जयपुर। Rajasthan Budget 2019
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार सुबह 11 बजे विधानसभा में इस सरकार का
पहला पूर्ण बजट पेश किया। बजट में सरकार ने कई लोकलुभावनी घोषणाएं की है।
गहलोत सरकार ने बजट में 75 हजार पदों पर भर्ती करने की घोषणा की है। इनमें
राजस्व विभाग में 4486, शिक्षा विभाग में 21,600 और फोरेस्ट में 1474 पदों
पर भर्ती होगी। इसके अलावा भी कई विभागों में भर्ती की जाएगी।
प्रदेश में पटवारियों के कुल 12 हजार 252
पद स्वीकृत हैं। इनमें से वर्तमान में 3 हजार 745 पद रिक्त हैं। सबसे
ज्यादा पद भीलवाड़ा में 255, पाली में 207, अजमेर मे 180, भरतपुर में 179,
उदयपुर में 173, बाड़मेर में 172, झालावाड़ में 169 रिक्त हैं। सरकारी
अस्पतालों की मजबूती का काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ, तकनीशियन, सहायक सहित
अन्य स्टाफ मिलाकर करीब 60 हजार पद खाली हैं।
खाली खजाना
बढ़ते राजकोषीय घाटा और बकाया कर्ज राशि का बोझ से प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लडख़ड़ाती जा रही है। केंद्र की भाजपा और प्रदेश की कांग्रेस सरकार के बीच वैचारिक टकराव और टसल के चलते स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाने की आशंका है।
बढ़ते राजकोषीय घाटा और बकाया कर्ज राशि का बोझ से प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लडख़ड़ाती जा रही है। केंद्र की भाजपा और प्रदेश की कांग्रेस सरकार के बीच वैचारिक टकराव और टसल के चलते स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाने की आशंका है।
किसान कर्ज माफी और बेरोजगारी भत्ते के
चुनावी वादे पर अमल के चलते बजट राशि का एक बड़ा हिस्सा जन लोकप्रिय
योजनाओं के भेंट चढ़ गया। अंतरिम बजट से शुरू हुआ यह खेल अब पूर्ण बजट में
भी अपना रंग दिखाएगा। अंतरिम बजट में गहलोत सरकार की जिस तरह अपने चुनाव
घोषणा पत्र पर अमल के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई थी, उससे साफ है कि अब पूर्ण
बजट भी कांग्रेस के जनघोषणा पत्र पर ही केंद्रित होगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अंतरिम बजट में
दावा किया था कि वर्ष 2013-14 में हमारी सरकार के समय तक राज्य पर कुल
कर्जभार 1,29,910 करोड़ रुपए का था। वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान के
अनुसार ऋण एवं दायित्व लगभग 138 प्रतिशत बढ़कर 3, 09,385 करोड़ अनुमानित
है।
प्रदेश पर कर्ज
2017-18 (वास्तविक) : 2,81,182.05 करोड़ रुपए।
2018-19 (पुनरीक्षित प्राक्लन) : 3,09,385.06 करोड़ रुपए।
2019-20 (बजट प्रावधान) : 3,39,368.06 करोड़ रुपए।
2017-18 (वास्तविक) : 2,81,182.05 करोड़ रुपए।
2018-19 (पुनरीक्षित प्राक्लन) : 3,09,385.06 करोड़ रुपए।
2019-20 (बजट प्रावधान) : 3,39,368.06 करोड़ रुपए।
लाइलाज मर्ज
वर्ष 2011-12 से 2014 की अवधि में कांग्रेस की तत्कालीन गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रतिवर्ष कर्ज जीडीपी अनुपात 24-25 प्रतिशत रहा। वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत में बकाया कर्ज की राशि का अनुमान 3.38 लाख करोड़ रुपए है, जो जीडीपी का लगभग 34 प्रतिशत बैठ रहा है।
वर्ष 2011-12 से 2014 की अवधि में कांग्रेस की तत्कालीन गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रतिवर्ष कर्ज जीडीपी अनुपात 24-25 प्रतिशत रहा। वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत में बकाया कर्ज की राशि का अनुमान 3.38 लाख करोड़ रुपए है, जो जीडीपी का लगभग 34 प्रतिशत बैठ रहा है।
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