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सरकार ने दी कोचिंग तो 50 से 80% पहुंचा आदिवासी छात्रों का परिणाम

भास्करन्यूूज | आबूरोड सरकारने ब्लॉक के जनजाति क्षेत्रीय विभाग के अधीन संचालित आवासीय विद्यालय और आश्रम छात्रावासों में पढ़ने वाले वनवासी स्टूडेंट्स के लिए चल रही कोचिंग और मॉनिटरिंग व्यवस्था पर इस साल विशेष ध्यान दिया।
इसका परिणाम यह हुआ कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं विज्ञान परीक्षा का परिणाम 50 फीसदी से 80 फीसदी पहुंच गया, तो कला वर्ग का 96 फीसदी रहा। दोनों वर्ग के कुल 102 स्टूडेंट्स में से 42 स्टूडेंट्स अच्छे अंकों के साथ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए, जो द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए उनमें से अधिकांश प्रथम श्रेणी के लिए आवश्यक अंकों के नजदीक पहुंचे हैं। गौरतलब है कि पिछले सालों में विज्ञान विषय का परीक्षा परिणाम 50 से 55 प्रतिशत के बीच अटका था।
{्दानवाब आवासीय विद्यालय
विज्ञानवर्ग : कुल15 स्टूडेंट्स, 4 प्रथम, 8 द्वितीय, परिणाम 80 फीसदी
कलावर्ग : कुल22 स्टूडेंट्स, 18 प्रथम, 3 द्वितीय, परिणाम 95.45 फीसदी
{सांतपुरछात्रावास (छात्र): कुल16 छात्र, 5 प्रथम, 7 द्वितीय, 3 तृतीय, परिणाम 94 फीसदी
{किवरलीछात्रावास (छात्र) : कुल4 छात्र, सभी द्वितीय श्रेणी, परिणाम 100 फीसदी
{ओरछात्रावास (छात्र): कुल5 छात्र, 3 प्रथम, 1 द्वितीय, परिणाम 80 फीसदी
{मानपुरछात्रावास (छात्रा): कुल9 छात्राएं, 5 प्रथम, 4 द्वितीय, परिणाम 100 फीसदी
{गिरवरछात्रावास (छात्र) : कुल15 छात्र, 5 प्रथम, 10 द्वितीय, परिणाम 100 फीसदी
{सांतपुरखेल छात्रावास (छात्र) : कुल7 छात्र, 1 प्रथम, 6 द्वितीय, परिणाम 100 फीसदी
{सांतपुरखेल छात्रावास (छात्रा) : कुल9 छात्राएं, 1 प्रथम, 8 द्वितीय, परिणाम 100 फीसदी
कुलस्टूडेंट्स : 102,विज्ञान वर्ग में 15 कला वर्ग में 87
आईआईटी में चयन : आवासीयविद्यालय में पिछले साल 12वीं विज्ञान के छात्र रहे ईसरा निवासी हीमाराम गरासिया का आईआईटी (जेईई) में चयन हुआ था।
ये रहे टॉपर
आश्रमछात्रावास और तलहटी स्थित आवासीय स्कूल स्तर पर विद्यालय में 12वीं विज्ञान विषय के छात्र ललित कुमार ने सर्वाधिक 75 फीसदी कला वर्ग के छात्र सुरेश कुमार ने 79.2 अंक प्राप्त किए।
अधिकारियों का प्रयास लाया रंग
शिक्षासत्र 2015-16 शुरू होने के साथ विभाग के अधिकारियों ने छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करना शुरू किया। उस दौरान उन्होंने स्टूडेंट्स से रूबरू होकर कोचिंग और कक्षा में पढ़ाई व्यवस्था तथा उपलब्ध सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया। उस आधार पर वार्डन और व्याख्याताओं को अन्य के साथ कमजोर बच्चों पर भी विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। यह प्रयास कारगर साबित हुआ। बेहतर शिक्षण व्यवस्था से मिले प्रोत्साहन से स्टूडेंट्स ने परीक्षा के लिए मेहनत की और सबके सामने छाप छोड़ने में सफल रहे। आगे भी ऐसा प्रयास जारी रहा तो अगले साल निजी स्कूलों के समान छात्रावासों के स्टूडेंट्स का परीक्षा परिणाम 100 फीसदी पहुंचने की उम्मीद की जा सकती है।
कोचिंग मॉनिटरिंग पर दिया खास ध्यान
^इससाल छात्रावासों और आवासीय विद्यालयों के बच्चों की कोचिंग और मॉनिटरिंग पर खास ध्यान दिया। इससे वनवासी स्टूडेंट्स को प्रोत्साहन मिला। उन्होंने मेहनत की और अच्छे अंकों से पास हुए हैं। इस साल शिक्षण व्यवस्था में सुधार का और ज्यादा प्रयास करेंगे। -अरविंद पोसवाल, उपखंड अधिकारी, माउंट आबू
एक घंटा कोचिंग
प्रत्येकछात्रावास में कोचिंग व्यवस्था से स्टूडेंट्स को बड़ा फायदा मिला। कोचिंग के लिए विषयाध्यापक नियुक्त किए। उन्होंने छह माह की कोचिंग के दौरान एक घंटा अतिरिक्त विषय पढ़ाए। कमजोर छात्रों पर खास ध्यान दिया।

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