सीकर. RPSC School lecturer recruitment
2019 : प्रदेश में अगले महीने प्रस्तावित स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा
को लेकर विवाद ( Dispute for School Lecturer Recruitment ) थमने का नाम
नहीं ले रहा है। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि खुद अभ्यर्थी परीक्षा
तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं
और इसी को लेकर अभ्यर्थियों में दो धड़े
भी बन चुके हैं। एक बड़ा धड़ा पूर्व में स्थगित हो चुकी इस परीक्षा को समय
पर कराने की मांग कर रहा है। जबकि बीएड की डिग्री का इंतजार कर रहा दूसरा
धड़ा परीक्षा तिथि को आगे बढ़वा इसमें किसी तरह से मौका बनाए रखना चाहता
है। दावा है कि ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या करीब एक से डेढ़ लाख है।उधर शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ( Education Minister Govind Singh Dotasara ) ने सरकार की तरफ से पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी। तर्क है कि बेरोजगारों की भावनाओं को देखते हुए परीक्षा समय पर कराई जा रही है। इसके बाद भी आंदोलन शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान पत्रिका ने इस मुद्दे को लेकर दोनों धड़ों से जुड़े अभ्यर्थियों से बातचीत की।
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अब तक दो बार स्थगित हो चुकी है परीक्षा
लगभग पांच हजार पदों पर होने वाली यह परीक्षा पहले जनवरी 2019 में होनी थी। लेकिन इस दौरान युवाओं के प्रदेशव्यापी आंदोलन को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने इस परीक्षा को जुलाई 2019 में कराने की बात कही थी। इस बीच आर्थिक आधार पर आरक्षण की वजह से विज्ञप्ति संशोधित हो गई। ऐसे में परीक्षा फिर तय समय पर नहीं हो सकी।
लगभग पांच हजार पदों पर होने वाली यह परीक्षा पहले जनवरी 2019 में होनी थी। लेकिन इस दौरान युवाओं के प्रदेशव्यापी आंदोलन को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने इस परीक्षा को जुलाई 2019 में कराने की बात कही थी। इस बीच आर्थिक आधार पर आरक्षण की वजह से विज्ञप्ति संशोधित हो गई। ऐसे में परीक्षा फिर तय समय पर नहीं हो सकी।
परीक्षा से सीधा जुड़ा है नैनिहालों का भविष्य
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में फस्र्ट ग्रेड शिक्षकों की कमी की वजह से विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि अब परीक्षा समय पर नहीं होती है तो अगले साल भी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी। ऐसे में सरकार नए सत्र के हिसाब से फस्र्ट ग्रेड व रीट समय पर कराने की तैयारी में है। यदि फस्र्ट ग्रेड परीक्षा समय पर नहीं होती है तो अगले साल होने वाली रीट प्रभावित होगी।
पहले भी जनवरी में हो चुकी है शिक्षक भर्ती
परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाने की मांग करने वाले युवाओं का तर्क यह भी है कि बीएड व एमए सहित अन्य परीक्षाओं के परिणाम जून-जुलाई महीने में आते है। ऐसे में जनवरी महीने में परीक्षा कराने का कोई तुक नहीं है। जबकि इससे पहले भी प्रदेश में जनवरी 2008, दिसम्बर 2010, दिसम्बर 2011 व मार्च 2012 में भी शिक्षक भर्ती परीक्षाएं हुई है।
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सोशल मीडिया पर सियासी जंग
फस्र्ट परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के बीच सोशल मीडिया के जरिए जंग जारी है। एक धड़े ने आंदोलनकारियों पर आरोप लगाते हुए लिखा कि यह छह लाख बेरोजगारों के साथ धोखा करना चाहते हैं। दूसरे धड़े के अगुवाओं ने लिखा कि बेटी टंकी पर चढ़ी हुई है, सरकार को इनकी सुध लेनी चाहिए।
फस्र्ट परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के बीच सोशल मीडिया के जरिए जंग जारी है। एक धड़े ने आंदोलनकारियों पर आरोप लगाते हुए लिखा कि यह छह लाख बेरोजगारों के साथ धोखा करना चाहते हैं। दूसरे धड़े के अगुवाओं ने लिखा कि बेटी टंकी पर चढ़ी हुई है, सरकार को इनकी सुध लेनी चाहिए।
और ऐसे समझें दोनों पक्षों का दर्द
1. और कितना इंतजार
सरकार के विज्ञप्ति जारी करते ही घर छोडकऱ कोचिंग में पढ़ाई शुरू कर दी। अब दो-दो बार सिलेबस भी पूरा कर चुके हैं। यदि अब परीक्षा समय पर नहीं होती है तो परिजनों ने साफ कह दिया है कि घर आकर तैयारी करो। बार-बार परीक्षा आगे खिसकने से तैयारी प्रभावित होती है। सरकार को जनवरी 2020 में ही परीक्षा करानी चाहिए।-शिवानी, अभ्यर्थी, फस्र्ट ग्रेड
1. और कितना इंतजार
सरकार के विज्ञप्ति जारी करते ही घर छोडकऱ कोचिंग में पढ़ाई शुरू कर दी। अब दो-दो बार सिलेबस भी पूरा कर चुके हैं। यदि अब परीक्षा समय पर नहीं होती है तो परिजनों ने साफ कह दिया है कि घर आकर तैयारी करो। बार-बार परीक्षा आगे खिसकने से तैयारी प्रभावित होती है। सरकार को जनवरी 2020 में ही परीक्षा करानी चाहिए।-शिवानी, अभ्यर्थी, फस्र्ट ग्रेड
2. आयोग की गलती
सरकार ने इस साल फस्र्ट ग्रेड के परीक्षा फार्म भरवाए थे। परीक्षा के लिए तैयारी भी शुरू कर दी। इस दौरान आरपीएससी ने स्पष्ट नहीं किया कि परीक्षा समय पर होगी। इस कारण अब कोचिंग में जमा फीस भी वापस नहीं मिलनी है। सरकार को अभ्यर्थियों को और मौका देना चाहिए। -शंकर चौधरी, अभ्यर्थी
3. डिग्री 2020 तक पूरी
आरपीएससी के दोबारा आवेदन निकालने पर हमने फार्म भर दिया। लेकिन अभी बीएड पूरी नहीं हुई है। परिणाम 2020 तक प्रस्तावित है। परीक्षा स्थगित करनी चाहिए। -आशुतोष, अभ्यर्थी
दो साल से तैयारी करने वालों का क्या कसूर: डोटासरा
दो साल से बेरोजगार तैयारी में जुटे हैं। पिछले साल युवाओं ने द्वितीय श्रेणी परीक्षा की वजह से परीक्षा को आगे बढ़ाने की मांग थी। तय था कि परीक्षा जनवरी महीने में प्रस्तावित है। नए फार्म आर्थिक आधार पर आरक्षण की वजह से भराए थे।
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