स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा तय समय 3 से 13 जनवरी तक ही होगी। शिक्षा
राज्यमंत्री गोविंदसिंह डोटासरा ने कहा कि तीन साल से तैयार कर रहे
अभ्यर्थियों और शिक्षित युवाओं को रोजगार देने के लिए यह निर्णय लिया गया
है। स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर
हजारों अभ्यर्थी शहीद स्मारक, जयपुर में पिछले 19 दिनों से धरने पर बैठे
हैं।
गुरुवार को जयपुर में शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में मीटिंग हुई। जिसमें परीक्षा को समय पर करवाने का निर्णय लिया गया। परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाने के मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने विचार विमर्श कर भर्ती तिथि स्थगित नहीं करने का निर्णय लिया है। उन्होंने आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों से धरना समाप्त करने का अनुरोध किया है।
इधर, धरने पर बैठे राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि अभ्यर्थियों की मांगें मानते हुए परीक्षा तिथि आगे नहीं बढ़ाई तो शुक्रवार को आंदोलन को उग्र करेंगे जिसकी कल्पना सरकार कर भी नहीं सकती। ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में गठित तीन मंत्रियों की कमेटी ने कहा कि पूरा प्रकरण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संज्ञान में है। अब जो भी निर्णय करना है खुद सीएम ही करेंगे। वहीं राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। वर्ष 2018 में स्कूल व्याख्याता के 5 हजार रिक्त पदों पर विज्ञप्ति जारी की गई थी। जिसकी परीक्षा तिथि तीन बार स्थगित कर जनवरी 2020 में रखी गई। आगामी शैक्षिक सत्र 2020-21 में रिक्त पदों पर भर्ती भी की जानी हैं। भर्ती परीक्षा जून-जुलाई में आयोजित की गई तो करीब 7 महीने बाद शिक्षा विभाग को प्राध्यापक उपलब्ध होंगे। शिक्षकों की कमी अौर पिछले तीन साल से उक्त परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लिया गया है।
गुरुवार को जयपुर में शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में मीटिंग हुई। जिसमें परीक्षा को समय पर करवाने का निर्णय लिया गया। परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाने के मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने विचार विमर्श कर भर्ती तिथि स्थगित नहीं करने का निर्णय लिया है। उन्होंने आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों से धरना समाप्त करने का अनुरोध किया है।
इधर, धरने पर बैठे राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि अभ्यर्थियों की मांगें मानते हुए परीक्षा तिथि आगे नहीं बढ़ाई तो शुक्रवार को आंदोलन को उग्र करेंगे जिसकी कल्पना सरकार कर भी नहीं सकती। ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में गठित तीन मंत्रियों की कमेटी ने कहा कि पूरा प्रकरण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संज्ञान में है। अब जो भी निर्णय करना है खुद सीएम ही करेंगे। वहीं राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। वर्ष 2018 में स्कूल व्याख्याता के 5 हजार रिक्त पदों पर विज्ञप्ति जारी की गई थी। जिसकी परीक्षा तिथि तीन बार स्थगित कर जनवरी 2020 में रखी गई। आगामी शैक्षिक सत्र 2020-21 में रिक्त पदों पर भर्ती भी की जानी हैं। भर्ती परीक्षा जून-जुलाई में आयोजित की गई तो करीब 7 महीने बाद शिक्षा विभाग को प्राध्यापक उपलब्ध होंगे। शिक्षकों की कमी अौर पिछले तीन साल से उक्त परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लिया गया है।
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