जयपुर (Rajasthan Highcourt ) हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक
भर्ती:2013 के जरिए (appointed) नियुक्त हुए (Teachers) शिक्षकों को
(termination from service) नौकरी से हटाने के मामले में राज्य सरकार सहित
अन्य
पक्षकारों से (reply) जवाब देने के लिए कहा है। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह अंतरिम निर्देश प्रेमचंद लोधा व अन्य की याचिका पर दिया। याचिका में कहा कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती: 2013 में प्रार्थी अभ्यर्थियों ने लेवल प्रथम में आवेदन किया था और चयन के बाद उनकी नियुक्ति हो गई। लेकिन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पालन में जिन प्रार्थी अभ्यर्थियों ने विज्ञापन के अनुसार आवेदन की अंतिम तारीख तक शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेजों को पेश नहीं किया था उन्हें नौकरी से हटा दिया है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में आवेदन की अंतिम तारीख तक योग्यता नहीं रखने वालों को हटाने का फैसला दिया है। लेकिन इस मामले में प्रार्थी पक्षकार ही नहीं थे। ऐसे में शिक्षा विभाग को प्रार्थियों को नौकरी से हटाने से पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था। प्रार्थियों का पक्ष सुने बिना उन्हें नौकरी से हटाना गलत है। इस पर कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार सहित अन्य से जवाब के लिए कहा।
पक्षकारों से (reply) जवाब देने के लिए कहा है। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह अंतरिम निर्देश प्रेमचंद लोधा व अन्य की याचिका पर दिया। याचिका में कहा कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती: 2013 में प्रार्थी अभ्यर्थियों ने लेवल प्रथम में आवेदन किया था और चयन के बाद उनकी नियुक्ति हो गई। लेकिन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पालन में जिन प्रार्थी अभ्यर्थियों ने विज्ञापन के अनुसार आवेदन की अंतिम तारीख तक शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेजों को पेश नहीं किया था उन्हें नौकरी से हटा दिया है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में आवेदन की अंतिम तारीख तक योग्यता नहीं रखने वालों को हटाने का फैसला दिया है। लेकिन इस मामले में प्रार्थी पक्षकार ही नहीं थे। ऐसे में शिक्षा विभाग को प्रार्थियों को नौकरी से हटाने से पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था। प्रार्थियों का पक्ष सुने बिना उन्हें नौकरी से हटाना गलत है। इस पर कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार सहित अन्य से जवाब के लिए कहा।
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