बीकानेर. शिक्षा विभाग की साइकिल वितरण योजना में इस
बार पिछले सालों के मुकाबले 12 करोड़ रुपए अधिक खर्च किए जाएंगे। इसकी वजह
साइकिल की रेट में वृद्धि रहा है। वहीं शिक्षा विभाग की ही मेघावी
विद्यार्थियों को लेपटॉप देने की योजना में 22 करोड़ रुपए कम खर्च होंगे।
इसके पीछे भी कम दाम में लेपटॉप खरीद के टेंडर होना रहा है।
शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले मेघावी विद्यार्थियों को वरीयता के आधार पर लेपटॉप प्रदान करता है। वहीं स्कूली छात्राओं को साइकिलें दी जाती है। योजना के तहत हर साल साइकिल व लेपटॉप की खरीद की जाती है। इस बार साइकिलों की खरीद कर वितरण शुरू किया जा चुका है। लेपटॉप खरीद के लिए एक ही कंपनी से अनुबंध कर लिया है। जो ७० दिनों में लेपटॉप मुहैया कराएगी।
पिछले सालों के इस बार लेपटॉप योजना पर सरकार को कम राशि खर्च करनी पड़ेगी। कक्षा आठवीं व दसवीं के विद्यार्थियों के लिए लेपटॉप की कीमत १४ हजार ९९० रुपए, वहीं १२वीं के विद्यार्थियों के लेपटॉप की कीमत २० हजार ४०० रुपए तय हुई है। इस बार साइकिल कुछ महंगी खरीद होने से सरकार को निर्धारित बजट १०० करोड़ से पैसा राशि खर्च करनी पड़ेगी।
27 हजार 900 लैपटॉप
शिक्षा विभाग के वित्त सलाहकार बीडी शर्मा के अनुसार इस बार लेपटॉप खरीद को लेकर काफी मंथन किया गया। तकनीकी राय ली गई। कई कंपनियों ने निविदाएं भरी। इसमें से लेनोवा कंपनी से विभाग ने लेपटॉप खरीद के लिए अनुबंध किया है। जिसके तहत २७ हजार ९०० लेपटॉप की लागत में ४३ करोड़ रुपए आएगी। वहीं बीते साल इतने लेपटॉप ६५ करोड़ में खरीदे गए थे। कुल मिलाकर २२ करोड़ रुपए की बचत होगी। सरकार ने ६० करोड़ का बजट जारी किया हुआ है। पिछली बार तीनों कक्षाओं के लिए प्रत्येक लेपटॉप की कीमत २० हजार रुपए थी।
इस साल 20 हजार कम खरीदी साइकिलें
सरकारी स्कूलों में कक्षा नौवीं में पढऩे वाली बालिकाओं को इस बार ३ लाख ५४ हजार साइकिलों का वितरण होगा। राज्य सरकार ने साइकिल खरीद के लिए १०० करोड़ का बजट जारी किया था। जबकि कुल लागत ११२ करोड़ रुपए आएगी। इस बार ३३४६ रुपए प्रति साइकिल लागत आई है। बीते साल शिक्षा विभाग तीन लाख ७४ हजार साइकिलों का निशुल्क वितरण किया था। प्रति साइकिल की लागत ३२५५ रुपए आई थी जो इस बार से ९१ रुपए अधिक है। वहीं इस साल शिक्षा विभाग की ओर से २० हजार कम साइकिलें खरीदी है।
शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले मेघावी विद्यार्थियों को वरीयता के आधार पर लेपटॉप प्रदान करता है। वहीं स्कूली छात्राओं को साइकिलें दी जाती है। योजना के तहत हर साल साइकिल व लेपटॉप की खरीद की जाती है। इस बार साइकिलों की खरीद कर वितरण शुरू किया जा चुका है। लेपटॉप खरीद के लिए एक ही कंपनी से अनुबंध कर लिया है। जो ७० दिनों में लेपटॉप मुहैया कराएगी।
पिछले सालों के इस बार लेपटॉप योजना पर सरकार को कम राशि खर्च करनी पड़ेगी। कक्षा आठवीं व दसवीं के विद्यार्थियों के लिए लेपटॉप की कीमत १४ हजार ९९० रुपए, वहीं १२वीं के विद्यार्थियों के लेपटॉप की कीमत २० हजार ४०० रुपए तय हुई है। इस बार साइकिल कुछ महंगी खरीद होने से सरकार को निर्धारित बजट १०० करोड़ से पैसा राशि खर्च करनी पड़ेगी।
27 हजार 900 लैपटॉप
शिक्षा विभाग के वित्त सलाहकार बीडी शर्मा के अनुसार इस बार लेपटॉप खरीद को लेकर काफी मंथन किया गया। तकनीकी राय ली गई। कई कंपनियों ने निविदाएं भरी। इसमें से लेनोवा कंपनी से विभाग ने लेपटॉप खरीद के लिए अनुबंध किया है। जिसके तहत २७ हजार ९०० लेपटॉप की लागत में ४३ करोड़ रुपए आएगी। वहीं बीते साल इतने लेपटॉप ६५ करोड़ में खरीदे गए थे। कुल मिलाकर २२ करोड़ रुपए की बचत होगी। सरकार ने ६० करोड़ का बजट जारी किया हुआ है। पिछली बार तीनों कक्षाओं के लिए प्रत्येक लेपटॉप की कीमत २० हजार रुपए थी।
इस साल 20 हजार कम खरीदी साइकिलें
सरकारी स्कूलों में कक्षा नौवीं में पढऩे वाली बालिकाओं को इस बार ३ लाख ५४ हजार साइकिलों का वितरण होगा। राज्य सरकार ने साइकिल खरीद के लिए १०० करोड़ का बजट जारी किया था। जबकि कुल लागत ११२ करोड़ रुपए आएगी। इस बार ३३४६ रुपए प्रति साइकिल लागत आई है। बीते साल शिक्षा विभाग तीन लाख ७४ हजार साइकिलों का निशुल्क वितरण किया था। प्रति साइकिल की लागत ३२५५ रुपए आई थी जो इस बार से ९१ रुपए अधिक है। वहीं इस साल शिक्षा विभाग की ओर से २० हजार कम साइकिलें खरीदी है।
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