जोधपुर. जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी ( jainarayan vyas university ) ने शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग ( Seventh Pay Commission ) का लाभ देने को मंजूरी दे दी है। यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट ( syndicate
) की यहां आयोजित बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया। वहीं वर्ष 2017-18
की डिग्रियों पर मोहर लगा दी गई। साथ ही जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की
सोमवार को आयोजित सिंडिकेट बैठक में पूर्व कुलपति ( Former Vice Chancellor ) प्रो. आरपीसिंह की ओर से किए गए वित्तीय व प्रशासनिक निर्णयों की जांच के लिए सरकार को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया।
सेंट्रल हॉल में हुई बैठक
कुलपति प्रो. गुलाबसिंह की अध्यक्षता में सेंट्रल हॉल में हुई बैठक में सिंडिकेट सदस्य शहर विधायक मनीषा पंवार, लोहावट विधायक किसनाराम विश्नोई, प्रो. विनोदकुमार शर्मा, प्रो. विजयसिंह, प्रो. केएन उपाध्याय, प्रो. सोहनलाल मीणा, प्रो. चैनाराम चौधरी और प्रो. परबतसिंह चारण मौजूद थे। बैठक में वर्ष 2017 व 2018 की उपाधियों का अनुमोदन किया गया।
वेतनमान देने की स्वीकृति
बैठक में विश्वविद्यालय शिक्षकों को राज्य सरकार के निर्देश पर सातवें वेतनमान देने की स्वीकृति प्रदान की गई। वर्ष 2012-13 में जेएनवीयू में शिक्षक भर्ती घोटाले में चयनित व बर्खास्त शिक्षकों को भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलेगा। जबकि प्रो. पीके दशोरा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राजभवन ने 15 जून 2018 व सरकार ने 5 जुलाई 2018 के पत्रों के माध्यम से घोटाले में चयनित शिक्षकों को हटाने की कार्यवाही करने के साथ ही भर्ती घोटाला को अंजाम देने वाले जिम्मदारों के विरुद्ध भी कार्यवाही करने को कहा था।
समिति गठित की गई
बैठक के एजेण्डे में से इन दोनों बिंदुओं को हटा दिया गया। नियमानुसार एक बार एजेंडा बनने और सिंडिकेट बैठक स्थगित होने तथा अगली बार पुन: बैठक होने पर इसमें नए एजेंडे जोडे़ जा सकते हैं, लेकिन किसी भी अवस्था में पुराने एजेंडा को हटा नही सकते। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान सर्वसम्मति से नकल प्रकरण समितियों के गठन के लिए कुलपति प्रो. गुलाबसिंह चौहान को अधिकृत किया गया। साथ ही अधिवक्ताओं के पैनल बनाने, बजट से संबंधित सभी प्रकरणों की सूक्ष्म जांच व संक्षिप्त रिपोर्ट के लिए समिति गठित की गई।
अस्वीकार किया गया
पूर्व व वर्तमान कुलसचिवों की नियुक्तियों, जेएनवीयू से संबंद्ध महाविद्यालयों पर नियमों की अवहेलना करने पर पेनल्टी लगाने के लिए प्रतिवेदन का अनुमोदन किया गया। राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी आदेश ग्रेड पे 3600 या कम ग्रेड पे के अधीनस्थ सेवाओं और मंत्रालयिक सेवाओं के पदों पर भर्ती संबंधी आदेश का अस्वीकार किया गया।
नकल प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित
बैठक में 12 महाविद्यालयों को सत्र 2019-20 की मान्यता व समूह नकल की जांच के लिए समिति गठित कर प्रो. विजयसिंह, प्रो. विनोदकुमार शर्मा व प्रो. चैनाराम चौधरी को मनोनीत किया गया। उन्हें संबंधित महाविद्यालयों को समिति के अंतिम निर्णय तक प्रवेश प्रक्रिया चालू नहीं रखने की अनुमति न देने के लिए सूचित करने के निर्देश दिए गए।
सेंट्रल हॉल में हुई बैठक
कुलपति प्रो. गुलाबसिंह की अध्यक्षता में सेंट्रल हॉल में हुई बैठक में सिंडिकेट सदस्य शहर विधायक मनीषा पंवार, लोहावट विधायक किसनाराम विश्नोई, प्रो. विनोदकुमार शर्मा, प्रो. विजयसिंह, प्रो. केएन उपाध्याय, प्रो. सोहनलाल मीणा, प्रो. चैनाराम चौधरी और प्रो. परबतसिंह चारण मौजूद थे। बैठक में वर्ष 2017 व 2018 की उपाधियों का अनुमोदन किया गया।
वेतनमान देने की स्वीकृति
बैठक में विश्वविद्यालय शिक्षकों को राज्य सरकार के निर्देश पर सातवें वेतनमान देने की स्वीकृति प्रदान की गई। वर्ष 2012-13 में जेएनवीयू में शिक्षक भर्ती घोटाले में चयनित व बर्खास्त शिक्षकों को भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलेगा। जबकि प्रो. पीके दशोरा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राजभवन ने 15 जून 2018 व सरकार ने 5 जुलाई 2018 के पत्रों के माध्यम से घोटाले में चयनित शिक्षकों को हटाने की कार्यवाही करने के साथ ही भर्ती घोटाला को अंजाम देने वाले जिम्मदारों के विरुद्ध भी कार्यवाही करने को कहा था।
समिति गठित की गई
बैठक के एजेण्डे में से इन दोनों बिंदुओं को हटा दिया गया। नियमानुसार एक बार एजेंडा बनने और सिंडिकेट बैठक स्थगित होने तथा अगली बार पुन: बैठक होने पर इसमें नए एजेंडे जोडे़ जा सकते हैं, लेकिन किसी भी अवस्था में पुराने एजेंडा को हटा नही सकते। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान सर्वसम्मति से नकल प्रकरण समितियों के गठन के लिए कुलपति प्रो. गुलाबसिंह चौहान को अधिकृत किया गया। साथ ही अधिवक्ताओं के पैनल बनाने, बजट से संबंधित सभी प्रकरणों की सूक्ष्म जांच व संक्षिप्त रिपोर्ट के लिए समिति गठित की गई।
अस्वीकार किया गया
पूर्व व वर्तमान कुलसचिवों की नियुक्तियों, जेएनवीयू से संबंद्ध महाविद्यालयों पर नियमों की अवहेलना करने पर पेनल्टी लगाने के लिए प्रतिवेदन का अनुमोदन किया गया। राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी आदेश ग्रेड पे 3600 या कम ग्रेड पे के अधीनस्थ सेवाओं और मंत्रालयिक सेवाओं के पदों पर भर्ती संबंधी आदेश का अस्वीकार किया गया।
नकल प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित
बैठक में 12 महाविद्यालयों को सत्र 2019-20 की मान्यता व समूह नकल की जांच के लिए समिति गठित कर प्रो. विजयसिंह, प्रो. विनोदकुमार शर्मा व प्रो. चैनाराम चौधरी को मनोनीत किया गया। उन्हें संबंधित महाविद्यालयों को समिति के अंतिम निर्णय तक प्रवेश प्रक्रिया चालू नहीं रखने की अनुमति न देने के लिए सूचित करने के निर्देश दिए गए।
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