भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के कोटडी सीबीईओ कार्यालय में संविदा पर कार्यरत एक कंप्यूटर ऑपरेटर के चौंकाने देने वाली कृत्य का खुलासा हुआ है। इस शख्स ने फर्जी शिक्षक बनकर अपनी पत्नी के खाते में 80 लाख रुपए जमा कराकर बड़ा गबन कर दिया। कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल सुवालका ने साल 2010 से 2021 के
बीच लाखों रुपए की राशि का गबन किया। पर हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस गबन के खुलासे के बाद पीईईओ और शिक्षा विभाग के 12 अन्य अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन लोगों ने बिना देखे ही तनख्वाह के बिल वेरीफाई कर दिए थे, जिसके कारण इतना बड़ा घोटाला संभव हो सका। अब कोटडी के सीबीईओ बलराम मीणा ने कोटडी पुलिस थाने में कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल सुवालका के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है ।एफआईआर के बाद जब जांच हुई तो खुला 80 लाख के गबन का केस
फर्जी शिक्षकों के नाम पर अपनी पत्नी के बैंक खाते में वेतन जमा करने वाला यह कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल साल 2007 से 13 अगस्त 2021 तक शिक्षा विभाग में कार्यरत था। 12 अगस्त 2021 को पंचायत के प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और प्रधानाचार्य गेगा का खेड़ा ने पहले बड़लियास थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसके आधार पर शिक्षा अधिकारियों की ओर से अनुसंधान करने पर गबन की राशि 80 लाख तक पहुंच गई। एफआईआर के अनुसार गोपाल सवालका ने अपनी पत्नी दिलखुश सवालका, जो राजकीय कर्मचारी नहीं है। इसके बावजूद उसके बैंक खाते में प्रतिमाह विभिन्न फर्जी शिक्षकों के नाम से वेतन बिल बनाकर राशि लगातार जमा करवाता रहा। साथ ही सुवालका शिक्षा विभाग के कार्यालय की राजकीय आईडी और पासवर्ड का गलत इस्तेमाल कर हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी में एडिटिंग कर गबन करता रहा । मगर वेतन बिलों को वेरीफाई करने वाले शिक्षा अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
यूं खुला मामला
उल्लेखनीय है कि 12 अगस्त 2021 को पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और प्रधानाचार्य गेगा की ओर से गोपाल सवालका पर केस दर्ज करवाया, तब मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मा राम चौधरी ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक योगेश पारीक के नेतृत्व में एक जांच बिठाई। जांच में पता चला कि गोपाल सवालका अपनी पत्नी दिलखुश के स्टेट बैंक की कोटडी शाखा मैं अब तक 80 लाख रुपए ट्रांसफर कर चुका है। इधऱ कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल सुवालका की ओर से रीठ के राजकीय विद्यालय में 9 लाख रुपए के गबन का एक और मामला सामने आया है। इसकी भी एफआईआर अब दर्ज होगी। गोपाल रीट गांव का ही रहने वाला है। वहीं कोटडी के शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधीन संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत था ।बता दें कि गबन की राशि से गोपाल ने कई महंगे वाहन खरीद लिए और भूखंडों में भी निवेश किया है जबकि तनख्वाह मात्र ₹5000 महीना है।
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल ने रवि, रमेश ,सुरेश, सहित कई नामों से काल्पनिक फर्जी शिक्षक बना रखे थे। इनकी पोस्टिंग अलग-अलग स्कूलों में बता रखी थी। वहीं इनके बैंक खाता नंबर के स्थान पर अपनी पत्नी दिलखुश का बैंक खाता नंबर लिख रखा था। आईडी भी एक ही दे रखी थी। यह हर महीने अलग-अलग स्कूल से वेतन उठाता था और शिक्षा अधिकारी कार्यालय की राज्य आईडी में पासवर्ड का गलत इस्तेमाल कर हार्ड कॉपी सॉफ्ट कॉपी में एडिटिंग कर रांची अपनी पत्नी के खाते में जमा करवा देता था । साथी जो बिल शिक्षा अधिकारी के समक्ष पेश करता था। उस समय इन फर्जी शिक्षकों के नाम हटा देता था कभी-कभी तो यह स्कूल प्रिंसिपल से भी अधिक राशि अपनी पत्नी के खाते में जमा करवा देता था।
शिक्षा मंत्री ने कहा - गहनता से जांच की जाएगी, संपत्ति बेचकर वसूली जाएगी राशि
संविदा पर लगे कंप्यूटर ऑपरेटर के इस गबन की खबर सामने आने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह प्रदेश का बड़ा मामला है इसलिए इसकी गहन जांच होगी। ऐसा गबन और स्कूलों में भी हो सकता है इसलिए राज्य के सभी स्कूलों में टीमें गठित कर स्पेशल ऑडिट करवाया जाएगा। साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल सुवालका की संपत्ति बेचकर उससे राजकीय राशि वसूल की जाएगी।
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