सेवा भारती के कोष में 90 लाख रुपये जमा करवा कर सहयोग किया था।
जरूरतमंद संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन के लिए अजमेर में प्रतिदिन लग रहा है कैंप
अजमेर में कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए संवेदनशील लोग एकजुट होने लगे हैं। मानव जाति की प्राण रक्षा के ख्याल से सेवा की भावना लिए युवाओं के एक ग्रुप ने ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का जिम्मा उठाया है। जिन संक्रमित मरीजों को घरों पर ऑक्सीजन की जरूरत है, उनके लिए प्रशासन अजमेर के फेयर डील ट्रेडर्स के प्रबंधक सुनील खंडेलवाल को प्रतिदिन 120 सिलेंडर उपलब्ध करवा रहा है। खंडेलवाल इन सिलेंडरों को प्रशासन के दिशा निर्देश पर जरूरतमंद व्यक्तियों को देते हैं। खंडेलवाल ने बताया कि जब खाली सिलेंडर वापस आता है तो थोड़ी बहुत ऑक्सीजन सिलेंडर में जमा रहती है, बड़े सिलेंडरों में बची ऑक्सीजन को छोटे सिलेंडरों में भर लिया जाता है और फिर जरूरतमंद व्यक्तियों को यह ऑक्सीजन दे दी जाती है। इसके लिए उनकी संस्था के आर्य नगर स्थित गोदाम के पास ही कैंप लगाया जा रहा है। खंडेलवाल ने बताया कि ऐसे अनेक संक्रमित हैं, जिन्हें दो तीन घंटे ऑक्सीजन मिल जाए तो उनका स्वास्थ्य ठीक हो सकता है। कई बार समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने से शरीर का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है, जो बाद में जानलेवा साबित होता है। खंडेलवाल ने कहा कि जिन संक्रमित मरीजों को कुछ घंटों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत है, वो कैंप में आकर ऑक्सीजन प्राप्त कर सकते हैं। गरीब लोगों से ऑक्सीजन का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
कैंप की व्यवस्था संभाल रहे पवन अटारिया ने बताया कि इन ऑक्सीजन का कैंप अजमेर के श्रीनगर रोड स्थित रेलवे के मजदूर संघ के कार्यालय में लगाया जा रहा है। यहां पर मरीजों के बैठने आदि की समुचित व्यवस्था है। अनुभवी व्यक्ति ही ऑक्सीजन देने का कार्य करते हैं। इस कैंप में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हेमंत भाटी का विशेष योगदान है। इसके अतिरिक्त पार्षद नरेश सत्यावना, सोना धनवानी, आलोक गुप्ता आदि का भी सक्रिय योगदान है। जिन संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, वे भी कैंप में आकर ऑक्सीजन ले सकते हैं। कैंप में सरकार की गाइड लाइन की पालना की जा रही है।
चीन से आएंगे 20 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, किशनगढ़ में सात मई को पहुंचेंगे
अजमेर के किशनगढ़ उपखंड के निर्दलीय विधायक सुरेश टाक की पहल पर 20 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर सात मई को किशनगढ़ के राजकीय यज्ञनारायण अस्पताल में पहुंच जाएंगे। ये कॉन्सेंट्रेटर चीन से मंगाए गए हैं। विदेश में रहने वाले भारतीयों के जज्बात भी अजमेर के कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए उमड़ने लगे हैं। एक दिन पहले ही स्थानीय जवाहर लाल नेहरू अस्पताल व आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व छा़त्रों ने विदेश में आपसी सहयोग से 24 काॅन्सेंटट्रेटर हाॅस्पिटल के लिए भेजे थे। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के अधीक्षक डाॅ अनिल जैन ने बताया कि सभी काॅन्सेंट्रेटर के अजमेर पहुंचने पर 24 बेड ऑक्सीजन बेड हो गए, जिससे कोरोना रोगियों को बड़ी राहत मिली है। उधर, किशनगढ़ विधायक सुरेश टाक ने बताया कि किशनगढ़ के लिए 80 कॉन्सेंट्रेटर का ऑर्डर दिया गया है। 40 कॉन्सेंट्रेटर विधायक कोष से खरीदेंगे हैं तो 40 जन सहयोग से खरीदे जा रहे हैं। 20 कॉन्सेंट्रेटर आने के बाद किशनगढ़ के अस्पताल में 60 संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा जा सकेगा।
राज्य में 18 प्लस युवाओं का वैक्सीनेशन हो ऑफलाइनः अनिता भदेल
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल ने कहा कि चिरंजीवी योजना के तहत मुख्यमंत्री एक करोड़ लोगों को लाभ देने की बात कर रहे हैं, जबकि स्थिति यह है कि एक अप्रैल से 850 रुपये में पाॅलिसी लेकर निजी अस्पतालों में उपचार लेने जाने पर निजी अस्पताल भर्ती करने से मना कर रहे हैं। इस तरह प्रत्येक परिवार से 850 रुपये लेकर उसे ठगा जा रहा है। एक ओर महामारी के डर से लोग पैसे नहीं होते हुए भी 850 रुपये में पाॅलिसी लेने को मजबूर हो रहे हैं लोगो के पास रोजगार नहीं है परंतु बीमारी का भय उन्हें पाॅलिसी लेने पर मजबूर कर रहा है, परन्तु पाॅलिसी लेने के बावजूद एक गरीब आदमी का निजी अस्पताल इलाज करने से मना कर दे तो इस पर ना तो जिला प्रशासन और न ही राज्य सरकार ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री ने विज्ञापनों में एक मई से योजना के तहत् लाभ देने का वादा किया है। राजस्थान की भोली भाली जनता को इस भीषण आपदा के समय ठगकर अपनी झोली भरना कहां तक न्यायोचित है।
टीकाकरण की कमियों को छिपाने के लिए साॅफ्टवेयर को पूरा दिन बंद रखना जनता से धोखा
भदेल ने चिकित्सा मंत्री पर गृह जिले के उत्तरदायित्वों के प्रति खरा नहीं उतरने के आरोप लगाते हुए कहा कि यह आपदा का वक्त है। इस वक्त नामकरण की चिंता छोड़ यदि जनता की चिंता कर ली जाती तो शायद इन परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता। महामारी के वक्त सब एकजूट हो धैर्य पूर्वक उपलब्ध संसाधनो का योजनाबद्ध तरीके से उपयोग करते तो जनता को बचाया जा सकता था। पूर्व में राज्य सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री वैक्सीन की कमी का बहाना कर केंद्र सरकार को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ते, लेकिन अब ऑक्सीजन गैस की किल्लत का ठीकरा भी केंद्र सरकार पर ही फोडना चाहते हैं। दूसरी ओर, जब खुद की बारी आई तब 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण के लिए राज्य सरकार अधिक विकल्प नहीं दे रही है।
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