जयपुर, 1 अगस्त
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Rajasthan Board of Secondary Education) की ओर से आगामी 26 सितंबर को रीट परीक्षा (reet exam) का आयोजन किया जाना है लेकिन इससे पहले तकरीबन 2.53 लाख अभ्यार्थियों की
रीट प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त (REIT certificate expires) हो गई। यह वह अभ्यार्थी हैं जो 2018 में हुई परीक्षा शामिल हुए थे। इनके प्रमाणपत्र की वैधता 31 जुलाई को समाप्त हो गई। तीन साल की वैधता होने के कारण ये अभ्यर्थी 2018 के बाद एक भी परीक्षा नहीं दे पाए। कारण है कि 2018 के बाद सरकार ने सितंबर 2019 में रीट परीक्षा की घोषणा की थी। लेकिन कोरोनाकाल और सरकार की लेटलतीफी के चलते 2021 में परीक्षा निर्धारित की गई है। अब ये अभ्यर्थी अपने प्रमाण पत्र की वैधता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों ने अभियान छेड़ा है। गौरतलब है कि इससे पहले पांच बार सरकार रीट परीक्षा की तारीख की घोषणा कर चुकी है। प्रदेश में 3 लाख 18 हजार067 अभ्यर्थियों के पास ही पात्रता थी। इनमें से भी लेवल वन के 64 हजार प्रमाण पत्रों की वैधता अप्रैल में खत्म हो चुकी और लेवल टू के प्रमाण पत्रों की वैलेडिटी जुलाई 2021 तक थी।चार बार 12.61 लाख ली शिक्षक पात्रता
चार बार हुई आरटेट.रीट में 12 लाख 61 हजार 258 अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता प्राप्त की थी। राज्य सरकार ने वर्ष 2011 और 2012 में आयोजित आरटेट के प्रमाण पत्रों की वैद्यता अवधि 7 साल और वर्ष 2015 और 2017 में हुई रीट के प्रमाण पत्रों की 3 साल तय थी। उनकी वैद्यता अवधि इस साल पूरी हो गई है।
अभ्यार्थी कर रहे समय सीमा बढ़ाने की मांग
राजस्थान सरकार को अभ्यर्थियों को शिथिलता प्रदान करनी चाहिए। कोविड को देखते हुए हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों ने अभ्यर्थियों को दो वर्ष तक शिथिलता प्रदान की है , कोरोना की वजह से अभ्यर्थियों का नुकसान हुआ है। 2019 को इस भर्ती की घोषणा की गई थी। इस घोषणा के बाद काफी पद खाली हो गए हैं राज्य सरकार रीट के पदों की संख्या में भी वृद्धि कर युवाओं को राहत प्रदान करनी चाहिए।
असलम चोपदार, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान रोजगार महासंघ
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