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अधिकार की श्रेणी में न होने से महिला शिक्षकों को बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश नहीं मिलने पर आक्रोश

भास्कर संवाददाता|श्रीगंगानगर राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत जिला शाखा श्रीगंगानगर के तत्वावधान में रविवार को पुरानी अाबादी स्थित शिक्षक भवन में महिला शिक्षक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें महिला शिक्षकों से संबंधित समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया।
अध्यक्षता महिला उपाध्यक्ष सुमित्रा वर्मा ने की। मुख्य वक्ता रिटायर्ड प्रिंसीपल वकील सिंह व जनवादी महिला समिति की जिला सचिव डॉ. सीमा जैन थे। वकील सिंह ने महिला शिक्षकों को कार्य स्थल पर पेश आने वाली समस्याओं के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि चाइल्ड केयर लीव के तहत महिला शिक्षकों के 18 साल की उम्र तक के बच्चों की देखभाल के लिए करीब 2 साल तक की छुट्टी तय की गई है। बच्चे के निशक्त होने की स्थिति में उसकी आयु 22 साल होने तक देखभाल के लिए महिला कर्मचारी छुट्टी ले सकेगी। बजट घोषणा के बाद सरकार ने महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव देने की योजना ताे बना ली, लेकिन अवकाश को अधिकार की श्रेणी में नहीं रखने से महिला शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि छुट्टी देने का अधिकार पीईईओ को दिया गया है लेकिन वह तरह-तरह के नियम तथा आवश्यकता बताकर छुट्टी निरस्त कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने संघ को एकजुट होकर प्रदेश सरकार के समक्ष इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने व महिला शिक्षकों के छुट्टी पर जाने पर वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए।

सम्मेलन में केरल बाढ़ पीडितों की सहायता के लिए 15 हजार रुपए जुटाए

महिला वर्किंग कमेटी का किया गठन, हर वर्ष आयोजित किया जाएगा महिला सम्मेलन

सम्मेलन के समापन पर सर्वसम्मति से महिला वर्किंग कमेटी का गठन किया गया। इसमें संयोजक सपना यादव, पुष्पा टाक, सुमित्रा वर्मा, सुलोचना सहारण, सविता कूकणा, निर्मला बिश्नोई, बसकोरी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। संघ के मंत्री राधेश्याम यादव ने बताया कि इस कमेटी की वर्ष में कम से कम चार बार बैठक की जाएगी। इसमें शिक्षक समस्याओं पर प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। इस दौरान हर वर्ष महिला सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव पास किया गया।

सम्मेलन में सीमा जैन ने महिलाओं के शोषण पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकारी उदासीनता को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कानून बनाने मात्र से शोषण समाप्त नहीं हो सकता। इसके लिए महिला जागरूकता आवश्यक है। महिला शिक्षकों को इसमें अपनी भूमिका निभानी होगी। विद्यालयों में महिलाओं के लिए आधारभूत सुविधाओं की नितांत कमी है, इस ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। इसी कड़ी में विजय लक्ष्मी, कमलेश वर्मा, अनिता सागर, सुलोचना सहारण व राधेश्याम ने भी संबोधित किया। इस मौके पर केरल बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए 15 हजार रुपए जुटाए।

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