जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय सिंडीकेट की मंगलवार को लंबे अंतराल के बाद नियमित बैठक कुलपति प्रो. राजीव जैन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिस दौरान बैठक चल रही थी उसी दौरान विवि के सेवानिवृत्त कार्मिकों ने कुलपति सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया और रिटायर होने वाले कार्मिकों को सेवानिवृत्ति वाले दिन ही ग्रेच्युटी का चैक दिए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया। सिंडीकेट की बैठक में राजस्थान विश्वविद्यालय का वर्ष 2020-21 का बजट पारित किया गया। सिंडीकेट ने विश्वविद्यालय में 2018 से कार्य कर रहे नवनियुक्त शिक्षकों का परिवीक्षाकाल प्रोबेशन पीरियड दो वर्ष पूर्ण करने के बाद नियमानुसार उन्हें स्थायी किए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए करियर एडवांसमेंट स्कीम की प्रक्रिया शीघ्र ही प्रारम्भ किए जाने का निर्णय भी इस बैठक में लिया गया।
इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी हुआ विचार विमर्श और निर्णय
: पूर्व में आयोजित सिण्डीकेट बैठकों सहित बोर्ड ऑफ इंस्पेक्शन के कार्यवाही विवरण पर भी चर्चा कर उनका अनुमोदन।
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विश्वविद्यालय में नवनिर्मित केन्द्रीय पुस्तकालय के भवन की आंतरिक
सुसज्जा कर उसे छात्रों की सुविधा के लिए शीघ्र ही प्रारम्भ किए जाने का भी
निर्णय
: जयपुर व दौसा स्थित पीजी कॉलेज जहां रिसर्च सेंटर स्थापित
नहीं हैं, ऐसे कॉलेजों में नियमानुसार रिसर्च सेंटर स्थापित किए जाने का भी
निर्णय
: 8 जनवरी 2021 को वर्चुअल रियलिटी मोड पर आयोजित किए जाने वाले 30वें दीक्षांत समारोह से जुड़ी तैयारियों को लेकर भी बैठक में चर्चा
: विश्वविद्यालय में राष्ट्रीयकृत बैंकों की स्थापना को प्रारम्भ करने के संबंध में भी विस्तृत विचार विमर्श
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विश्वविद्यालय में आयाजित होने वाली सिंडीकेट बैठकों के कार्यवाही की
रिकॉर्डिंग किए जाने के साथ ही शोध छात्रों से जुड़ी विभिन्न मांगों पर भी
बैठक में विचार कर निर्णय लिया गया।
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सेवानिवृत्त कार्मिक बैठे धरने पर
सिंडीकेट की बैठक
के दौरान राजस्थान विवि सेवानिवृत्त कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले पूर्व
कर्मचारियोंने धरना दिया। कर्मचारियों ने रिटायर होने वाले कार्मिकों को
सेवानिवृत्ति वाले दिन ही ग्रेच्युटी का चैक दिए जानेए प्रयोगशाला सहायक के
पद पर कार्यरत 7 प्रयोगशाला सहायकों को प्रयोगशाला सहायक के पद का वेतनमान
दिए जाने विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया। कर्मचारियों का कहना था कि
ग्रेच्युटी समय पर नहीं मिलने से कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
वहीं पूर्व में पातेय वेतन पर कार्यरत 7 प्रयोगशाला सहायकों को वेतनमान
नहीं दिा जा
रहा है। कार्मिकों ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो कार्मिकों को आंदोलन करने पर मजबूर होना होगा।
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