सीकर. शिक्षकों के सैटअप परिवर्तन की प्रक्रिया में लंबे समय से बदलाव की मांग उठ रही है। वर्ष 2016 में शुरू की गई इस प्रक्रिया से अधिक सेवा काल के शिक्षकों का सैटअप परिवर्तन किया गया।सेवानिवृत्ति के नजदीकी यह
शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा को छोडऩा नहीं चाहते थे। दूरस्थ स्थान पर पदस्थापित होने पर मेडिकल अवकाश लेकर यह अपनी सेवा पूर्ण करने का इंतजार करने लगे। जबकि नए शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में जाने के इच्छुक है। लेकिन वरिष्ठता के अभाव में वह सैकण्डरी सैटअप में नहीं जा पाते। इधर, शिक्षक संगठनों ने भी बार-बार वरिष्ठता की जगह विकल्प के आधार पर सैटअप परिवर्तन करने की मांग उठाई है। लेकिन सरकार इस ओर लंबे समय से कोई ध्यान नहीं दे रही हैं।वर्ष 2016 में शुरू हुई थी प्रक्रिया
वर्ष
2016 में सैटअप परिवर्तन की एक नई प्रक्रिया शुरू हुई। उससे पहले सैटअप
परिवर्तन के नियम अलग थे। पंचायत राज में नियुक्त शिक्षक 5 वर्ष की सेवा के
बाद प्रारंभिक शिक्षा में आने के लिए विकल्प फार्म भरता और विकल्प फार्म
में वरिष्ठता के आधार पर प्रारंभिक शिक्षा के रिक्त पदों पर उन शिक्षकों का
समायोजन होता। उसके उपरांत प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षक 5 वर्ष के
अनुभव के आधार पर विकल्प फार्म के आधार पर ही सैकण्डरी सैटअप में जा पाते।
लेकिन बीच में 10 वर्ष तक इस प्रक्रिया पर ब्रेक लग गए। 2016 में सैटअप
परिवर्तन के लिए 6 डी की प्रक्रिया शुरू की गई।
6 डी में स्थान परिवर्तन के बिना हो रहा सैटअप परिवर्तन
6
डी प्रक्रिया में प्रारंभिक शिक्षा में रिक्त पदों पर पंचायत राज के
शिक्षकों की 6 डी कर दी गई। लेकिन 6 डी के तहत उनके स्थान परिवर्तन नहीं
किए गए। केवल उनका सैटअप परिवर्तन हो गया। 6 डी का आधार जिले में नियुक्ति
तिथि रखा गया। नियुक्ति तिथि एवं वरिष्ठता के आधार पर 6 डी की गई। चूंकि
सैंकडरी एजुकेशन में भी काफी पद रिक्त चल रहे थे। अत: उन्हें भरने की कवायद
शुरू की गई। क्योंकि सैंकडरी एजुकेशन में 1998 के बाद सीधी भर्ती नहीं हुई
थी। अत: पूरे राज्य में जिलावार तैयार की गई 6 डी की सूची में से विषयवार
वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों का सैटअप परिवर्तन कर माध्यमिक शिक्षा में
पदस्थापित किया गया।
2016 से 6 डी के आधार पर किया जा रहा सैटअप
परिवर्तन पूर्णत: अव्यवहारिक और गलत है। सैटअप परिवर्तन विकल्प के आधार पर
हो जिससे युवा साथियों को मौका मिले। संगठन की वार्ता में शिक्षा मंत्री ने
इस पर सहमति प्रदान की है। सरकार जल्दी ही आदेश प्रसारित कर शिक्षकों को
राहत प्रदान करे।
उपेन्द्र शर्मा प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)
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